चुत चुदाई का मन बन गया
(Chut Chudai Ka Mann Ban Gaya)
नमस्कार दोस्तो, इस नाचीज़ का आप सबकी मदमस्तानी रसभरी मुलायम चूतों और खड़े लंडों को मेरा सलाम.
अन्तर्वासना पढ़ने वाले सभी पाठकों को मेरा प्यार भरा नमस्कार. मैं इस सेक्सी स्टोरी साइट का नियमित पाठक हूँ. इसमें प्रकाशित सभी किस्म की चुदाई की कहानी पढ़ना मुझे बेहद पसंद है. इस पर प्रकाशित स्टोरीज पढ़कर अपनी एक स्टोरी आप लोगों के सामने पेश करने का मुझे भी मन हो रहा है.
मैं 25 वर्षीय अविवाहित युवक हूँ, मेरा कद 5’6″ है और रंग साँवला है. मेरा नाम राजा है और मैं पुणे में रहता हूँ.
मुझे ख़ास कर विवाहित, आंटियां, अधेड़ उम्र की महिलायें बहुत पसंद हैं. उनके साथ सेक्स करते समय जो आनन्द मिलता है, वो कम उम्र की लड़कियों की चुदाई करने में नहीं मिलता. उनकी मादकता से भरे नितम्बों अर्थात चूतड़ों की गोलाई मुझे इतना अधिक आकर्षित करती है कि बस पूछो ही मत. उनकी चलने की चाल से चूतड़ों के बीच होने वाला घर्षण और नीचे ऊपर होकर हिलना मानो कयामत ढहा देता है. मुझे तो मानो सारा मजा उसी मटकन को देखने में आ जाता है. उनके उभरे हुए गद्देदार वक्ष और उसके ऊपर के हल्के हल्के भूरे रंग के चूचक.. ऐसे लगते हैं, जैसे सोने पे सुहागा हों. ब्लॉउज के अन्दर से चूचे इतना मन मोह लेते हैं कि उन पर झपटने को दिल ललचाता है. ऐसा लगता है कि इन पके आमों को दबा दबा कर मुलायम करके इनका पूरा रस पी जाऊं
यूँ तो मेरी शिक्षा केवल लड़कों के स्कूल में हुई है. इसलिए लड़कियों के प्रति मेरी कामुकता कुछ ज्यादा ही है.
बात तब की है, जब हम सब दोस्त मिल कर छुट्टियों के दिन काम के लिए जाते थे. एक दिन जब साइट पे पहुंचे तो किसी कारणवश हमारी साइट का काम बंद था. इसीलिए हमें भी बिन माँगे छुट्टी मिल गयी. मैं एक दोस्त के साथ उसके रूम पे चला गया, उसका नाम शंकर था.. वो मेरे से दो साल बड़ा है. हम दोनों ऐसे ही बैठे बोर हो रहे थे.
शंकर दिमाग में कुछ खुरापात पक रही थी, वो मुझसे बोला- राजा आज चुदाई करने का मन कर रहा है, चल चल कर चुदाई का मजा लेते हैं.
मैंने हँस के बोल दिया- तेरा चुदाई करने का मन किया तो तेरे को चुत कहाँ से मिलेगी, हाँ अगर तेरी कोई गर्लफ्रेंड है तो तेरा काम बन सकता है, लेकिन मुझे तो हिला के ही तसल्ली करनी पड़ेगी.
शंकर बोला- अरे यार, मेरी भी तो वैसे ही हालत है, लेकिन मैं अपने एक दोस्त के साथ कई बार जाकर आ चुका हूँ. वहाँ पर चुदाई अलग अलग लड़कियों के साथ कई बार कर चुका हूँ.. तो चल वहाँ चलते हैं और तेरे को भी चुत के दर्शन करवा लाता हूँ.
मैंने भी जोश में आकर हाँ बोल दिया. हम दोनों उस जगह पर पहुँच गए, जैसे ही वहाँ पहुँच कर देखा, वहाँ का नजारा कुछ और ही था. हम जिस गली से गुजरे, वहाँ दोनों तरफ एकदम सजधज कर लड़कियाँ और औरतें खड़ी थीं.
मैंने दोस्त से पूछा- भाई, तू मुझे कहाँ लेकर आ गया है, मुझे तो डर लग रहा. कहीं लेने के देने ना पड़ जाएं.
