पतिव्रता बीवी की चुदाई गैर मर्द से करवाने की तमन्ना-5
(Biwi Ki Chudai Gair Mard Se karwane Ki Tamanna- Part 5)
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पतिव्रता बीवी की चुदाई गैर मर्द से करवाने की तमन्ना-4
अब तक आपने मेरी बीवी की चुदाई सेक्स कहानी में पढ़ा कि गुप्ता जी मेरी सेक्सी देसी बीवी को चोदने के लिए उसको चूमने लगे थे जिससे संजना को कुछ शक हुआ और मुझे लगा कि ऐसे तो संजना जान जाएगी, अब एक ही उपाय है इसे रोल प्ले में लाना पड़ेगा।
अब आगे..
मैंने बोला- संजू तुमने कहा था ना कि आज मैं जो कहूँगा.. वो तुम करोगी तो प्लीज आज मेरी खातिर उस बूढ़े की कल्पना करो ना, जिसे तुमने पहली बार इमेजिन किया था, आज मेरी खातिर उसे फिर से इमेजिन कर लो ना!
वो बोली- क्या बकवास कर रहे हैं आप.. ये सब एक बार होता है, बार-बार नहीं।
मैंने कहा- तुम्हें मेरी कसम एक लास्ट बार कर लो ना!
मेरी बीवी पतिव्रता थी और मेरी कसम को कभी टाल नहीं सकती है, वो बुझे मन से बोली- ठीक है।
मैंने कहा- तो सोचो कि वो बूढ़ा तुम्हारे पास आ रहा है.. उस बेचारे की प्यास बुझा दो।
वो जल्द ही करेक्टर में घुस गई क्योंकि वो इस वक्त पूरी तरह से चुदवाने के लिए व्याकुल जो थी। वो आंख पर पट्टी बांधे-बांधे ही बोली- हाँ आ जाइए बूढ़े बाबा, जल्दी से मेरी चुत की प्यास बुझा दीजिए।
गुप्ता जी संजना के पास गए और संजू के होंठों पर अपना होंठ रख दिए। संजना तो जैसे सेक्स के लिए पागल हो गई थी वो गुप्ता जी के होंठों को मेरे होंठ समझ कर पूरे जोर-जोर से चूसने लगी। गुप्ता जी आँखें मूंदे हुए संजू के होंठों का रसपान कर रहे थे। इसी बीच गुप्ता जी ने संजू की कमीज के ऊपर से ही उसके चूचों को पकड़ लिया और सहलाते हुए हल्के-हल्के से मसलने लगे।
गुप्ता जी चुत चोदने में इतने माहिर थे कि जल्द ही संजना आहें भरने लगी। गुप्ता जी ने इसके बाद संजू की कमीज को बड़ी नजाकत से उतार दिया।
उसका भरा बदन देखकर गुप्ता जी के आंखों में चमक आ गई थी। वो फिर संजना की गर्दन पर हल्के होंठों से किस करना चालू किया तथा कान के बगल में जीभ से किस करने लगे। संजू इस अंदाज को महसूस करके बेहाल हुए जा रही थी।
अचानक गुप्ता जी संजना के कान के आधे हिस्से को अपनी मुँह में लेकर चुभलाने लगे। संजू जैसे रोमांस के शिखर पर पहुँच गई थी।
इसी बीच गुप्ता जी ने संजू की ब्रा का हुक खोल कर उसके मम्मों को आजाद कर दिया और उसके चूचों को बड़े शातिराना अंदाज में हल्के हाथों से मसलने लगे। चूचियों को मसलने के साथ बीच-बीच में गुप्ता जी निप्पल की घुंडियों को भी चुटकी से घुमा देते थे। ये सब संजना की चुदास की आग में घी डालने का काम कर रहा था।
संजू की चूचियां एकदम दूधिया रंग की थीं.. और निप्पल लालिमा लिए हुए थे।
गुप्ता जी संजना के कान को चुभलाते हुए उसकी गर्दन पर किस करते हुए गर्दन से नीचे दोनों चूचों के बीच अपनी जीभ फिराने लगे और वे दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसल भी रहे थे।
संजना ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… सी.. सी..’ करती जा रही थी।
इसके बाद गुप्ता जी ने अपनी कमीज और गंजी को खोल दिया, उनकी बड़ी सी तोंद साफ दिख रही थी। इसके बाद गुप्ता जी ने संजना के चुचों को ललचाई नजर से देखा और अपनी जीभ चुचों के आस-पास फिराने लगे।
फिर धीरे-धीरे अपनी जीभ को संजू के निप्पल पर ले गए और कभी धीरे, कभी जोर से चाटने और चुभलाने लगे।
संजू के निप्पल पूरे नुकीले और खड़े हो गए थे, संजू बेकाबू होते जा रही थी.
