गलतफहमी

इस बार इस कहानी में आपको सेक्स के रोमांच के अतिरिक्त लोगों के मन की भावनाओं को समझने का भी मौक़ा मिलेगा, इस कहानी के बीच में अंतर्वासना के डिस्कस बाक्स के नियमित लोगों की भी काल्पनिक कहानियाँ पढ़ने को मिलेगी। यह कहानी लम्बी है, आठ-नौ भागों के बाद एक पड़ाव आयेगा कि कहानी आपको नये सिरे से शुरू हुई सी लगेगी, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है, कहानी का हर एक भाग आपस में जुड़ा हुआ है, आप हर भाग को ध्यान से पढ़ें और पात्रों को ध्यान में रखें।

गलतफहमी-6

मैं अकेला कामुकता से सराबोर दो बहनों के नंगे बदनों से खेल रहा था. वे दोनों लड़कियाँ मेरे लंड को अपनी चूत में लेने कोई उतावली हो रही थी.

गलतफहमी-5

मैं दो अप्सराओं के बीच कामदेव बनकर स्वर्ग का सुख भोग रहा था। एक तरफ गद्देदार भरे हुए स्तन थे तो दूसरी तरफ नोकदार छोटी चूचियों का आनन्द...

गलतफहमी-4

स्कूटी पे पीछे बैठे मैं अपना हाथ उसकी मांसल जांघों तक ले जाने लगा। मैंने उसकी स्कर्ट में नग्न जांघों को और भी अंदाज में सहलाया, सच में उसकी त्वचा का स्पर्श अनोखा था.

गलतफहमी-3

मैंने भाभी से पूछा- भैया तो हैंडसम हैं, आपको टाईम भी देते हैं, आपकी सहेलियां भी हैं तो क्या भैया आपको बिस्तर पे संतुष्ट नहीं कर पाते, या उनका लिंग छोटा है?

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