मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में-2
(Meri biwi gair mard ki baho me- Part 2)
मेरी बीवी की चुत चुदाई की रियल सेक्सी कहानी के पिछले भाग
मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में-1
में आपने पढ़ा कि मेरी बीवी ने अपने बॉस के बेटे के साथ सेक्स रिलेशन बना रखें हैं.
अपने जन्मदिन पर मेरी बीवी ने अपने आशिक यार को हमारे घर बुलाया हुआ है पार्टी के लिए.
अब आगे:
उसने कामिनी को अपने बदन से चिपका कर स्मूच करना चालू कर दिया और कामिनी भी उसका साथ दे रही थी, दोनों एक दूसरे में घुसे जा रहे थे, उसने कामिनी के मम्में ऊपर से मसलना चालू कर दिए कामिनी भी उसकी बाहों में मदहोश हो रही थी.
मुझको पता नहीं क्या हो गया, मेरा दिमाग सुन्न हो चुका था, मुझको यकीं नहीं हो रहा था कि मेरी घरेलू बीवी गैर मर्द के साथ मजे ले रही थी. उसने कामिनी को सोफ़े पे लिटा दिया और उसपे लेट कर किस करने लगा.
कामिनी बोली- यार, मूड मत ख़राब करो, वो अंदर है!
विवेक बोला- तो क्या कर लेगा?
कामिनी बोली- ज्यादा हीरो मत बनो?
वो बोला- जानू, आज तो तुम्हारी ले के ही जाऊंगा!
बोली- पागल हो क्या? आज नहीं!मैं समझ गया कि मेरा शक ठीक था, ये दोनों मजे करते हैं.
कामिनी बोली- तुम भी न बहुत जिद्दी हो! एक मिनट कमरे में तो देख आऊँ कि वो सोया या नहीं!
वो बोला- छोड़ो न!
मेरी बीवी बोली- जाने दो न, अभी आती हूँ!
मैं जल्दी से कमरे में आकर लेट गया और ऐसा दिखाया कि जैसे गहरी नींद में हूँ. उसने कमरे की लाइट जलाई और बोली- राहुल राहुल!
मैं कुछ नहीं बोला, वो वापस कमरे में चली गई. मैं दस मिनट ऐसे ही दम साधे पड़ा रहा और इंतजार करने लगा कि आगे क्या होगा.
थोड़ी देर बाद मैं धीरे से उठा, मेरे पैर काँप रहे थे, कमरे का दरवाजा धीरे से खोल कर बाहर झांका तो ड्राइंग रूम की लाइट बंद थी. हमारा एक बैडरूम फर्स्ट फ्लोर पे था, मैं धीरे से ऊपर पंहुचा तो कमरा अन्दर से बंद था और आवाजें आ रही थी. मैंने डोर लॉक के छेद से झांका तो अंदर का नजारा देख कर चकरा गया. कामिनी बेबी डॉल ड्रेस में थी और विवेक जींस की जगह शॉर्ट्स और टीशर्ट में था और वो बेड पर बैठ कर बात कर रहा थे.
थोड़ी देर बाद विवेक ने कामिनी को खींच लिया अपनी तरफ और बोला- बहुत तड़पा रखा है!
वो बोली- अच्छा… मेरा क्या?
और उसने विवेक के सीने पे हाथ फेरने चालू कर दिए. विवेक ने अपनी टीशर्ट उतार दी.
कामिनी बोली उसके डोले देख के- फुल गबरू हो!
विवेक का शरीर बहुत गठा हुआ था, उसके टीशर्ट उतारते ही कामिनी उसके सीने को चूमने लगी, बोली- क्या बॉडी है जानू तुम्हारी! बांहों में लेती हूँ तो लगता है कि कोई मर्द ले रही हूँ बांहों में!
विवेक ने उसको अपने बदन से चिपका लिया.
मेरा दिमाग खराब हो चुका था, मेरी बीवी किसी गैर मर्द से चुदने वाली थी.
विवेक ने कामिनी को गोद में उठा लिया और बोला- मेरी जान, तुम इतनी सुन्दर हो न कि बस बांहों में आती हो तो बसमजा आ जाता है. क्या सेक्सी चिकना बदन है मेरी जान का… पूरी की पूरी मक्खन हो मेरी जान!
वो बोली- तुम भी तो मेरे सलमान खान हो! मेरी जान की क्या बॉडी है; सलमान खान भी फेल है तुम्हारी जवानी के आगे!
विवेक बोला- क्यों तुम्हारे पति ऐसे ही नहीं उठाता गोद में?
वो बोली- वो उठा चुका… गिर ही पड़ेगा!
और जोर से दोनों हंसने लग गए मुझको इतना गुस्सा आ रहा था कि मन कर रहा था उनकी ऐसी की तैसी कर दूँ पर विवेक की बॉडी देख कर मैंने सोचा कि इसने अगर उठा के पटक दिया तो मेरी फट जाएगी.
मेरी बीवी का रोमांस उसके बॉस के बेटव से चल रहा था; उनको जैसे न मेरा डर था न जल्दी!
विवेक बोला- जानू, डांस करने का मन कर रहा है तुम्हारे साथ!