अब गुप्ता जी की स्पीड थोड़ी बढ़ी और वो कभी इस चुची को, कभी उस चुची को चूसने लगे। बीच-बीच में वे संजू के निप्पलों की घुंडियों को दांत से काट भी लेते थे।
संजू ‘आह.. अममम.. ओह..’ किए जा रही थी।
इसी बीच गुप्ता जी ने संजू की कैप्री को अपने पैरों से नीचे खींचकर अलग कर दिया था। अब वो सिर्फ पैन्टी में थी।
गुप्ता जी संजना की चुचियों को लगातार चूसे जा रहे थे। ये सब फोर-प्ले करते कई मिनट हो चुके थे।
तभी चुदासी संजना के मुँह से अचानक आवाज निकली- वाह बाबा आप तो चुदाई के बड़े माहिर खिलाड़ी हो और मजा लो मेरी जवानी का.. अह..
संजना पूरी तरह से किरदार में घुसी हुई थी।
अचानक गुप्ता जी चूचियों को चूसते हुए अपना हाथ संजना के पेंटी पर ले गए, संजू की पेंटी पूरी तरह से भीग चुकी थी, गुप्ता जी संजू की पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगे।
चुत पर हाथ लगते ही संजना ‘ईस्स.. अ..अह..’ कर उठी।
गुप्ता जी अचानक धीरे से अपना हाथ संजना की पेंटी के अन्दर डालते हुए उसकी चूत को सहलाने लगे और उन्होंने अपनी एक उंगली को संजना की चूत में घुसा दी। संजना के मुँह से जोर से ‘आह.. बाबा..’ की आवाज निकली।
गुप्ता जी ने संजना की चूत में 4-5 बार उंगली करने के बाद उंगली को बाहर निकाला। उंगली पूरी तरह से चुत रस में भीगी हुई थी। गुप्ता जी से रहा नहीं गया और वे संजू की चुत के रस से भरी उंगली अपने मुँह में लेकर चाटने लगे।
अब गुप्ता जी संजू की चूचियों के नीचे उतरते हुए पेट पर तथा नाभि पर धीरे-धीरे जीभ फिराते हुए संजना के मांसल जांघों के पास आ गए और वहाँ जीभ फिराने लगे। इसके बाद चूत के आस-पास जीभ फिराने लगे। संजना की चूत का नमकीन पानी, जो उसकी चूत के आस-पास लगा हुआ था, उसको गुप्ता जी ने पूरा चाट लिया।
संजना को लगा जैसे अब उसकी चूत चुसाई होगी इसलिए उसने अपनी जांघें खोल दी थीं। लेकिन गुप्ता जी बिना चूत चूसे जांघों से नीचे आ गए और पूरे पैर की एक-एक जगह को जीभ से सहलाते रहे।
इसके बाद उन्होंने संजू को उल्टा कर दिया और उसकी पीठ से लेकर गांड तक के पूरा बदन को खूब चूमा। गांड के पास आकर गुप्ता जी की आंखें फटी की फटी रह गई। एकदम चिकनी एवं गोरी गांड जो कि पूरा उठी हुई थी, ऐसी मदमस्त गांड को गुप्ता जी ने पहले अपने हाथों से मसला, फिर अपने मुँह से दो मिनट तक चूसा।
इसके बाद गुप्ता जी संजू की गांड के छेद में अपनी जीभ फिराने लगे, जिससे संजना असीम आनन्द में खोती जा रही थी, अब संजना से बर्दाश्त नहीं हो रहा था, वो बोली- प्लीज बाबा.. अब मेरी चूत चूसिए ना..
ये कहते हुए वो पलट गई।
गुप्ता जी ने पहले संजू की चूत को देखा जो काफी चिकनी थी.. और उस पर एक भी बाल नहीं था।
अब गुप्ता जी ने अपने मुँह को संजना की चूत के पास ले गए और उसकी चुत को सूंघा.. और अगले ही पल उसकी फूली हुई गोरी चूत को चूसने लगे। गुप्ता जी ने मेरी बीवी की चूत को दोनों हाथों से फैलाकर उसमें अपनी जीभ ठेल कर अन्दर-बाहर करने लगे।
संजना चुदास से अपने सर को इधर-उधर करने लगी और ‘ईस्स.. अअआह.. अअहह..’ करने लगी।
अब गुप्ता जी संजना की क्लिट, जो कि संजू का सबसे सेंसिटिव पॉइंट है.. उसको अपने मुँह में लेकर चुभलाने लगे।
संजू बेतहाशा सिर को कामुकता से इधर-उधर कर रही थी। एकाएक उसका शरीर अकड़ने लगा और वो बेतहाशा झड़ने लगी और पूरा पानी छोड़ने लगी।
गुप्ता जी अब भी पूरी स्पीड से उसकी क्लिट को चूसे जा रहे थे।
अचानक संजू बोली- प्लीज बाबा.. अब छोड़ दीजिए.. अब सहन नहीं हो पा रहा है।
पर गुप्ता जी को तो मानो कोहिनूर का हीरा मिला हुआ था, वो चुत चूसते जा रहे थे।
संजू गिड़गिड़ाई- छोड़ दीजिए, अब पेशाब निकल जाएगी.. छोड़ दीजिए..
