चाण्डाल चौकड़ी के कारनामे-14
शिखा बोली- आ जा भाई, आ जा… मैंने काफी देर से तेरी आँखों में मेरे बदन के लिए हवस देखी है… तू आजा मेरे ऊपर और नोच डाल अपनी सगी बहन के बदन को!
गांडू, लंड चुसाई के खेल खेलता था मैं अपनी बुआ के लड़के के साथ किशोरावस्था में… कई साल बाद वो मेरे घर आया तो मेरी बीवी और हम दोनों के बीच क्या हुआ, इस कहानी में!
शिखा बोली- आ जा भाई, आ जा… मैंने काफी देर से तेरी आँखों में मेरे बदन के लिए हवस देखी है… तू आजा मेरे ऊपर और नोच डाल अपनी सगी बहन के बदन को!
शर्तानुसार मैंने नीता को छूना था लेकिन छूने से आगे बढ़ कर मैंने नीता को पूरी नंगी कर दिया तो शिखा, मधु हैरान हो गई और उनकी अन्तर्वासना उनके चेहरे पर झलक आई।
राहुल- हमें भरोसा नहीं है, ब्रा खोल कर दिखाओ। नेहा गुस्से में अपना हाथ पीठ के पीछे डाला और ब्रा खोल कर बिना कोई और कपड़ा निकाले, निकाल कर हमारी ओर फेंक दी।
नीलेश बोला- कैसी लगी मेरी बहन शिखा? मैंने कहा- यार वो तो कमाल ही है। उसकी चुदाई तो बनती है, कुछ नहीं तो कम से कम उसे एक बार नंगी कर के देख, मस्त एकदम!
मैंने सोचा 'अब रो तो रही ही है' इधर लंड भी अपनी पूरी औकात में था, मैंने फिर से जोर का धक्का लगाया और पेल दिया अपना लंड उसकी चूत में।
नेहा की कुंवारी चूत खोलने के बाद मैं अपने कमरे में गया और दूसरी कुंआरी चूत को उसके कमरे में भेजा। कुछ देर मधु, नीता से बात करके मैं शिखा के कमरे में गया।
मैं बहुत गर्म हो चुका था इसलिए नेहा की चूत पर अपना लंड सेट किया और बोला- तुझे अंगेरजी में चुदने में मज़ा आता है पर मुझे हिंदी में गाली देना और सुनना पसंद है।
अपने बदन से कपड़े अलग करके वो मेरे सामने नंगी डांस करने लगी। उसने मेरे करीब आकर अपनी एक टांग मेरे कंधे पर रख दी जिससे मुझे उसकी चूत का नजारा साफ़ दिखने लगा।
मैंने शिखा को पूरी सब्जी का कौर खिलाया तो जानकर थोड़ा गिरा दिया जो शिखा के बूब्स पर गिरा। मैं सबके सामने उसके बूब्स के अंदर हाथ डाल के वो आलू निकाल कर खा गया
मैंने कहा- देख कुंवारी चूत तो सिर्फ हम दोनों में से एक को ही मिल सकती है। मेरे चोदने के बाद मैं उन्हें इतना खोल लूंगा कि तू भी आराम से दोनों को चोद पाएगा।
नेहा सोच रही थी कि इतने सारे लोगों के बीच आखिर उसकी चुदाई कैसे होगी। शिखा सोच रही थी कि नीलेश हो लाये ही क्यूँ। मधु को कोई आईडिया नहीं था कि हो क्या रहा है।
नेहा की चूत चाटने के बाद मैंने अपनी बीवी को फ़ोन करके छत पर बुलाया लेकिन आई मेरी बुआ की बेटी शिखा… वो तो मुझसे चुदवाने को आतुर हो रही थी। काफ़ी मुश्किल से उसे समझाया।
मैंने उसकी शॉर्ट्स में हाथ डाला तो झट से मेरा हाथ पकड़ होंठों को दूर करती हुई बोली- आप दिल्ली वाले तो बहुत फ़ास्ट होते हो? न कोई बात न कोई चीत सीधा चुम्मा।
चौकड़ी घर पहुँची तो वहाँ घर में लोगों की भीड़ देख उनका जोश ठण्डा पड़ गया। आए थे मस्ती करने… यहाँ तो आपस में बात करने का भी मौका नहीं… लेकिन कुछ तो होगा ही…
आंटी चूत चुदवाने को अधीर थी, मैंने आंटी की कसी चूत के अन्दर लौड़ा घुसाकर उनकी चूत खुली की फ़िर आंटी को अपने ऊपर लेकर निलेश को उनकी गांड में लंड घुसाने को कहा।
इधर आंटी पर इतनी देर में किसी ने ध्यान नहीं दिया था तो वो अपनी ओर आकर्षण खींचने के लिए अपनी पैंटी उतार कर साड़ी ऊपर करके अपनी चूत सहलाने लगी।
नीता बाहर गेट पे खड़ी हो गई मधु पूरी नंगी दौड़ती हुई पहले बाथरूम की तरफ गई जो सेकंड AC के डिब्बे की तरफ था और भागकर दूसरी और आई जिस तरफ से बोगी बन्द होती है।
मैंने शादी से पहले अनगिनत लण्डों को देखा है। उसमें मेरे भाई, पापा, चाचा और भी कई लोग आते हैं। मैंने बाथरूम के रोशनदान में एक छेद ढूंढ लिया था जिसमें से मैं इन सभी को देख लेती थी।
डीजे ने नीता को गोद में उठाया जैसे दो साल की बच्ची को उठाता है और उसे सोफे पर बैठा दिया। फिर कालू जैसे स्ट्रिप टीज़र करते है वैसे अपने जीन्स का बटन खोलने लगा
मधु बोली- मेरा जहाँ मन करा, मैं चुदवा रही हूँ और ये कोई मेरा बॉय फ्रेंड नहीं मेरा पति है। मैंने तुम्हे किसी चीज़ के लिए नहीं रोका पर मेरे बदन को हाथ लगाने के लिए तुम्हे मेरे पति से परमिशन लेनी होगी।