कभी सोचा न था कि वो खुद चूत देगी

वैलेंटाइन डे पर मुझे मेरी एक स्कूल टाइम की दोस्त मिल गई. उससे बात हुई तो पता चला कि स्कूल टाइम के बाद हमारे खयालों में कितना परिवर्तन आ गया था. मैंने जिसकी उम्मीद नहीं की थी वह भी मिल गया.

कभी सोचा न था कि वो खुद चूत देगी -2

पैंटी के ऊपर से उसकी महक को सूँघ रहा था.. एक अलग ही महक थी। अब वो घड़ी आ गई.. जिसका बरसों से इंतजार था चूत.. चूत.. चूत… वो बोलने लगी- आह्ह मेरी ‘पुच्ची’ चाट..

कभी सोचा न था कि वो खुद चूत देगी -1

मैं तुम्हारे पास ही हूँ.. तुम अपनी उंगली अपनी चूत में डाल लो.. मैं तुम्हारी फड़कती चूत को देख कर अपना लौड़ा हिला रहा हूँ.. मुझको तुम्हें देखने की बहुत इच्छा हो रही है।

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