वह बोला- ऐसा कुछ नहीं होगा, तू सिर्फ चल मेरे साथ.. तेरे को आज जन्नत की सैर करा के लाता हूँ.
मैं चुपचाप उसके साथ बढ़ गया. चलते चलते एक घर के सामने जाकर रूके. उस घर के रूम में कई लड़कियाँ बैठी हुई थीं, उसमें से मुझे एक पसंद करने को बोला गया. मैं थोड़ा घबरा रहा था.. तो उसने पहले अपने लिए एक मस्त माल को चुन लिया और मेरे को भी एक लौंडिया पसंद करने को फोर्स करने लगा.
तब जाके पता चला कि वहाँ की लड़कियाँ पैसे लेकर चुत चुदाई करने के लिए तैयार रहती हैं.
फ़िर मैंने भी हिम्मत करके यहाँ वहाँ नजरें घुमाने के बाद सबके मम्मों को देखा. मुझे एक लड़की पसंद आ गयी. अहहा.. क्या माल थी.. पीले कलर के सलवार में ऐसी लग रही थी, जैसे मानो जन्नत की अप्सरा धरती पे आ गयी हो. उसकी एकदम नशीली आँखें पहली नज़र में ही घायल कर चुकी थीं. उसका 36-30-38 का फिगर एकदम पर्फेक्ट था. मेरे हिसाब उसकी उम्र लगभग 25 से 28 के बीच रही होगी. उसके चूचे इतने कसे हुए थे मानो उनके ऊपर अभी टूट पडूं. मुझे उसके मम्मे ऐसे ललचा रहे थे कि आओ हमको मसल कर खा जाओ. तोप से तने हुए मम्मे मानो दबाने के लिए कह रहे हों. नीचे उसके चूतड़ एकदम तरबूज के आकार के गोल गोल थे. ऊपर से होंठों पर लगायी हुयी लिपस्टिक उस नूर पर चार चाँद लगा रही थी. पूरा शरीर एकदम शिद्दत से तराशी हुई मूर्ति की तरह लग रहा था.
मैंने शंकर से धीरे से कहा कि वो मुझे पसंद आ रही है.
तो वह बोला- क्या बात है, तुम्हारी चॉइस तो बहुत अच्छी है.
उसने उसे अपने पास बुला कर कुछ कहा, शायद उसे पैसे भी दे दिए. वो लड़की मेरी तरफ़ देखकर मुस्कुराई.
फ़िर शंकर अपनी वाली लौंडिया को लेकर रूम में चला गया. वो मेरे पास आयी और मेरा हाथ पकड़ कर दूसरे रूम ले गयी.
मुझे थोड़ी शर्म सी महसूस हो रही थी. मेरी हिचकिचाहट देख कर बोली- यहाँ पहली बार आये हो, शर्माओ नहीं, तुम जैसे चाहो वैसे मेरे साथ मस्ती कर सकते हो.
मैंने उसका नाम पूछा तो उसने नैना बताया. वो अपने नाम बताने के साथ थोड़ा आगे बढ़ी और मेरे बालों में हाथ फेरते हुए बोलने लगी- अरेरे.. मेरे राजा को देखो कैसे शर्म आ रही है.. शर्म से चेहरा लाल हो गया है.
फ़िर उसने हल्का सा मेरे गाल पे किस किया. मैंने भी उसके आँखों में देखते हुए अपने दोनों हाथों को उसकी पीठ के पीछे ले जाकर हल्के से उसकी पीठ सहलाने और मसलने लगा. मुझे ऐसा करते देख कर वो मुस्कुराने लगी. वो इस सरल हंसी के साथ और सेक्सी लग रही थी. उसने मेरे गालों पर हाथ फेरते हुए मेरे होंठों पे हल्का सा चुम्बन जड़ दिया.
अपने हाथों से उसकी पीठ को सहलाते हुए उसके गर्दन पे ऊपर हाथ फिराते हुए मैं भी आगे बढ़ने लगा. दोनों हाथ उसके चेहरे पर रख कर, अपना चेहरा पास लाकर उसके होंठों से होंठों का चुम्बन करने लगा. नैना भी मेरा साथ देने लगी.
हम ऐसे ही 10-15 मिनट तक चुम्बन करते रहे. मैं हाथ को नीचे ले जाकर उसके नितम्बों पे फेरने लगा और बोला- नैना, तेरे चूतड़ कितने बड़े हैं, जैसे 5-5 किलो का एक तरबूज हो.
