शादी से पहले साली के साथ सुहागरात
(Shadi Se Pahle Sali ke Sath Suhagraat)
यह एक सच्ची कहानी है, यह घटना मेरी शादी के कुछ ही दिन पहले हुई थी।
मैं उस वक़्त 23 साल का था, 5’7″ कद, वजन 60 किलो, खूबसूरत चेहरा और शिक्षित होने की वजह से मेरा व्यक्तित्व आकर्षक है।
मेरी शादी की कोशिश चल रही थी और अमदाबाद से एक रिश्ता आया।
लड़की की एक छोटी बहन प्रीति है और भाई नहीं है।
बाकी सब बातें पसंद आने पर शादी लगभग चार महीने के बाद तय हुई।
मेरी साली प्रीति उस वक़्त लगभग 20 साल की थी और राजकोट में रह कर कॉलेज में पढ़ रही थी।
मुझे रिश्ते के बाद एक बार राजकोट काम पड़ा।
शाम तक काम निपटाकर मैं अपनी साली को मिलने चला गया।
मुझे देख कर प्रीति हैरान हुई और बहुत खुश भी हुई।
उसका 2 कमरों का फ्लैट था और मुझे दूसरे बेड रूम में ठहराया।
फ्रेश होने के बाद मैं हॉल में आया।
तब तक रात हो गई थी।
मुझे बिना पूछे उसने मेरे लिए एक कप कॉफ़ी बना दी।
मुझे अचरज हुआ लेकिन मैंने कहा- प्रीति, मैं अकेले कैसे पिऊँगा, क्या तुम कंपनी दोगी?
उसने भी ना नहीं की और अपने लिए एक कप लेकर आई और हम दोनों ने कॉफ़ी शेयर की।
हमने कॉफ़ी पीना शुरू किया।
हम दोनों कॉफ़ी पीते पीते टीवी देख रहे थे और हमारी बातें आहिस्ते आहिस्ते सेक्स के विषय पर आ गई।
मेरी साली ने बड़ी ही सेक्सी स्टाइल में मुझसे पूछा- जीजू, आपने अब तक दीदी के साथ कुछ किया या नहीं?
मैं उसका मतलब तो समझ गया लेकिन फिर भी मैंने उससे पूछा- क्या करने की बात कर रही हो तुम?
प्रीति- इतने भी भोले मत बनो जीजू, मैं सेक्स की बात कर रही हूँ।
मैंने शरमाते हुए कहा- मैंने तो सेक्स के बारे में सिर्फ़ पढ़ा है और कभी कभार ब्ल्यू फ़िल्म देखी है और तुम्हारी दीदी के साथ तो कभी
मौका नहीं मिला लेकिन ऊपर-ऊपर से थोड़ा बहुत…
वो मुस्कुरा उठी।
प्रीति- जीजू, कोई ब्ल्यू फ़िल्म देखोगे?
मैं हैरान हो गया लेकिन बोला- चलेगी।
उसने शरारत भरी मुस्कुराहट से देखा और मैं भी उसकी इंटेन्शन समझ गया।
उसने डीवीडी पर एक सीडी लगाई और जैसे ही फिल्म चालू हुई, मैं उत्तेजित हो गया, मेरी लुंगी तन गई और मेरा हाथ मेरे लौड़े पर
चला गया।
प्रीति ने मूवी देखी हुई थी और वह बिल्कुल सामान्य सा बर्ताव कर रही थी।
जब मूवी आधी हो गई थी तो मैं उठ कर बाथरूम चला गया।
आने पर साली की वही शरारत भरी मुस्कान!
मैं थोड़ा शर्मा गया और उसे देखने लगा।
इच्छा हो रही थी लेकिन हिम्मत नहीं हो रही थी!
लेकिन वो समझ गई।
प्रीति धीरे से मेरे पास आ गई और चिपक कर बैठ गई..
मैं और टाइट हो गया, मेरा लौड़ा एकदम तन कर खड़ा हो गया और मेरी लुंगी में टेंट बन गया।
उसने पूछा- जीजू, और कुछ चाहिए?
