मुझे रण्डी बनना है-11
कोठे वाली मौसी ने जो कहा था वो सोलह आने सच था- बिना मेहनत जांघें फैलाकर लौड़े लेकर पैसे कमाने की आदत हो गई तो फिर छूटना मुश्किल।
मैं रेलगाड़ी में यात्रा कर रहा था, वर्षा के कारण गाड़ी में भीड़ नहीं थी, मेरे वाले डिब्बे में 5-7 लोग अलग थलग से बैठे हुए थे। मैं छिप-छिपा कर सेक्सी स्टोरी वाली पुस्तक पढ़ रहा था, उस पर मैंने एक कवर चढ़ाया हुआ था जिससे किसी को पता न चले। मेरे साथ वाली सीट खाली थी।
मैं पुस्तक बन्द करके सीट पर रख कर टॉयलेट की तरफ चला गया। इतने में स्टेशन आया, गाड़ी रुकी, मुझे टॉयलेट में ही किसी यात्री के चढ़ने की आवाज सुनाई दी। वापस आकर मैंने देखा कि एक आदमी मेरे साथ वाली सीट पर बैठा है, उसके साथ एक महिला भी थी।
वो साली क्या सेक्सी लग रही थी!
वो मेरी पुस्तक पढ़ रहा था, उसमें कुछ नंगी फ़ोटो अपनी बीवी को दिखा रहा था।
मैं शर्म के मारे धरती में गड़ सा गया, सोचा कि क्या समझ रहा होगा मेरे बारे में!
उसने मुस्कुरा कर पूछा- यह आपकी है? इससे अच्छी मैं अपनी सच्ची सेक्सी स्टोरी सुनाता हूँ।
उसने बताया कि यह मेरी बीवी सुनीता है और मेरा नाम है सुजीत..
उसने अपना कहानी का दौर शुरू किया.
सुजीत- अभी दो हफ़्ते पहले मैं और सुनीता कुल्लू-मनाली, शिमला और आखिर में दिल्ली घूमने के लिए गये। शिमला में बहुत खर्च हुआ, सोचा कि दिल्ली में सस्ते में घूमेंगे, सस्ता खाएंगे और सस्ते होटल में रहेंगे पर दिल्ली स्टेशन पर उतरते ही जेब कट गई। सोचा कि अब क्या होगा? कैसे भी करके घूमना ही है। मैंने शर्म के मारे अपने घर से पैसे नहीं मंगवाए, सोचा कि मेरा मजाक बनेगा।
तभी मेरे दिमाग में एक शैतानी ख्याल आया कि दुनिया में एक ही चीज़ तो कहीं पर भी बिक सकती है… और वो है औरत का ज़िस्म, उसके लिए ग्राहक आ ही जाते हैं।
कोठे वाली मौसी ने जो कहा था वो सोलह आने सच था- बिना मेहनत जांघें फैलाकर लौड़े लेकर पैसे कमाने की आदत हो गई तो फिर छूटना मुश्किल।
डोना रण्डीपन पर उतर आई और बोली- मौसी, मुझे भी ऐसा मस्त लौड़ा चाहिये ! बहुत दिन हो गए मैंने लौड़ा नहीं लिया ! गोवा में चार महीने पहले एक 50 साल के आदमी से चुदवाया था।
जूली ने उसे उसके और अपने कपडे उतारने कहा। उसने एक एक करके जूली के कपड़े उतारे और जूली ने शरारती होकर लड़के को एकदम नंगा कर दिया.
ग्राहकों ने सिटी मारी और बोले- साली इस कोठे की रंगीनियाँ कुछ अलग ही हैं ! साली आज सब आधे से ज्यादा तो नंगी ही हैं ! ज्यादा तकलीफ नहीं होगी कपड़े निकालने में।
मैं इनके लिए कस्टमर लाता हूँ और बदले में चाहे तो पैसे नहीं तो चोदने को मिलता है। सबको चोद चुका हूँ। सिर्फ जूली बाकी है, वो भी आज मेरे लौड़े के नीचे आ जायेगी।
मैं तो उस नकली समाज की बात करती हूँ जहाँ पराई सेक्सी औरत देखी नहीं कि पुरुषों के लौड़े बिलबिला जाते हैं और चोदने की छुपी तमन्ना लिए नजरों से उस औरत को चोद डालते हैं।
राजा ने दोनों को नंगी कर दिया और दोनों के बगल में हाथ डालकर दोनों की चूचियों से खेलने लगा। दोनों की निप्पलें उसके स्पर्श से एकदम अंगूर के दाने जैसे कड़क हो गई।
मौसी सुनीता की गाण्ड को थपथपाते हुए- हाँ मेरी रण्डी रानी, जो हुकुम ! अब तुम्हारा राज है और 3 दिन ! साली रण्डी बनी है तो मर्द के साथ क्या करेगी?
मौसी बोली- चलो बन गई तेरी बीवी रंडी ! क्योंकि पराए मर्द का लौड़ा लेना सीख लिया, अब इसे कुछ नहीं सिखाना पड़ेगा। अब तू भी भड़वाई सीख ले अब्दुल से !
वो मेरे गोद में बैठ गई और उसने मुझे चूम लिया। उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और खुद कपड़ों में मेरी गोद में बैठ गई। उसने मेरे लौड़े पर हाथ पहुंचा दिया।
मैं जबसे जवान हुई तबसे मुझे रंडियों के बारे में जानने का शौक था। मुझे कुछ दिनों के लिये रंडी बनकर जी कर देखना था, समाज का डर था और अपने शहर में तो यह मुमकिन नहीं था।