वो भी हंस कर पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगी और चुम्बन करने लगी. मेरे हाथों को थोड़ा ऊपर उठाते हुए कमर और पीठ पे हाथ फेरते हुए मुझे मजा देने लगी.
मैं उसकी शर्ट ऊपर करके उतारने लगा. अन्दर वह गुलाबी कलर की ब्रा में गजब दिख रही थी. ब्रा के ऊपर से ही चूचे दबाते दबाते मैं उसकी तरीफ करे जा रहा था और चुम्बनों वर्षा भी कर रहा था. ये दोनों तरफ़ से बराबर हो रहा था.
नैना ने मेरे चेहरे को सहलाते हुए मेरी कमीज़ उतार दी. मैंने भी हल्के से उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. मैं सलवार के अन्दर हाथ डाल कर पैन्टी के ऊपर से चुत को सहलाने लगा. फ़िर सलवार को उतार कर ज़मीन पर फेंक दिया. वो अब मेरे सामने बस ब्रा और पैन्टी में थी. पूरे शरीर पर हाथ दौड़ने लगे, तन बदन में अजब सी बिजली दौड़ने लगी.
मुझसे रहा नहीं गया, मैंने नैना की ब्रा की हुक खोल उसके चुचियां आजाद कर दीं. उसकी आजाद हुई चुचियां उछल कर हाथों में आ गईं. मैं उनको जोरों से दबाने लगा, हल्के से चूचक धीरे धीरे मसलने लगा.
थोड़ी देर बाद जीभ फेरते हुए चूचुक चूसने लगा. उससे वो चीख उठी और सिसकारियां भरने लगी. मैंने नैना को बेड पे लिटा दिया और ऊपर से किस करते हुए नाभि के पास की गोलाई के भीतर जीभ डालकर चाटने लगा.
उसको इससे बहुत मजा आ रहा था. वो हाय.. हाय.. करते मजा लेने लगी. तभी उसने एक हाथ से मेरी पैन्ट की बेल्ट खोल कर पैन्ट उतार दी और अंडरवियर के ऊपर से लंड को पकड़ कर मसलने लगी. मैं उसकी जाँघों पे से हाथ फेरते चूमने लगा. फिर धीरे से पैन्टी पकड़कर उतार दी.
अब मेरे सामने उसकी नाजुक, मुलायम चुत खुली पड़ी थी, मुझे उसके दीदार हो गए थे. एकदम साफ की हुयी चूत थी. बस फ़िर क्या था, मैंने एक प्यारा सा चुम्बन जड़ दिया.. और चुत पर अपना मुँह रखकर चुत चाटने लगा.
जैसे जैसे नैना सिसकारियां भरती, तो मैं जीभ की नोक चुत के अन्दर तक डाल कर जोर से चाटता.
नैना भी मेरे सिर को चुत में दबाते हुए मजे लेते हुए कहे जा रही थी- अह्ह.. मजा आ गया.. मुझे ऐसी चुत चटाई का मजा अब तक नहीं आया. क्या मस्त चाटते हो यार.. ऊम्म.. ह्म्म्म्म्म चाटो राजा और चाटो.. तेरी इस रानी की चुत की प्यास बुझा दो..
इस तरह से उसने चुत का पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया. मैं उस चुत रस को सारा का सारा पी गया.
मेरे अंडरवियर के ऊपर से पहले लंड का चुम्बन ले कर मेरी अंडरवियर निकाल फेंकी, अन्दर से मेरा लंड उछल कर उसके सामने आ गया.
लंड को प्यार से देखते हुए वो हाथ में लेकर मसलने लगी और बोली- राजा तुमहरा लंड तो बहुत मस्त है, खा जाने को मन कर रहा है. आज तो इसका पूरा मजा लेकर रहूँगी.
मैं बोला- तो किस बात का इंतजार है.. ये तो आज बस तुम्हारी चुत के लिए ही है.
इतना बोलते ही उसने एक बार फ़िर से मेरे लंड का चुम्बन किया और बोली- आज तो मेरे राजा को बहुत मजा दूँगी.
नैना मेरे पूरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी. बीच बीच में लंड के सुपारे को बड़े प्यार से चूमती और चाटती. फ़िर पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगती. वो लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे वो कोई पोर्न मूवीज की पोर्नस्टार हो.