मैं भी मूड में था, मैंने भी शरारती मुस्कान से पूछा- क्या दोगी?
वो भी मूड में थी, बोली- जो आप माँगो!!
मैंने झटके से उसका हाथ पकड़ लिया और वह तो तैयार ही थी, झटके से मेरे गले लग गई और मुझे चूमने लगी।
यह मेरा पहला एक्सपीरियेन्स था और मुझे पता नहीं था कि चुम्बन कैसे करते हैं !!!
उसने आहिस्ता से, प्यार से मुझे किस करना शुरू किया।
अब मुझे मज़ा आने लगा।
हम दोनों उठकर बेडरूम में चले गये।
मैंने उसे गले लगा लिया और उसकी चूचियों का दबाव अपनी छाटी पर महसूस करने लगा।
आह, क्या मज़ा आ रहा था !
इधर मेरा लंड टाइट हो गया था और उसके गाउन पर से उसकी जांघों के बीच में उसकी योनि पर चुभ रहा था और वह भी मज़े लेने
लगी।
थोड़ी देर के बाद, मैंने उसका गाउन उतार दिया।
अब वह ब्रा और पैंटी में खड़ी थी।
सीन तो बहुत मज़ेदार लग रहा था…
उसने भी मेरी शर्ट उतार दी और लुंगी खोल दी।
मेरा फूला हुआ अंडरवीयर देखकर उसके चेहरे का रंग बदल गया…
उसने झट से मेरे अण्डरवीयर को पकड़ लिया और मसलने लगी।
मुझे अजीब मज़ा आने लगा।
मैंने भी उसकी ब्रा उतार दी और उसके सुंदर सुंदर उरोज देखकर मैं बहुत खुश हुआ।
मैं उसके स्तनों को ज़ोर से दबाने लगा।
प्रीति- धीरे जीजू, ज़रा प्यार से दबाओ, मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ!!!
मैं- ओके डियर !
और मैं आहिस्ते से दबाने लगा।
उसे भी मज़ा आने लगा।
फिर उसने मुझे लिटा दिया और खुद भी बगल में लेट गई।
मैं नीचे था और वह मेरे लेफ्ट साइड में, लेकिन उसकी छाती मेरी छाती पर थी।
आहिस्ता से उसने उठ कर अपना बायाँ चूचा मेरे मुँह में दिया और कहा- चूसो जीजू, इसका सारा दूध आज निकाल दो… सब पी जाओ!
और मैं चूसने लगा।
उसने अपना दायाँ उभार मेरे बायें हाथ में दे दिया।
अब उसकी आवाज़ निकालने लगी- …आह… हआआहह…! हम्म… मम्म… ! ऊऊओह…!
मुझे और मज़ा आने लगा और मैं और मज़े से चूसने लगा…
थोड़ी देर बाद दूसरा स्तन मुँह में लिया और हाथ भी बदल दिया…
उसकी आवाज़ और गहेरी हो गई- …आआह… आहह… हम्म… ऊऊओह…
कुछ देर बाद उसने मेरा अंडरवीयर उतार दिया और मुझे इशारा किया।
मैंने भी उसकी कच्छी उतार दी और उसका खूबसूरत बदन, नाईट लैंप की रोशनी में देखने लगा।
वह आहिस्ता से मेरा बदन चूमते, चाटते हुए नीचे हुई और एक झटके से मेरे लंड को मुँह में ले लिया…
अब मेरी बारी थी- …आआआहह…!
कुछ देर बाद उसने अपनी दोनों टाँगे मेरी छाती के दोनों तरफ कर ली और मेरा लंड चूसने लगी।
हम 69 पोज़िशन में थे और मैंने अपनी जीभ उसकी पुसी में घुसा दी।
कुछ नमकीन सा स्वाद आया, पर मज़ा भी आया..
वह फिर आवाज़ करने लगी- …अहह… हम्म… ओह…
लगभग दस मिनट के बाद वो सीधी गो गई और मुझे अपने ऊपर ले लिया और बोली- चलो जीजू, अब कर लो, अब नहीं रहा जाता…
मैंने पूछा- कभी किसी के साथ ऐसा किया है अब से पहले?
