मेरा क्या दोष है?
Mera Kya Dosh Hai
मैं 29 साल हूँ।
पिछ्ले साल एक वैवाहिक साइट के माध्यम से एक लड़की से मेरी शादी हुई।
मैं बहुत हर्षित था क्योंकि मेरी पत्नी बहुत सुन्दर है और घर-परिजनों सबका बहुत ख्याल रखती है।
लेकिन अकसर वो अपने मोबाइल से चिपकी रहती है।
मैंने उसकी व्यक्तिगत जिन्दगी का आदर करते हुए कभी नहीं पूछा कि किससे बात कर रही हो या मैसेज करती हो।
लेकिन मैंने नोटिस किया कि कई बार वह मुझे देखकर वह हड़बड़ा सी जाती है।
एक दिन बो बाथरूम में थी, मैंने सुना कि बाथरूम में रोते हुए फोन पर किसी से बात कर रही थी, किसी से कह रही थी कि वो उसे ले जाये।
मैं हैरान रह गया था।
जब वह बाहर निकल कर आई तो उसकी आँखें सूजी हुई थी।
मैंने पूछा- क्या बात है? क्या हुआ?
तो उसने कहा- घर और मम्मी पापा की बहुत याद आ रही है।
मैं उसे उसके मम्मी-पापा के पास छोड़ आया।
एक हफ्ते बाद जब मैं उसे लेने गया तो वह वहाँ नहीं थी।
मेरे ससुरजी ने मुझे बताया कि वह तो अपनी मौसी के घर गई हुई है अलवर। उसकी मौसी के बेटे की सगाई है वहाँ।
मैं हैरान था कि आज सवेरे ही तो बात हुई थी कि मैं लेने आने वाला हूँ। और ये लोग क्यों नहीं गये?
तीन दिन के बाद मेरे सास-ससुर अपने आप ही उसे मेरे घर छोड़ गए।
मेरी पत्नी के चेहरे पर चोट के निशान थे।
पूछा तो बताया कि रिक्शा से गिर गई थी, उसकी चोटें हैं।
बात ऐसे ही आई-गई हो गई।
लेकिन इसके बाद वो एकदम निराश और ज्यादा बुझी-बुझी सी रहने लगी।
पिछले दिनों हमारे घर एक नया मेहमान का आगमन हुआ यनि सन्तान का जन्म हुआ।
लेकिन जब से मैंने उस नवजात शिशु को देखा है, मेरी सारी खुशियाँ गायब हो गई हैं।
हमारे परिवार में और मेरी पत्नी के मायके में सभी का रंग गोरा है, उसके और मेरे ननिहाल के परिवारों में भी सब गौरवर्ण हैं।
मगर हमारी औलाद का रंग काफ़ी साँवला सा है।
अब मुझे शक सा होने लगा है, मुझे यकीन ही होने लगा है कि यह बच्चा मेरा नहीं है।
मुझे लगता है कि उस दिन बाथरूम में वह अपने किसी यार से कह रही थी कि मुझे ले चलो।
मुझे लगता है कि जिस दिन मैं उसे लेने गया था, वह अपने मायके के घर से भाग गई थी।
और जिस दिन मेरे सास-ससुर उसे लाए थे, रिक्शा से नहीं गिरी थी वो, बल्कि उसके मम्मी पापा उसकी पिटाई करने के बाद जबरदस्ती मेरे पास छोड़ गए थे।
इसीलिए वह बुझी-बुझी रहती है।
असल में मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूँ।
उसे उदास देखना मुझे बहुत बुरा लगता है।
मगर उसने मुझसे वे सब बातें छिपाई हैं, तो मेरा क्या दोष है?
मैं किसी से कुछ कह नहीं पा रहा।
कई बार मेरा मन करता है सब कुछ खत्म कर लूँ।
आप ही बताइए कि मैं क्या करूँ?
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