पर गुप्ता जी उसी स्पीड में चुत चुसाई में लगे हुए थे। संजू को सहन नहीं हो पाया और उसके मूत्र के छेद से एक छुरछुराती हुई मूत्र की धारा निकलने लगी।
गुप्ता जी अपना मुँह उसके मूत्र छिद्र पर रखकर सारा मूत पीने लगे, जैसे कि वो मूत नहीं लिम्का हो।
संजना की पेशाब पूरे वेग से रह रह कर ‘छुर्ररर.. छुर्रररर..’ की आवाज के साथ निकल रही थी.. और गुप्ता जी सारा का सारा मूत्र बड़े मनोयोग से पिए जा रहे थे।
लगभग 6-7 बार मूत्र की धारा संजना की चूत से पिचकारी के मानिंद निकली होगी, जो गुप्ता जी सारी पी गए।
ये देख मुझे आश्चर्य हो रहा था। इस बीच मैं भी मुठ मारते-मारते एक बार झड़ चुका था।
संजना जोर-जोर से हांफ रही थी। गुप्ता जी भी कुछ-कुछ हांफ रहे थे, आखिर थे तो बजुर्ग ही।
गुप्ता जी का पूरा मुँह संजना के मूत और चूत रस से भीगा हुआ था। संजना ने अब अपनी आंख से पट्टी हटाना चाही तो मैंने कहा- अभी नहीं.. मैंने तुझे कसम दी है और वैसे भी उस बाबा ने (इमेजिन वाला रोल प्ले वाला बूढ़े को बाबा से संबोधित किया जा रहा था) तुझे इतना मजा दिया है तो क्या तुम्हारा फर्ज नहीं है कि तुम भी इस बेचारे बूढ़े पर भी दया करो।
संजना भी कैरेक्टर में घुस कर बोली- ठीक है बेचारे बूढ़े बाबा ने बहुत मेहनत की है, उन्हें इसका फल मिलेगा।
संजना इसी हालत में उठी और पलंग पर बैठ कर बोली- ऐ बाबा.. आइए अपना मोटे लंड की लॉलीपॉप मुझे चूसने दीजिए ना।
गुप्ता जी ने अपना पजामा खोला तथा इसके बाद अपना लंगोटा भी खोल दिया, वो लंगोटा पहनते थे।
गुप्ता जी ने जैसे ही अपना लंगोटा खोला.. उनका लंड उछल कर बाहर आ गया। मैं उनका लंड देखता ही रह गया, आप सभी को भी आश्चर्य होगा, पर यही सच है कि गुप्ता जी का लंड जो कि अभी मुरझाई अवस्था में ही लगभग 5.5 इंच तथा बहुत मोटा था और काफी काला था। मुझे लगा इसकी साईज को तो संजना भांप जाएगी। मैंने फिर नजदीक जाकर संजना का कहा- हाँ डार्लिंग ये बूढ़ा अपना मोटा लंड लेकर तुम्हारे पास आ रहा है।
गुप्ता जी संजना के पास गए और उन्होंने अपना मोटा लंड संजना के हाथ में दिया। संजना ने मुरझायी अवस्था में इतना बड़ा लंड महसूस किया तो बोली- आपका लंड इतना बड़ा कैसे हो गया?
मैंने काम बिगड़ते देख कर बड़ी चालाकी से गुप्ता जी से सट कर बोला- डार्लिंग ये मेरा थोड़े ना है.. ये तो उसी बूढ़े का मोटा लंड है, जिससे तुम चुदवाने वाली हो, तुम पूरी इमेजिनेशन में हो ना इसीलिए बड़ा लग रहा है।
संजना भी काफी देर से इस करेक्टर में थी। इस वजह से वो फिर से जल्द ही करेक्टर में घुस गई और बड़े एवं मोटे लंड को इमेजिन करने लगी।
इस तरह के इमेजिनेशन से और वो भी इतना मोटा लंड स्पर्श करने के बाद संजना फिर से गरमा गई थी।
संजना ने गुप्ता जी के लंड को अपने हाथों में लिया और थोड़ा हिलाया। गुप्ता जी आंख मूंदे हुए थे, इनके लंड में अभी तक कोई हरकत नहीं हुई थी, ये अनुभव की वजह से था।
संजू ने गुप्ता जी के लंड के आगे वाली चमड़ी को पीछे किया, पीछे करते ही एक अजीब सी दुर्गंध पूरे कमरे में फैल गई।
मित्रो, मुझे उम्मीद है कि आप सभी को मेरी बीवी की चुदाई सेक्स कहानी पसंद आ रही होगी। मुझे मेल जरूर लिखिएगा।
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सेक्स कहानी जारी है।
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