मेरी चालू बीवी-120
(Meri Chalu Biwi-120)
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सम्पादक- इमरान
उन्होंने सलोनी को फिर से वैसे ही आराम से गद्दे पर लिटाया और फिर से उसकी फ़ुद्दी में लौड़ा डालकर आराम से चोदने लगे।
मामाजी- पर यह तो बता कि दोबारा कब और कैसे चोदा शाहरुख ने तुझको? उस समय तो बहुत मजा लूटा होगा तूने?
सलोनी- हाँ मामाजी… मैं तो शाहरुख भाई के लण्ड की कायल हो गई थी, बहुत ही मजबूत लण्ड था उनका, कितना भी चोद लें, हर समय खड़ा ही रहता था और वो एक भी मौका नहीं जाने देते थे। उन दो हफ़्तों में ना जाने कितनी बार उन्होंने मुझे चोदा होगा। एक ही दिन में कई कई बार वो मेरी ठुकाई कर देते थे।
मामाजी- पर बता तो कि कैसे… अंकुर कहाँ होता था और वो कैसे मौका निकालता था?
सलोनी- अहहा अह्ह उम्म… ओह हाँ… बताती हूँ… अह अह्हा…
और मैं अपने लण्ड को रानी की चूत में डाले हुए केवल उसकी चूत के पानी की गर्मी का मजा ले रहा था, मेरा लण्ड इस कदर टाइट था कि लोहे की छड़ भी उसके सामने नर्म पड़ जाये!
सलोनी के हर शब्द से मेरा लण्ड टनटना जाता था और रानी को भी इसमें बहुत मजा आ रहा था।
साधारणतया चोदते समय लण्ड की मजबूती कम-ज्यादा होती रहती है, इसलिए मजा भी कम ज्यादा होता रहता है, पर इस समय सलोनी की मजेदार चुदाई की कहानी सुनते हुए मेरा लण्ड कड़क और कड़क ही होता जा रहा था जिससे केवल मजा बढ़ता ही जा रहा था।
अब तो सलोनी ने वो किस्से भी बता दिए जिनमें उसने मुझे मूर्ख बनाकर शाहरुख से मजे किये।
सलोनी- हाँ मामाजी… पहले तीन दिन तो मैंने कैप्री और जीन्स ही पहनी थी क्योंकि उन कपड़ों में भी मुझे शर्म आ रही थी पर इस सबके बाद मैंने मिनी स्कर्ट और वो शॉर्ट नाइटी ही पहनी। अंकुर को तो वैसे भी कुछ ऐतराज नहीं था, उनको तो शाहरुख पर पूरा भरोसा था… बस इसी बात का फ़ायदा हम दोनों ने उठाया।
मामाजी- तो क्या कभी अंकुर के सामने भी उसने तुमको चोदा?
सलोनी- सामने तो नहीं पर हाँ, अंकुर के कमरे में रहते हुए ही उसने जरूर कई बार चोदा। वैसे तो अंकुर दिन में कई कई घंटे के लिए अपने काम से चले जाते थे तब तो वो मुझे पूरा नंगा करके खूब चोदते थे, पर उससे भी उनका दिल नहीं भरता था, जब अंकुर घर पर भी होते थे तब भी, जैसे ही मौका मिलता वो कुछ न कुछ कर ही देते थे।
मामाजी- अरे यह बता ना… वो कुछ ना कुछ क्या?
