मेरी चालू बीवी-40

इमरान 2014-06-08 Comments

This story is part of a series:

इमरान
मैं जल्दी से रसोई से निकला और फिर मधु के पास जा खड़ा हो गया…
बैडरूम का दरवाजा पूरा खुला ही था, बस उस पर परदा पड़ा था…

बैडरूम का दरवाजा उन्होंने इसलिए बंद नहीं किया होगा कि वो दोनों घर पर अकेले ही थे और परदा तो उस पर हमेशा पड़ा ही रहता है…

मधु परदे का एक सिरा हटाकर अंदर झांक रही थी… और अंदर का दृश्य देखते ही मेरा लण्ड तनतना गया…

अंदर पूरी सफ़ेद रोशनी में सलोनी और अंकल पूरी तरह नंगे खड़े थे…

मैंने दोनों की बातें सुनने की कोशिश की…

सलोनी- अंकल जल्दी करो… कपड़े पहनो…मधु आती होगी…
अंकल- अरे कुछ नहीं होगा… तू मत डर… उसको भी देख लेने दे… कितनी सेक्सी हो गई है ना…
सलोनी- अरे वो तुम्हारी पोती के बराबर है… उस पर तो गन्दी नजर मत डालो…

अंकल- अरे तो क्या हुआ? तू भी तो बेटी के बराबर है… जब बेटी चोद सकते हैं… तो उसको भी… हे हे हे…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

सच अंकल बहुत बेशर्मों जैसे हंस रहे थे…

तभी सलोनी थोड़ा पीछे को हटी… अंकल का लण्ड उसके हाथ में थे…
माय गॉड…ये तो बहुत बड़ा था…

सलोनी उसको अपने हाथ से ऊपर से नीचे तक सहला रही थी… उसका हाथ बहुत तेज चल रहा था…

और तभी अंकल ने सलोनी को नीचे की ओर धकेला…
सलोनी ने तुरंत उनके लण्ड को जितना हो सकता था उतना ही अपने मुँह में भर लिया…

अंकल ने सलोनी के मुख को लण्ड से चोदते हुए ही अपनी आँखें बंद कर ली…

मैंने देखा कि अंकल झड़ रहे हैं और उनका सारा पानी सलोनी के मुह के अंदर जा रहा है…

सलोनी ने मेरा भी कई बार चूसा है मगर किसी और मर्द के साथ इस तरह सेक्सी पोजीशन में मैंने पहले बार देखा था…

सलोनी ने उनका सारा पानी गटक लिया और कुछ ही पलों में उनका लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया…

मैं आश्चर्यचकित था कि अंकल ने यहाँ केवल इतना ही किया या पहले उन्होंने सलोनी को चोदा भी होगा…

सलोनी जिस तरह नंगी उनसे मजे कर रही है और करीब आधे घंटे से वो इनके साथ है तो केवल हाथ से करने तो नहीं आये होंगे…
मेरे दिमाग केवल यही सोच रहा था कि पिछले आधे घंटे उन्होंने क्या किया होगा… अपनी प्यारी सलोनी को मैं बहुत प्यार करता था…

उसके बारे में, उसकी मस्ती के के बारे में…
बहुत कुछ जानता था मैं…

पिछले दिनों में उसको अपने भाई पारस के साथ… फिर दुकानदार लड़के के साथ… सलोनी को कई सेक्सी हरकतें करते देख चुका था…
मगर इस समय ये सबसे अलग था…

अपने से लगभग तीन गुना बड़े एक बूढ़े आदमी के साथ जो सलोनी के पिताजी से भी उम्र में बड़े होंगे… और सलोनी उनके साथ कितने मजे कर रही थी..

सलोनी ने अंकल का लण्ड…चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया…

अंकल ने सलोनी को ऊपर उठाया और उसके होंठों को चूमने लगे… सलोनी के मुंह पर अंकल के वीर्य के निशान दिख रहे थे…

दोनों बहुत ही हॉट किस कर रहे थे…

अंकल सलोनी का लगभग पूरा मुँह ही चाट रहे थे…

फिर उन्होंने सलोनी को घुमाया और उसकी पीठ से चिपक गए…

अब सलोनी का मुंह हमारी ओर था… पूरी नंगी सलोनी की दोनों तनी हुई चूचियाँ और उनके गुलाबी निप्पल लगभग लाल सूर्ख हो गए थे… ऐसा लग रहा था जैसे बुरी तरह मसले जाने के कारण दोनों अपना लाल चेहरा लिए मेरे से खुद को बचाने को कह रहीं हों…