उसके इस तरह की लंड चुसाई से मैं अपने आपको कंट्रोल नहीं कर पाया और मैंने सारा वीर्य उसके मुँह छोड़ दिया, कुछ छिटके उसकी छाती पर भी गिर गए थे. वो मेरे लंड का पूरा माल पी गयी.. और लंड को अच्छी तरह से चाटकर साफ कर दिया.
इसके बाद हम दोनों बिस्तर पर थोड़ी देर के लिए ऐसे ही लेट गए. मैं उसको बांहों में भर कर उसके बालों में हाथ फेरने लगा. उसके गालों पर चूमने लगा धीरे धीरे बढ़ते हुए मैं होंठों से होंठ मिला कर किस करने लगा. उधर वो भी अपने एक हाथ मेरे लंड को सहलाती और दूसरे हाथ से छाती के बालों पर से हाथ फ़िरा रही थी.
कुछ ही पलों में हम दोनों की सांसें फूलने लगी थीं. उसकी गर्दन को चूमते हुए, चुचियों की ओर बढ़ मैं उनको चूसने लगा. वो फ़िर से उत्तेजित होने लगी.
मैं एक उंगली उसकी चुत में डालकर अन्दर बाहर करने लगा. उससे वो और उत्तेजित हो उठी. उसने झट से उठ कर मेरे लंड मुँह में ले लिया और जल्द ही मेरे लंड को लोहे की तरह खड़ा कर दिया.
उसने मुझसे कंडोम का पूछा, मैंने पैन्ट की तरफ इशारा कर दिया. उसने मुझे चुम्बन करके दूर पड़ी पैन्ट की पॉकेट से कंडोम निकाल कर बड़े प्यार से मेरे लंड पर चढ़ा दिया. फिर मेरे को लंड चुत में डालने को बोली.
मैं लंड को चुत पर रख कर रगड़ने लगा वह कराहने लगी और चुत में लंड डालने को बोलने लगी. मैंने भी देर ना करते हुए लंड धीरे चुत में डाल दिया. उसके मुँह सिसकारी निकल गई. मैं धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा. मैं चुदाई के साथ उसके चूचे भी दबाता जा रहा था.. कई बार मुँह में निप्पल लेकर भी चूस रहा था. कभी उसकी जाँघों पे हाथ फेरते हुए सहलाता जा रहा था. साथ साथ लंड के धक्कों की स्पीड को बढ़ाए जा रहा था.
मैं- हाय.. नैना डार्लिंग मजा आ रहा है क्या?
नैना- आह.. बहुत मजा आ रहा.. आज जैसी मेरी प्यार भरी चुदाई कभी नहीं हुई.. तुम बहुत अच्छे खिलाड़ी हो.. आहाह.. चोदो… चोदो मुझे, ऐसे ही चोदो. उय्यी माँ बहुत मजा आ रहा है.. ह्म्म्म्म्म..
मेरे धक्कों के साथ वो भी अपने चूतड़ उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी.
मैं- आज मैं तेरी चुत का भोसड़ा बना दूँगा.. साली.. रंडी..
नैना- यम्म्म्म.. इस रंडी की चुत का भोसड़ा बना दो मेरे राजा चोदो मुझे.. चोदो.. उठा उठा कर चोद दो.. आह.. रंडी की तरह चोद ले..
‘पचक्क पचक्क.. की आवाज़ से सारा कमरा गूँज उठा था. उसके साथ चुदाई का मजा दोगुना हो गया था.
फिर 10-15 मिनट धक्के देने के बाद नैना बोली- जानू मेरे राजा.. अब मेरा बस निकलने ही वाला है.
कुछ 15-20 धक्कों के बाद हम दोनों का साथ में निकल गया और हम दोनों कुछ क्षणों के लिये ऐसे ही नंगे पड़े रहे. हम दोनों के चेहरे आनन्द भरी का तृप्ति का भाव साफ साफ नज़र आ रहा था. मैंने उसको कस कर बांहों में भर लिया और दुबारा मिलने का वादा कर लम्बा सा चुम्बन उसके होंठों पर कर दिया.
दोस्तो यह मेरी पहली सेक्स स्टोरी है.. पसंद आई या नहीं, प्लीज़ कमेंट जरूर करना.
आपके सुझावों का इन्तजार है.
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