नन्दोईजी नहीं लण्डोईजी

औरतों के मन को पढ़ पाना शायद खुदा के लिये भी संभव नहीं है. मेरी बीवी की भाभी मुझे नन्दोईजी कहकर बुलाती थी मगर लगता था जैसे वो लण्डोईजी कह रही हो. क्या मेरे सुनने में कोई त्रुटि हो रही थी या उसकी ज़बान ही कुछ और कहना चाहती थी?

नन्दोईजी नहीं लण्डोईजी-2

On 2009-08-04 Category: जीजा साली की चुदाई Tags:

नीचे मधु मेरा इंतजार ही कर रही थी। सुधा रसोई में खाना लेने चली गई थी। जानबूझ कर हमें अकेला छोड़ कर। मैं किसी प्यासे भंवरे की तरह मधु से लिपट गया। मुझे पता था वो मुझे चूत तो हरगिज नहीं चूसने देगी। और इस हालत में मेरा लंड वो कैसे चूसती। उसने एक चुम्बन […]

नन्दोईजी नहीं लण्डोईजी-1

On 2009-08-03 Category: जीजा साली की चुदाई Tags:

लेखक : प्रेम गुरु “आपकी चूत पर उगी काली लम्बी घनी रेशमी झांटें देखी इन्हें काटियेगा नहीं चूत बे-परदा हो जायेगी !” … प्रेम गुरु की कलम से मैंने लोगों से सुना था कि किसी लड़की या औरत की खूबसूरती उसके उरोजों और नितम्बों से जानी जा सकती है। पर गुरूजी तो कुछ और ही […]

Scroll To Top