वहाँ ग्लास वाली कैंडल लाइट रखी थी, वो बोला- एक काम करो… यह कैंडल लाइट जलाओ और लाइट ऑफ कर दो; एकदम रोमांटिक माहौल हो जाएगा.
और मेरी कामुक बीवी ने कैंडल लाइट जला दी, कमरे का लाइट बंद कर दी; कमरे में अब रोशनी कम हो गई थी. विवेक ने अपने मोबाइल पर गाना चला दिया और दोनों एक दूसरे को बांहों में लिये डांस करने लगे.
विवेक टॉप लेस था और उसकी जबरदस्त बॉडी देख कर मैं हैरान था, शायद वो बॉडी बिल्डिंग करता था.
कामिनी और वो एक दूसरे की बांहों में बाँहें डाल के डांस कर रहे थे, उसने कामिनी को गांड के पीछे से पकड़ रखा था और कामिनी ने उसके सीने पर!
उसने धीरे से कामिनी के छोटे से बेबी डॉल में नीचे से हाथ डाला और नाचने लगा. कामिनी की लाल पेंटी साफ़ नजर आ रही थी. ये सब देख कर मुझे कुछ होने लगा और लंड खड़ा हो गया.
दोनों ने एक दूसरे के होंठ चूसने शुरू कर दिए और उनके चुम्बन लम्बे चले जा रहे थे. वो दोनों एक दूसरे में खो चुके थे पूरी तरह; कामिनी ने अपने जीभ बाहर निकाली, वो विवेक चूसने लगा, फिर उसने धीरे से कामिनी का बेबी डॉल उतार दिया, अब कामिनी का गोरा गोरा बदन सिर्फ लाल कलर की ब्रा और पेंटी में था.
मेरा बुरा हाल हो चुका था, मैं सिर्फ अपने लंड पर हाथ रख कर मदहोश होकर ये सब देख रहा था, मेरी अकल ने काम करना बंद कर दिया था. उसने कामिनी के गले पर किस करना शुरू कर दिया, पहले दायीं तरफ, फिर बायीं तरफ… कामिनी भी उसके सीने में जीभ चलाने लगी.
विवेक मेरी बीवी के मम्में मसल रहा था, वो कामुकता से सिसकारियाँ भर रही थी, गर्म हो रही थी, एकदम से विवेक ने कामिनी को चिपका लिया और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
कामिनी कहाँ पीछे रहने वाली थी, उसने विवेक की पैंट का हुक खोल दिया, फिर उसने बटन खोल दिए, उसकी पैन्ट नीचे गिर पड़ी. विवेक ने एक हाथ से अपनी पैन्ट निकाल कर टेबल पर डाल दी. अब वो सिर्फ ब्लैक कलर की फ्रेंची में थी, उसका मोटा लंड साफ़ नज़र आ रहा था.
अब मैं दरवाजे के एकदम पास आकर यह नज़ारा देख रहा था. बाहर बिल्कुल अँधेरा होने के कारन उनको कुछ नज़र नहीं आता था.
कामिनी शायद ज्यादा गर्म हो चुकी थी, उसने विवेक की फ्रेंची के ऊपर से उसका लंड सहलाना शुरू कर दिया और धीरे धीरे सहलाती रही. विवेक ने कामिनी को गेंद की तरह गोदी में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया, मेरी बीवी कामिनी ने अपनी बांहें खोल दी और उसको अपने आगोश में लेने के लिये विवेक जैसे ही झुका, कामिनी ने उसको अपने ऊपर खींच लिया, बोली- जानू, तुमने नशा चढ़ा दिया है अपना!
विवेक बोला- तुमने भी मुझे पाल कर रखा हुआ है, मुझे!
“अपनी बीवी के साथ सोना अच्छा नहीं लगता?” मेरी बीवी बोली.
तो विवेक बोला- अब तो तुम ही हो मेरी जान!
और उसने कामिनी को पलटा कर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए, कामिनी के गोरे गोरे 36डी के मम्में आजाद होकर इधर उधर झूलने लगे.
कामिनी का गोरा गोरा शरीर और विवेक का नंगा जिस्म उस कैंडल लाइट में किसी पोर्न फिल्म के सीन जैसा लग रहा था. विवेक ने कामिनी को पलटा दिया और उसकी गोरी गोरी पीठ पर नाक रगड़ने लगा.
कामिनी जोर से बोली- क्या कर रहे हो? गुदगुदी हो रही है… छोड़ो न प्लीज!
और वो पलट गई.
विवेक ने कामिनी के बड़े बड़े मम्में मसलने शुरू कर दिए और दांत से निप्पल काटते हुए चूसने लगा.
कामिनी बोली- धीरे से करो न प्लीज!
पर विवेक ने कामिनी के मम्में मसलना चालू रखा. उसके मम्में लाल हो चुके थे, वो कभी राइट वाला निप्पल कभी लेफ्ट वाला निप्पल मुँह में ले के चूसता और छोड़ता.
कामिनी ने विवेक की चड्डी में हाथ डाल कर उसका लंड जोर से पकड़ लिया.