सलोनी- ओह… जैसे चूची पकड़ना, दबाना, या फिर चूतड़ को दबाना और भी बहुत कुछ! मुझे भी इस सबमें इतना मजा आता था कि कई बार तो मैं स्कर्ट के नीचे कच्छी भी नहीं पहनती थी। उस समय तो उनका मजा दुगना हो जाता था…
मेरी फ़ुद्दी को भी मसल देते थे और चूम भी लेते थे, मुझे भी अंकुर के सामने उनको दिखाने में बहुत मजा आता था। जब हम तीनों भी साथ बैठे होते थे, तब भी मैं अपनी टाँगें खोलकर उनको सब दिखा देती थी, शाहरुख भाई भी, अंकुर कभी कमरे में होते, तब भी रसोई में आकर मुझको मसल जाते और जब कभी अंकुर बाथरूम में होते तब तो बहुत कुछ कर देते…
2-3 बार तो अंकुर के बाथरूम में होने पर भी उन्होंने मुझे चोदा था, उस समय भी बहुत मजा आता था। जैसे ही अंकुर बाथरूम में जाते, शाहरुख भाई मुझे अपनी बाँहों में ले लेते और उधर शायद अंकुर बाथरूम में अंदर अपने कपड़े पूरे निकाल भी नहीं पाते होंगे पर शाहरुख भाई मुझे पूरा नंगा कर देते, वैसे भी केवल दो या एक ही कपड़ा होता था, स्कर्ट-टॉप या फिर नाइटी और हर बार नए आसन के साथ वो तुरन्त अपना लण्ड मेरी चूत में डाल देते…
मजे की बात थी कि न तो उनको किसी तरह गर्म करने की जरूरत थी ना मुझे, उनका भी लण्ड हर समय खड़ा ही रहता था और मेरी फ़ुद्दी तो सोचकर ही रस से भर जाती थी।
जब तक वो बाथरूम में नहाते, तब तक शाहरुख भाई मेरी चुदाई पूरी भी कर देते थे।
एक बार तो ऐसा भी हुआ था कि इधर शाहरुख भाई मुझे चोदकर चुके थे और उधर बाथरूम में अंकुर भी नहा चुके थे।
मैं बिल्कुल नंगी बस कपड़े पहनने ही जा रही थी कि अंकुर ने तौलिया मांग लिया।
आप यकीन नहीं करोगे मामाजी…
मैंने ऐसे ही पूरी नंगी उनको तौलिया पकड़ाया, ना उन्होंने बाहर झांककर देखा और ना मैं ही सामने आई, अगर उस दिन अंकुर जरा सा भी देख लेते तो, हा… हा…
मामाजी- तो क्या तुम बोल देती, तुम्हारे लिए ही तो ऐसे होकर आई थी… हा… हा…
सलोनी- हा… हा… हाँ सच मामाजी मैंने यही सोचकर तौलिया उनके हाथ में पकड़ा दिया था। हाँ, एक बार तो वाकयी पकड़ी जाती… अंकुर बाहर बैठे थे और शाहरुख भाई हर बार की तरह रसोई में मेरी मदद के बहाने मेरे शॉर्ट्स में हाथ डाले मेरी नंगी फ़ुद्दी से खेल रहे थे।
तभी हमको लगा कि अंकुर अंदर आने वाले हैं, शाहरुख भाई ने शॉर्ट्स में से जल्दी में हाथ निकाला तो शॉर्ट्स का बटन खुल गया और शॉर्ट्स मेरे पैरों में नीचे गिर गया क्योंकि पेट मैंने पहले ही पिचका रखा था।
मेरी तो हालत ख़राब हो गई, मैं नीचे से पूरी नंगी हो गई थी।
तभी शाहरुख भाई किचन से बाहर जाते हुए दरवाजे पर ही अंकुर से टकरा गए और इतनी देर में मैंने शॉर्ट्स सही करके पहन लिया
वरना उस दिन तो सारी मस्ती धरी की धरी रह जाती।
बाद में शाहरुख भाई ने बताया था कि वो जानबूझ कर ही इतनी तेज टकराये थे कि अंकुर पीछे को गिर गए वरना तुमको इतना समय नहीं मिलता।
मामाजी- अह्ह्ह अह्ह्हाआ आह तेरी बातों में मेरा तो हो गया… अह्हा अह्हा… अच्छा यह तो बता, कभी तीनों एक ही कमरे में हों, ऐसे भी चोदा क्या शाहरुख ने तुझे?
कहानी जारी रहेगी।
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