अकेलेपन का इलाज़
(Akelepan ka Ilaz)
हैल्लो दोस्तो, मैं राज शर्मा एक बार फिर आपके सामने अपनी जीवन में घटी हुई घटना आपके सामने लेकर हाजिर हूँ।
मेरी पिछली कहानियाँ ‘कंप्यूटर की प्रॉब्लम’ व ‘बस मेरे लिए फ्री रहना’ को पढ़कर आप सभी के बहुत पत्र आये।
कुछ लोगों को मैं जवाब नहीं दे पाया उसके लिए क्षमा चाहता हूँ।
कुछ दिन पहले की बात है मुझे ईमेल मिला जिसमें लिखा था कि क्या आप मेरे घर आ सकते हो कंप्यूटर ठीक करने? आपका चार्ज जो हो वो बता दीजिये।
मैंने उन्हें फ़ोन या ऑनलाइन बात करने को कहा।
बात करने पर उन्होंने कहा कि वो अपने जीवन में बहुत अकेला महसूस करती है जिसके कारण वो कंप्यूटर पर मन बहला लेती है।
उसने बताया कि उसे मेरे बारे में अन्तर्वासना की कहानी से पता चला।
मैंने उसे मिलने को कह दिया।
कुछ दिनों बाद उसका फ़ोन आया कि आज वो अकेली है, मिलना चाहती है।
हम दोनों एक रेस्तराँ में मिले, फिर वहाँ से उसके घर चले गए।
घर जाकर मैंने उसे कहा कि मैं उसकी प्रॉब्लम को ख़तम कर सकता हूँ।
तो वो मान गई और मुझे अपने कमरे में ले गई।
जाते ही हम एक दूसरे के गले से लिपट गए और चूमने लगे।
उसने बताया कि बहुत पहले उसके बॉयफ़्रेन्ड ने उसे सिर्फ चूमा था लेकिन उस समय उससे ज्यादा कुछ कर नहीं पाये थे।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े हटा दिये और बिस्तर पे लेट गए।
फिर वो खुद ऊपर आकर होठों को चूसने लगे फिर धीरे से अपने दूध मेरे होठों पर रख दिए और चूसने को कहने लगी।
ऐसे करते समय उसने मेरे लण्ड को पकड़ और उसको हाथ से हिलाने लगी।
थोड़ी देर बाद वो 69 की पोजीशन में आ गई और पूरा लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी और मेरे मुंह पर अपनी फ़ुद्दी दबाने लगी।
थोड़ी देर में ही मेरा निकलने लगा तो उसने मुंह में लेकर सब पी लिया।
ऐसा करके कुछ देर मेरे सीने में अपने सर रख कर लेट गई और फिर से मेरे लण्ड को हाथ से हिलाने लगी।
जब वो पूरी तरह से खड़ा हो गया तो अपने पैर उठा कर डालने को कहने लगी।
लेकिन कहने लगी- दर्द होगा तो रुक के करना लेकिन निकालना मत…
मैंने भी उसकी बात रखते हुए अपने लण्ड को उसकी चूत पे लगाया और अन्दर करने लगा लेकिन कसी होने के कारण थोड़ा सा ही गया था कि वो चिल्लाने लगी।
लेकिन मैंने ऐसे ही रुक कर उसे किस करने लगा।
थोड़ी देर के बाद फिर से एक झटके में पूरा अन्दर कर दिया।
उसकी आँखों से आंसू आ गए।
मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा और दूध चूसता रहा।
ऐसा करने से उसे अच्छा लगने लगा और वो धीरे धीरे से झटके लेने लगी।
मैं भी साथ देते हुए झटके लगाने लगा।
कुछ देर बाद वो जोर से करने को कहने लगी लेकिन मैंने ऐसा करने से पहले लौड़े को निकाल कर उस पर कंडोम लगाया क्योंकि मस्ती प्यार के साथ खतरा लेना गलत है।
फिर हम दोनों पूरे जोर शोर से 15 मिनट तक अन्दर बाहर करते रहे।
जब दोनों का निकल गया, तब कंडोम हटा के ऐसे ही बिस्तर पर लेटे रहे, कुछ देर बाद हम दोनों ने साथ में स्नान किया।
जब उसे मैं जाने को कहने लगा तो उसने कहा- आज यहीं रुक जाओ, घर में कोई नहीं आएगा।
मैं उसे कुछ देर बाद वापस आने का बोल के निकल गया।
फिर बाद में वापस जाकर मैंने उसके साथ सारी रात मस्ती की।
दोस्तो, यह थी जीवन में घटी हुई घटना, आप लोगों के पत्रों का इन्तजार रहेगा।
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