अन्तर्वासना की प्रशंसिका की लेखक से मुलाकात-4
मैंने सर के साथ जो किया था, नादानी में किया था, मेरी भूल थी पर आज तो मैंने सोच समझ कर अपने दिल से किया है, तभी शायद मैं दिल से खुद को तृप्त महसूस कर रही हूँ।
अन्तर्वासना प्रशंसिका चुदास के चलते अपने प्रिय लेखक से मिली. लेखक से मुलाकात के दौरान क्या-क्या हुआ. मुलाकात के बाद प्रशंसिका का मक़सद पूरा हुआ या नहीं?
मैंने सर के साथ जो किया था, नादानी में किया था, मेरी भूल थी पर आज तो मैंने सोच समझ कर अपने दिल से किया है, तभी शायद मैं दिल से खुद को तृप्त महसूस कर रही हूँ।
लंड मेरी पेंटी पर रगड़ रहा था, मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी, मैं अपनी पेंटी उतार कर राहुल से चिपक कर बोली- अब बर्दाश्त नहीं हो रहा! कुछ तो करो! आओ मेरे ऊपर!
अचानक मुझे अहसास हुआ कि मैं सिर्फ ब्रा पेंटी में हूँ, मेरा गोरा बेदाग चिकना बदन अब बेपर्दा है, मेरे चेहरे पर शर्म की लाली आ गई, मेरे जिस्म में वो आग फिर से भड़क गई।
मेरी बुर की पहली चुदाई के 5 साल के बाद मेरा जिस्म राहुल की कहानी को पढ़ कर वही सब फिर से मांगने लगा, मैंने राहुल को मेल किया.. मुझे उनका रिप्लाई भी तुरंत आया!