भाई के लण्ड से चुद कर जीने की आजादी पाई

मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी और मॉडर्न ख्यालों की लड़की थी. मेरे भैया थोड़े पुराने ख्यालों के थे. बात-बात पर मुझे टोकते थे. उनकी इस रोका-टोकी का इलाज मैंने उनके लंड से निकाला. भाई के लंड से चुद कर मैं खुल कर जीने लगी। कहानी में जानें.. कैसे!

भाई के लण्ड से चुद कर जीने की आजादी पाई-3

मैं बोली- भैया आपने अपनी सग़ी बहन को चोद दिया। मैं आगे बोली- पापा को अभी फोन करने जा रही हूँ कि भैया ने यहाँ मुझे अकेले पाकर मुझे चोद दिया।

भाई के लण्ड से चुद कर जीने की आजादी पाई-2

टी-शर्ट पहनते समय मैंने अपनी ब्रा निकाल दी थी। मुझे पता है कि मेरी बड़ी चूचियाँ हैं.. जो टी-शर्ट में पूरी नहीं आ पा रही थीं। इसी वजह से मैं और हॉट लगने लगी।

भाई के लण्ड से चुद कर जीने की आजादी पाई-1

मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अन्तर्वासना की ये कहानियाँ इतना उत्तेजित करने वाली थीं कि मैं अपनी उत्तेजना नहीं रोक पाई। कहानी भाई-बहन की होने के नाते मेरे मुँह से ‘भैया.. भैया..’ ही निकल रहा था।

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