दीदी की सहेली पिंकी की चुत चुदाई-2

(Didi Ki Saheli Pinki Ki Chut Chudai- part 2)

This story is part of a series:

मैं मंगलवार को ठीक बारह बजे उसके घर पहुँच गया।
मैंने दरवाजे को खटखटाया तो एकदम से एक आवाज आई- रुको आती हूँ!
दरवाजा खुला तो मेरे सामने दीदी की वही दोस्त पिंकी थी।

उस दिन मैंने उसे दूर से देखा था और आज वो मेरे एकदम सामने थी। क्या गजब की बला थी.. एकदम दूध की तरह गोरी.. उसने काले रंग की कुर्ती और नीचे जीन्स पहनी हुई थी। उसके चूतड़ों का साईज और चूची का साईज एकदम आयशा टकिया की तरह था।

मैं तो उसे देख कर वहीं दरवाजे पर ही खड़ा रह गया, एकदम उसने कहा- हैलो राहुल… अन्दर आ जाओ।
मैं अन्दर आ गया।
उसने कहा- घर तलाशने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?
मैंने कहा- नहीं।

फ़िर उसने कहा- आज मेरी सासू माँ जी कहीं गई हैं और वो रात को ही आएंगी। मैं एक हाऊस-वाईफ़ हूँ और आप एक कॉल-बॉय हैं तो आप अपनी फीस सर्विस के बाद लेना।

मैं उसकी बात सुनकर सोफ़े से उठा और उसको पकड़ कर बोला- ठीक है..
मैंने उसके होंठों को मुँह में भर लिया।
उसने मुझ से कहा- पहले आप कुछ चाय वगैरह तो ले लो।
मैंने कहा- सब बाद में।

मैं उसके होंठों को चूसने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर में उसने कहा- अन्दर कमरे में चलो… और आज मुझे इतना प्यार करो राहुल कि मैं आपको भूल ना पाऊँ।

मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे में बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने उसको लिटा कर उसके होंठों को प्यार से पिया… उसके होंठ एकदम लाल थे, उन्हें चूसने का मजा और उसके जिस्म की महक एकदम मुझे मदहोश कर रही थी। एक हाथ से मैं कुर्ती के ऊपर से ही उसके चूचे दबा रहा था… एकदम टाईट दूध थे, पिंकी भी मेरा साथ दे रही थी।
हम दोनों सातवें आसमान पर थे।

मैंने उसकी कुर्ती को निकाल दिया, अन्दर गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने पिंकी को बहुत चूसा, कभी उसके गाल, कभी होंठ तो कभी गरदन पर चुम्बन… माहौल गर्म था।

उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया, थोड़ी देर में ही हम दोनों नंगे थे।
मैंने उससे कहा- पिंकी, आप मेरा लंड चूसो।
तो उसने मना कर दिया- नहीं.. मुझे लंड नहीं चूसना।

मैंने ज्यादा नहीं बोला और उसके पैरों के बीच आ गया। मैंने उसके पैरों को फैला कर उसकी एकदम साफ़ चुत पर अपने होंठ लगा दिए और चुत को चाटने लगा, चुत रसीली हो रही थी, मैंने चुत को मुँह में भर कर खूब चूसा।

दोस्तो, मुझे चुत का नमकीन सा स्वाद बहुत मस्त लगता है। मैंने चुत को करीब दस मिनट तक चूसा। कभी जीभ को चुत के अन्दर, कभी चुत के दाने को मुँह में भर कर, कभी कुत्ते की तरह चाटा।
इस दौरान पिंकी एक बार झड़ चुकी थी।

फ़िर उसने कहा- अब अन्दर डालो..
मैंने कहा- पिंकी जी अभी नहीं.. अभी तो चुदाई में बहुत कुछ होना बाकी है।

मैंने पिंकी को नीचे फर्श पर खड़ा किया और एक पैर बिस्तर पर और दूसरा फर्श पर रखा। मैं पिंकी के नीचे बैठ गया और गांड को चौड़ा कर मुँह घुसा दिया और गांड को चाटने लगा।

पिंकी मुझसे बोल रही थी- राहुल, आप मुझे पागल कर दोगे अह्ह अह्ह्ह छ्ह्ह्ह म्म्मऊऊउ ऊऊओआ हाँ चाटो मूऊउ..!

कमरे में एक मधुर आवाज गूँज रही थी। पिंकी बिस्तर पर उलटी लेट गई, पैर नीचे लटका कर और मैं गांड को चाट रहा था। गांड के छेद को चाटता कभी तो कभी जीभ अन्दर डाल देता।

अब मैंने पिंकी को सीधा लिटाया और अपना लंड चुत पर लगा कर एक धक्का मारा, पिंकी की चुत कई महीनों से नहीं चुदी थी, इस वजह से पिंकी को थोड़ा दर्द हुआ पर दूसरे धक्के में लन्ड चुत में अन्दर तक चला गया, पिंकी ने मुझे कस कर जकड़ लिया और लंड के अन्दर जाते ही दूसरी बार झड़ गई।

पिंकी ने कहा- अब आराम-आराम से चोदो।
मैं मस्ती से चुदाई करने लगा।

थोड़ी देर बाद वो भी नीचे से अपनी गांड को हिला-हिला कर चुदवाने लगी। मैंने चुदाई की गति तेज कर दिया इस तरह करीब 20 या 25 मिनट तक चुदाई चली।

जब मेरा निकलने को हुआ तो मैं लंड को बाहर निकालने लगा पर उसने मुझे जकड़ लिया और मेरा सारा माल अन्दर ही निकल गया और मेरे साथ ही पिंकी भी तीसरी बार झड़ गई और हम दोनों इसी तरह एक साथ लेटे रहे।

पिंकी मुझे चुम्बन कर रही थी और बोल रही थी- आपने अब तक कितनी लड़कियों को चोदा है?
मैंने कहा- आप से पहले एक को सिर्फ़..!
मेरी बात सुन कर पिंकी चौंक गई और बोली- झूट मत बोलो।

मैंने कहा- कसम से, आप दूसरी हो जिसको मैंने चोदा है।

तो पिंकी ने कहा- मेरी दोस्त को आप कैसे जानते हो?
तो दोस्तो, मैंने उस से झूट बोल दिया कि वो मेरी पहली ग्राहक है।

उस दिन मैंने उस को चार बार चोदा। फ़िर मैं शाम को 7 बजे वहाँ से घर के लिए निकला। जाते समय उसने मुझे 3000 रुपये दिए और मुझे चूम करके विदा किया।
मुझे मेल जरूर करें, ये मेरी सच्ची कहानी है।

आगे भी मैंने दीदी की दो और सहेलियों को चोदा और पिंकी की देवरानी को भी चोदा।
वो सब बाद में फिर कभी लिखूँगा।
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