तभी अंकल ने सलोनी के कानों के पिछले भाग को चूमते हुए अपनी दोनों हथेलियों में फिर से उन मासूम चूचियों को भर लिया…

वो दोनों को बड़ी बुरी तरह मसल रहे थे…
उनका अभी भी आधा खड़ा लण्ड सलोनी के चूतड़ों में गड़ा हुआ था…

मैं नलिनी भाभी के शब्दों को याद कर रहा था कि अरविन्द अंकल का अब खड़ा ही नहीं होता…
मगर यहाँ तो उल्टा था… पानी निकलने के बाद भी बैठने का नाम नहीं ले रहा था…
तभी अंकल ने अपना हाथ सलोनी की जाँघों के बीच उसकी कोमल चूत पर ले गए…
उनकी उँगलियाँ उसकी चूत पर पियानो की तरह चल रही थीं…

सलोनी आँखे बंद किये सिसकारियाँ ले रही थी- … अह्ह्ह्हाआआआ… आए… अब छोड़ दीजिये ना… अह्हाआआ आ बस्स्स्स…स्स्स अब नहींईइइइइइ… ओह…
अंकल- पुच पुच…
बस उसको चूमे जा रहे थे… कानो से लेकर गर्दन तक…
मैंने देखा मधु भी काफी गर्म हो गई है…
वो अपने चूतड़ों को मेरे से घिस रही थी…

मगर अभी इस सबका समय नहीं था…
मैं इस सब में भूल गया कि मैं और मधु चुपके से घर में घुसे हैं ! अगर सलोनी को यह पता लग गया तो उसको बहुत बुरा लगेगा…

मैं अभी बाहर निकलने कि सोच ही रहा था कि तभी अंदर से आवाज आई- चलिए अंकल जी, अब आप जल्दी से फ्रेश होकर कपड़े पहन लो, मैं नहीं चाहती कि मधु या किसी को कुछ पता चले…
और सलोनी तेजी से बाहर को आने लगी…

मेरे पास इतना समय नहीं था कि मैं बाहर निकल सकूँ…
मधु को पीछे खींचते हुए मैं खुद अलमारी के साइड में हो गया…
हाँ मधु वहीं रह गई…

सलोनी पूरी नंगी ही बाहर निकली…
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
सलोनी- अर्रए… ईईईए…

उसके मुख से हल्की सी चीख निकली…
फिर सलोनी बोली- तू कब आई… और दरवाजा…
मधु मेरी समझ से भी ज्यादा समझदार निकली, वो बोली- दरवाजा तो खुला था भाभी…
उसने अपने हाथ में पकड़ा सिगरेट का पैकेट उसको देते हुए कहा…

सलोनी वहाँ पड़े एक कपड़े से अपने शरीर को पोंछते हुए बोली- कितनी देर हो गई तुझे?
मधु- बस अभी आई भाभी… आप नहा ली क्या???
सलोनी- बस नहाने ही जा रही थी… तू रुक…
और वो रसोई में चली गई…

बस इतना ही समय काफी था मेरे लिए…
मैं जल्दी से बाहर निकला और एक बार अंदर कमरे में देखा…
वहाँ कोई नहीं था… अंकल शायद बाथरूम में थे… मैं जल्दी से मुख्य द्वार से बाहर आ गया…
पीछे मधु ने दरवाजा बंद कर दिया… मैंने चैन की सांस ली…

मैं एक बार फिर चुपके से रसोई की खिड़की से झाँका…
सलोनी अपना गाउन सीधा कर पहन रही थी… उसके मस्त चूतड़ों को नजर भर देखकर मैं जल्दी जल्दी सीढ़ियाँ उतरने लगा…

कितना कुछ हो रहा था… हर पल कुछ नया… पता नहीं सही या गलत… पर मजा बहुत आ रहा था…

करीब बारह बजे सलोनी का फोन आया कि वो स्कूल और शॉपिंग के लिए जा रही थी…

मुझे अफ़सोस इस बात का था कि मैंने आज उसके पर्स में रिकॉर्डर नहीं रखा था पर मधु उसके साथ थी…
अब यह मेरे ऊपर निर्भर था कि मैं मधु से सब कुछ उगलवा सकता था…
पता नहीं आज क्या होने वाला था…??

कहानी जारी रहेगी।
[email protected] hmamail.com

What did you think of this story??

Comments

Scroll To Top