विवेक बोला- यार धीरे से… लंड उखाड़ लोगी क्या?
कामिनी बोली- जब से खुद निप्पल चूस चूस के मम्में रगड़ रगड़ के लाल कर दिए तब कुछ नहीं हुआ? मेरा बस चले न तो मैं तुम्हारे लंड को अपने पास ही रख लूं!
और हंसने लगी.
उसने विवेक की फ्रेंची नीचे खींच दी.
विवेक बोला- मतलब अब हमारी मैडम से बिना लंड लिये रहा नहीं जा रहा?
वो बोली- इतनी देर से रगड़ रहे हो तो मेरी चूत गीली नहीं होगी क्या? और वो मेरा डब्बा पति उठ गया और तुमको चोदते देख लिया न उसने तो वो हार्ट अटैक से मर जाएगा. समझे मेरी जान? विवेक बोला- उसका इंतज़ाम ऐसा कर दिया है, तुम परेशां मत हो!
मेरी बीवी बोली- विवेक, डालो न!
विवेक और मजा लेने के मूड में था, उसने कामिनी की पेंटी एक झटके में उतार दी और नीचे खिसक गया; उसने अपनी पूरी जीभ मेरी बीवी की चूत में घुसा दी.
कामिनी जोर से बोली- विवेक डाल दो!
विवेक की जीभ अंदर बाहर हो रही थी, कामिनी कामुकता के सातवें समुन्दर में गोते लगा रही थी, उसने अपनी टांगें बिल्कुल फैला दी थी पंखें के परों की तरह से… विवेक उसकी गांड नीचे दबा दबा कर उसकी चूत चूसने में मग्न था.
अचानक कामिनी एकदम से आधी उठ गई और उसने विवेक के लंड की तरफ अपना मुँह कर लिया और लंड पे जीभ मारने लगी. विवेक उत्तेजना से झूम गया, वो सीधी टांगें फैला कर लेट गया, कामिनी ने अभी उसके लंड को 8-10 बार ही चूसा होगा कि उसने कामिनी को अपने ऊपर खींच लिया.
कामिनी की चूत में तो पहले ही आग लगी थी, वो झट से अपनी टांगें फैला कर विवेक के लंड पे बैठ गई और आगे पीछे होने लगी.
विवेक कामिनी के नीचे दबा हुआ धीरे धीरे अपने चूतड़ हिला कर चुदाई कर रहा था, कामिनी को शायद मजा नहीं आ रहा था हलके हलके झटकों से, वो बोली- हो गया तुम्हारा चलो!
विवेक बोला- अरे मैडम, अभी तो बैटिंग शुरू नहीं की… और हो गया? मैं तो थोड़ा क्रीज पे पैर जमा रहा था.
और उसने कामिनी को जोर जोर से उछाल उछाल कर चोदना शुरू कर दिया. कमरे में ‘फट फट फट ऊऊह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ऊह फट फट फट’ की बहुत जोर से आवाजें आने लगी, कामिनी के मम्में जोर जोर से उछल रहे थे हवा में!
मेरे लंड का पानी सूख गया था.
मेरी कामुक बीवी कामिनी जोर जोर से बोल रही थी- विवेक… चोदो… जोर जोर से चोदो… बहुत मजा आ रहा है! वाऊ वाओ मेरी जान!
‘फट फट फट फट फट’ और तेज हो गई, विवेक कामिनी के निप्पल बीच बीच में मुँह में भर लेता और मम्में मसल देता.
थोड़ी देर ऐसे ही मेरी बीवी को चोदने के बाद उसने कामिनी को एक झटके में ऐसे ही उठा कर नीचे लेटा दिया और उसकी टांगें फैला दी और पूरे जोर से पेलने लगा. कामिनी बस आअह्ह्ह आअह अह ऊऊह ऊह ऊऊह्ह्ह करती रही और कमरे में उं दोनों की सिसकारियों के साथ ‘फिच फिच फिच फिच फिच’ की आवाज भी गूँज रही थी.
विवेक ने स्पीड बढ़ा दी, मेरी चुदक्कड़ चालू बीवी कामिनी बोली- वाह राजा, क्या जोश के साथ मेरी चूत ले रहे हो!
और फिर विवेक ने मेरी कमीनी बीवी कामिनी की चूत में ही अपने लंड की पिचकारी छोड़ दी.
कामिनी बोली- तुम सुधरोगे नहीं? पानी की पिचकारी अंदर छोड़ना जरूरी है क्या? प्रेग्नेंट हो गई तो?
विवेक बोला- कोई बात नहीं मेरी जान… प्यार की निशानी भी होनी चाहिये!
और लंड मेरी बीवी की चुत के अंदर डाले डाले उसकी छाती पर गिर गया.
दोनों शायद आधे घंटे की चुदाई से थक गए और नंगे ही चिपक के लेट गए. मैंने अपने कमरे में जाना ही ठीक समझा और मैं अपने कमरे में आकर सोच रहा था कि मेरी बीवी गैर मर्द की बांहों में मस्त हो गई है.
मैं आने वाले समय से अनजान था कि मेरा क्या होने वाला था!
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