मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -5
(Mai, Meri biwi Aur Chachere Bhai Ka Sapna Hua Sach-5)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -4
-
keyboard_arrow_right मैं, मेरी बीवी और चचेरे भाई का सपना हुआ सच -6
-
View all stories in series
कमरे में कुछ देर सन्नाटा रहा, फिर मैं बोला- चल छोड़ न, भूल जा… हम भी भूल गए।
फिर मधु बोली- भैया, आज मैं बढ़िया पनीर टिक्का और अच्छी सी सब्जी बनाती हूँ।
फिर मेरी तरफ देखकर बोली- आप कोई अच्छी सी व्हिस्की ले आइये!
हम दोनों को चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ गई।
शाम के 6 बजे रहे थे, मैं और नीलेश बाजार जाकर सामान लेकर आ गये थे, तब तक मधु ने पूरा घर साफ़ करके खाने की तैयारी भी लगाना शुरू कर दिया था।
हम दोनों आते ही कालीन पर प्लास्टिक बिछाया और बोतल, गिलास, बर्फ, चिप्स के पैकेट, नमकीन रख दिया।
मधु ने मुझे अंदर बुलाया और बोली- क्यूँ? मैंने सही किया न? नीलेश भैया को बुरा लग रहा था तो मैंने सोचा शायद इससे उन्हें अच्छा लगे।
मैंने उसके माथे को चूम कर बोला- तुमने बहुत अच्छा किया, मैं खुद भी नहीं सोच पाता शायद ऐसे तो… थैंक यू!
मैं उसकी बात से इतना भावुक हो गया कि मैंने उसके होंठों पे होंठ रख दिए। हम धीरे धीरे एक दूसरे के होंठों अपने होंठों में दबाकर चूस रहे थे, इसी बीच नीलेश भी किचन में आ गया।
अबकी बार खांकरा नहीं और बोला- यार, तुम लोगों का प्यार भी न जीनियस बुक में लिखवाना चाहिए। तुम दोनों एक दूसरे को सच में इतना प्यार करते हो कि मुझे तुम दोनों से जलन होने लगी है।
अभी तक हमारे होंठ चिपके हुए थे।
वो बोला- तुम लोग कंटिन्यू करो, मैं बाद में आता हूँ।
हमने अपने होंठों को आराम दिया और कहा- तुझे क्या चाहिए?
नीलेश बोला- पानी!
मैंने कहा- ले ले!
और फिर से अपनी बीवी को चूमने लगा।
इस बार बीवी भी पूरे भाव के साथ किस कर रही थी, उसे किसी की कोई शर्म नहीं थी।
खैर नीलेश पानी लेकर ड्राइंग रूम में चला गया, मैं भी 2 मिनट बाद बाहर आ गया, थोड़ा अँधेरा होने लगा था, मैंने कहा- पैग बना कर सिगरेट पीते हैं, तब तक पेग ठंडा होगा।
पैग बनाया, चियर्स किया, एक एक सिप मारी और सिगरेट पीने बाहर चले गए।
बाहर आकर नीलेश बोला- भाई, तेरी बीवी तो यार मस्त है, अब उन्हें कोई हिचक नहीं है मेरे सामने। मुझे यह देख कर अच्छा लगा। नीलेश थोड़ा रुक कर बोला- एक बात बोलूँ?
मैंने हाँ में सर हिला दिया तो उसने कहा- तूने 2 दिन मुझे अपनी बीवी का अमृत पिलाया है। मैंने सोचा था कि तू शादी के बाद बदल गया होगा, सीरियस हो गया होगा। काफी समय से बातें भी नहीं हुई थी इसलिए मैं यह सोच रहा था कि यहाँ टाइम पास कैसे होगा।
मैंने बीच में ही उसकी बात काटते हुए हंस कर कहा- एक सिप में ही चढ़ गई क्या? सीधे सीधे बोल क्या कहना चाहता है? इतनी भूमिका मत बना।
वो बस थोड़ा मुस्कुराया और चुप रह गया।
मैंने फिर से बोला- क्या हुआ? बोलता क्यूँ नहीं?
बोला- चढ़ी नहीं है कमीने, बस ऐसे ही बोल रहा था कि इतना इतना टाइम हो जाता है, बीच में एक आध चक्कर तू भी लगा लिया कर भोपाल का या बातें ही कर लिया कर!
मैंने बातों को घुमाते हुए कहा- क्यूँ बे? तू अपनी बीवी नीता को क्यूँ नहीं लाया?
तो उसने कहा- यार, वो मायके गई हुई थी, वो परसों आने वाली है, बस वो तुझे और भाभी को सरप्राइज देना चाहती थी। पर तेरे को बता दिया है। उसको पता नहीं चलना चाहिए कि तुझे पहले से पता था।
मैंने कहा- डील भाई डील… बिल्कुल पता नहीं चलेगा। चल नीता के लिए भी कुछ सरप्राइज प्लान करते हैं।
वो आश्चर्य से मेरी तरफ देखने लगा।
हम बातें करते करते छत पर पहुंच गए और एक एक सिगरेट और जला ली।
मैंने पूछा- नीता बिस्तर पे कैसी है?