प्रीति- नहीं, आप ही पहले हो जो मुझे चोदोगे!
यह सुनते ही मैं पागल हो गया, मैंने सोचा कि मैं ही वो खुशनसीब हूँ जो अपनी साली की सील तोड़ूँगा और उसे एक लड़की से औरत
बनाऊँगा!
उसने अपनी टाँगे फैलाकर रखी थी, मैंने अपना लण्ड अंदर डालने की कोशिश की लेकिन कुंवारी चूत होने की वजह से मेरा लंड उसकी
टाइट बुर में नहीं घुस रहा था।
उसने मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़ कर उसकी योनि पर रखा और बोली- पुश… नाओ!
मैंने एक झटका दिया और लण्ड का टोपा उसकी बुर में घुस गया और वो चिल्ला उठी।
मुझे भी दर्द महसूस होने लगा…
मैं थोड़ी देर लंड को उसकी चूत में रखे हुए उसके ऊपर लेटा और उसके बूब्स दबाते हुए लब-चुम्बन करने लगा।
उसने अपने आपको थोड़ा एड्जस्ट किया और धीरे धीरे झटके मारने लगी।
फिर मैं भी झटके मारने लगा…
अब मज़ा आने लगा..
थोड़ी देर बाद में एक जोरदार झटका फिर मारा और मेरा लगभग पूरा लंड उसकी टाइट चूत में घुस गया।
और वो चिल्लाने लगी, उसकी आँखों से आँसू आ गये और गिड़गिड़ाने लगी- जीजू, प्लीज़ निकाल लो, मुझे नहीं चुदवाना! बहुत दर्द हो
रहा है।
मैं- थोड़ी धीरज रखो प्रीति, बाद में बड़ा मज़ा आएगा।
मैंने उसे उसी पोज़िशन में रख कर बूब्स दबाए और चुम्बन करता रहा और हाथ से उसकी क्लाइटॉरिस को चुटकी में लेकर मसल दिया।
वो सिहर उठी और अपने चूतड़ उचकाने लगी।
फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी और मेरा लंड उसकी बुर में अंदर-बाहर होने लगा।
मुझे बहुत मज़ा आने लगा…
और स्पीड बढ़ी और मज़ा आने लगा।
लगभग दस मिनट की चुदाई में वो एक बार झड़ गई और कहने लगी- वाह जीजू!! आपने तो मुझे जन्नत की सैर करवा दी, बस अब
जब भी मौका मिले, मुझे ऐसे ही चोदते रहना… मैं अब पूरी की पूरी आप की ही हूँ।
मुझे यह सब सुन कर बड़ा जोश आया और मैं बड़ी तेज़ रफ़्तार से उसे चोदता रहा।
5 मिनट के बाद मैंने उसे घोड़ी बना कर पीछे से उसकी बुर में लण्ड घुसाया और बहुत तेज़ी से चोदने लगा।
वो भी अपने कूल्हे आगे पीछे करके मेरा साथ दे रही थी।
आख़िरकार… एक ज़ोर का झटका…
मैंने बहुत सारा वीर्य उसकी फ्रेश चूत में छोड़ दिया और वो भी शांत हो गई…
रियली, एक वंडरफुल अनुभव…
लगभग एक घंटे के बाद हम फिर तैयार हो गये और अब मैं एक्सपीरियेन्स्ड था…
अब ज़्यादा कॉन्फिडेन्स से मैं चुदाई करने लगा…
फिर लगभग एक घण्टे बाद फ़िर… यही सिलसिला कई बार हुआ… सुबह कब हुई, हमें पता ही नहीं लगा।
आज भी जब भी हम मिलते हैं, रियली एंजाय करते हैं..
वह भी खुश और मैं भी खुश…
यह थी मेरी पहली सुहागरात की कहानी जो मैंने अपनी साली के साथ मनाई थी अपनी शादी से पहले !
आज भी हम मौका मिलने पर एंजाय करते हैं।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी या कोई सुझाव हो तो मुझे संपर्क करें।
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