नीलेश मुझे घूर रहा था।
मैंने कहा- चूतिये, बता तो क्या वो वाइल्ड है? क्या वो चिल्लाती है? उसे कैसा सेक्स करने की तमन्ना होती है?
नीलेश बोला- तू कैसी बातें कर रहा है बे?
मैंने उसे थोड़ा ठंडा करते हुए कहा- भोसड़ी के, हम एक दूसरे का लण्ड चूस चूस के बड़े हुए हैं, हमारे बीच कैसी शर्म? लड़कियाँ जो एक दूसरे को ज्यादा नहीं जानती वो तक अपनी न जाने कितनी प्राइवेट बातें एक दूसरे से शेयर कर लेती है। नहीं बताना तो माँ चुदा अपनी! भोसड़ी का!
उसने जब मुझे गर्म होते देखा तो बोला- लण्ड के… गुस्सा रहेगा या मैं नीता के बारे में कुछ बताऊँ!
मैंने उत्सुकता से कहा- बता!
नीलेश बोला- यार हम लोग तो मम्मी पापा और छोटी बहन के साथ रहते हैं इसलिए बहुत चुप और छुप छुप कर सेक्स करते हैं। पर हाँ जब कभी हम कहीं घूमने जाते हैं और होटल में चुदाई होती है तब हम दोनों ही इतने वाइल्ड होते हैं कि हम 2-2 दिन तक कमरे से बाहर ही नहीं निकलते। उसे बाथटब में चुदवाना इतना पसंद है कि अगर होटल में बाथटब न मिले तो मुझे कभी कभी लास्ट मोमेंट पे दूसरा होटल लेना पड़ता है। कुल मिला के हम लगभग रोज़ रात को ही सेक्स करते है। पर यार, तेरी बीवी मतलब मधु की तुलना में तो वो 50% भी हॉट या वाइल्ड नहीं कह सकता इसलिए थोड़ा झिझक रहा था।
मैंने एक गहरी सांस लेते हुए कहा- क्या तू अपनी बीवी को ग्रुप सेक्स के लिए मना सकता है? चारों साथ में मजे मारेंगे।
उसकी आँखें एकदम चमक उठी, वो बोला- भाई मजा ही आ जायेगा। पर क्या मधु मानेगी?
मेरी तरफ आशा की नज़र से देखने लगा।
मैंने कहा- पता नहीं, पर कोशिश करके देखता हूँ।
अब हम वापस से नीचे आ गये और बेहद चुप होकर टीवी देखते हुए शराब पीने लगे। अब वो मधु को बहुत ध्यान से उसके एक एक उतार चढ़ाव को देख रहा था।
मधु का पूरा ध्यान टीवी में था मेरा ध्यान टीवी में कम और मधु को पटाने में लगा हुआ था।
और नीलेश ख्याली पुलाव बनाते हुए मन ही मन ग्रुप सेक्स के बारे में सोच रहा था।
नीलेश थोड़ी देर बाद उठकर बाथरूम चला गया, मैं उठकर कालीन से सोफे पर बैठ गया।
सोफे पर मधु बैठी हुई थी, मैं नीलेश के न होने का फायदा उठते हुए उसके बूब्स दबाने लगा, वो अपना पूरा सीना मेरी तरफ आगे बढ़ा कर दबवाने के लिए उकसा रही थी।
वो धीरे से बोली- थोड़ा धीरे धीरे दबाओ, इतना जोर से नहीं।
उसकी इस हरकत से में और उत्तेजित होने लगा, मैंने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया और अब उसके नंगे बदन पर मेरे हाथ रेंग रहे थे, उसके मस्त उभारों को में सहला रहा था।
वो मेरी तरफ न देखकर टीवी की तरफ ही देख रही थी जो पता नहीं क्यूँ पर बड़ा अच्छा लग रहा था।
मैंने देख लिया कि उधर अंदर की तरफ से नीलेश चला आ रहा है, मैंने उसको आँखों से ही इशारा किया और अपनी बीवी का टॉप इतना उठा दिया कि नीलेश थोड़ा दूर से देख सके।
फिर मैं उन्हें चूसने लगा और दूसरे तरफ का निप्पल को रगड़ने लगा, नीलेश थोड़ा झांक कर मधु के नंगे बदन को देखने की कोशिश करने लगा।
इतने में मैंने मधु के कपड़े सही किये, थोड़ा दूर हटा कहा- वो कभी भी बाथरूम से आ सकता है।
नीलेश थोड़ा पीछे हट कर दरवाज़े की आवाज़ करता हुआ आने लगा।
मधु धीरे से मुझसे बोली- आपकी टाइमिंग बहुत अच्छी है।
मैं बोला- अंदर आ जा !
और मैं बैडरूम में चला गया।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments