पड़ोस की कच्ची कली की बुर चुदाई

(Hindi sex Stroy: Pados Ki Kachchi Kali Ki Bur Ki Chudai)

दोस्तो, मैं संचित ठाकुर फिर हाजिर हूँ अपने एक नई Hindi sex stroy के साथ…

आप सब लोग यही सोचते होंगे कि इसके पास कौन सा निराला लंड है जो रोज ही कहानियाँ लिखने बैठ जाता है, कुछ को तो मेरी आपबीती मनघड़ंत भी लगती होंगी, तो मैं आप सब को बता दूं कि मेरी हर कहानी एकदम सच्ची है.
बाकी हो सकता है कि मुझसे ही लिखने में कोई कमी रह जाती होगी जिस कारण आप में से कुछ को मेरी कहानी मनघड़ंत लगती हैं. मेरे बहुत से अंतरवासना मित्रों की मेल्स आई और मैं उनको धन्यवाद देता हूँ मेरी कहानियों को प्यार देने के लिए!

मेरी पिछली हिंदी सेक्स कहानी शादीशुदा गर्लफ्रेंड की चूत में लन्ड में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने जानवी के साथ मज़े किए और आज भी कर रहा हूँ.
लेकिन कभी ना कभी हर किसी से मन भर ही जाता है, तो लगा मैं भी अपने लंड के लिए एक नयी चूत ढूँढने…
पर मेरी तलाश इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी, यह मैंने कभी ना सोचा था, शायद कामदेव मुझ पर कुछ ज़्यादा ही प्रसन्न हैं.

हमारे घर से थोड़ा ही दूरी पर एक 19-20 साल की कमाल की आइटम रहती है जिसका नाम है तमन्ना… साधारण परिवार से होने के कारण वो ज़्यादा मॉडर्न तो नहीं पर फिर भी उसके जिस्म का आकार और नैन नक्श किसी का भी लंड खड़ा करवा दे..

ऐसे ही मैंने एक दिन अपने पड़ोस के लड़के तरुण, जिसका उनके घर काफ़ी आना जाना था, को बोला कि यार मेरी तमन्ना से बात करवा दे.
तो वो बोला- भाई मैंने तो कई लड़कों को लेकर इस से पूछा… पर वो मना कर देती है.
लेकिन फिर भी मेरे ज़ोर देने पर वो पूछने को राज़ी हो गया।

अगले दिन मैंने उससे पूछा- क्या हुआ और क्या बोला तमन्ना ने?
तो तरुण ने कहा- नहीं भैया, वो बोलती है कि आप बहुत बड़े हो, मुझे नहीं करनी आपसे…
मैंने मन ही मन सोचा- बड़ा हूँ तो क्या हुआ, मेरा लंड भी तो बड़ा है.

खैर अब क्या कर सकते थे, मैंने उसको थॅंक्स बोला और वहाँ से अपने घर चला आया, लेकिन हूँ तो मैं भी हरामी… जानबूझ कर उसके घर के सामने हॉर्न बजा कर निकलता था.
फिर ऐसे ही कुछ और दिन बीत गये और मुझे जानवी की चूत से ही काम चलाना पड़ा.

तभी एक दिन तरुण ने मुझे रास्ते में रोकते हुए बताया- भाई, तमन्ना मुझसे आपका नंबर ले गई है और बोल रही थी कि ‘प्लीज़ तरुण किसी को बताना मत!’
मेरे तो मन में लड्डू फूट रहे थे।

जैसे तैसे मैं घर पहुँचा और लगा उसकी कॉल का वेट करने… पर सारा दिन इंतज़ार करने का कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि उस दिन और ना ही अगले दिन उसकी कोई काल आई.
फिर और दो तीन दिन बाद एक न्यू नंबर से मेसेज आया ‘हेलो!’
मैंने मेसेज का रिप्लाइ ना करते हुए कॉल कर दी और किसी ने रिसीव करके काट दी.
फिर एक मेसेज आया- प्लीज़ कॉल मत कीजिए, सभी घर पर है मैं तमन्ना हूँ!

बस फिर ऐसे ही हमारी मेसेज पर बात होने लगी, बातों बातों में मैंने उसे लिख दिया- मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ!
उसने भी रिप्लाई में लिखा- पसंद तो मैं भी आपको करती हूँ पर अगर किसी को पता लग गया तो मेरी बहुत बदनामी होगी.
लेकिन मैंने उसको किसी तरह मना लिया और चल पड़ी हमारे इस नये रिश्ते की किश्ती!

और इसी दौरान मैंने उसको सेक्स चैट करने को भी राज़ी कर लिया, पर वो इतनी भी शरीफ नहीं थी जितना मैं उसको समझ रहा था, उसका जवाब था कि हम ये सब सिर्फ़ मेसेज पर ही करेंगे, ना कि असल में!
उसकी तसल्ली के लिए मैंने भी हामी भर दी पर असल में तो मुझे उसको चौदना था.

फिर एक दिन मैंने देखा कि तमन्ना के परिवार वाले कहीं जा रहे थे, उनके जाते ही मैंने झट से उसको मेसेज किया- क्या कर रही हो?
वो बोली- कुछ भी नहीं… फ्री हूँ!
मैंने सोचा कि क्यों ना इसको आज चोदने की कोशिश की जाए..
मैंने फिर से मेसेज किया- अगर कुछ नहीं कर रही हो तो आ जाओ मेरे घर पर… तुमको पास से देखने का बहुत मन कर रहा है!
पर वो कहने लगी कि उसको डर लगता है कि कहीं मैंने कुछ कर दिया तो?

पर मैंने उसे तसल्ली दी और कहा- अगर तुम्हें मुझ से प्यार है और अगर तुम मुझ पर भरोसा करती हो तो आ जाओ।
इस पर वो बोली- तुम मेरी कसम खाओ कि तुम ऐसा वैसा कुछ नहीं करोगे?
मैंने उसकी कसम खा ली और वो आने को राज़ी हो गई।

उसके आने तक मैं बस यही सोच रहा था कि इसको चोदूँगा कैसे?

फिर जैसे ही वो आई तो मैं दरवाजा बंद करने लगा, तो वो बोल पड़ी- दरवाजा क्यों बंद कर रहे हो?
मैंने कहा- अगर कोई देख लेगा तो क्या कहेगा?
पर वो मुझसे भी तेज बन रही थी कि आपने तो सिर्फ़ मुझे देखना ही था अब देख तो लिया तो अब मैं जाती हूँ.
लेकिन मैंने उसकी बात ना सुनते हुए दरवाजा बंद कर दिया और उसकी तरफ पलट कर सीधा ही उसके मुंह पर बोल दिया कि मैं तुमसे सेक्स करना चाहता हूँ। क्या तुम मेरी यह इच्छा पूरी करोगी?
तो वो बोली- मैंने आज तक सेक्स नहीं किया!
मैंने भी झूठ ही कह दिया- मैंने भी आज तक सेक्स नहीं किया।

तो वो हां ना के बारे में सोचने लगी लेकिन मैंने ज़्यादा देर ना करते हुए उसको पकड़ कर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
एक बार तो उसने मुझसे छूटने की कोशिश की पर मैंने उसको कस के पकड़े रखा और उसके होठों को कस के चूमने लगा.

यह चुम्बन 15 मिनट तक चलता रहा और मैंने उसकी छाती पर हाथ फिराना शुरु कर दिया। उसने विरोध नहीं किया और धीरे धीरे मैं उसके पेट से होता हुआ उसकी बुर को सलवार के ऊपर से हाथ सहलाने लगा।
अब मेरे होंठ उसके होंठों को चूम रहे थे और एक हाथ उसके वक्ष पर और एक हाथ उसकी बुर पर था। अब मैं धीरे धीरे उसकी गर्दन और उसके बाद उसके स्तनों को कमीज के ऊपर से चूसने लगा तो उसके मुंह से अजीब से आवाजें आने लगी तो मैं समझ गया कि अब वो गर्म हो चुकी है।

उसके बाद मैंने धीरे धीरे एक हाथ कमीज के अन्दर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उसके स्तनों को दबाने लगा। बाद में मैंने उसकी कमीज उतार दी, उसने काली ब्रा पहनी हुई थी।

वो अपने स्तन अपने दोनों हाथों से छुपाने लगी। मैंने समय न गंवाते हुए उसे दोबारा किस करना शुरु कर दिया और उसकी ब्रा के ऊपर से चूचियों को सहलाता रहा, फिर उसकी पीठ पर हाथ ले जा के उसकी ब्रा के हुक भी खोल दिये।
मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसके स्तन चूसने लगा।

10 मिनट तक उसके स्तन चूसने के बाद मैंने उसकी सलवार की तरफ़ हाथ बढ़ाया और उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चूचियों को चूसना चालू रखा। उसके मुंह से अजीब अजीब आवाजें आ रही थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… हाह’
मैंने सोचा कि पड़ोसी उसकी आवाज़ सुन लेंगे तो समस्या हो जायेगी इसलिये मैंने उसके स्तन चूसते-चूसते सीडी का बटन ऑन कर दिया। अब म्युज़िक जोर से बजने लगा और किसी को कुछ सुनाई देने का तो नाम ही नहीं था।

अब मैंने उसकी सलवार धीरे धीरे उतारनी शुरु कर दी। उसकी सलवार उतारने के बाद मैं उसकी चूत को चूमने लगा तो वो और जोर से सिसकारियां लेने लगी।
मैं लगभग दस मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा, फिर मैंने अपने लंड को बाहर निकाला जो अब पूरी तरह खड़ा हो गया था। लंड को देख कर वो बहुत सकपका गई और प्रार्थना करने लगी-
प्लीज़ संचित, कुछ ऐसा मत करना जिससे हमें बाद में पछताना पड़े।

मैंने उसे दिलासा दिलाई और उसे बिस्तर पर लिटा दिया। मैंने तमन्ना की जांघों के ठीक बीच में अपना हाथ फिराया और फिर उस पर पास में पड़ी शीशी से वैसेलिन निकाल कर लगाई।
तमन्ना की बुर का छेद काफी छोटा था, बुर पर अच्छी तरह से वैसेलिन लगाने के बाद मैं तमन्ना की टांगों के बीच बैठ गया और उसकी कमर को मजबूत हाथों से पकड़ लिया।
मैंने कोशिश करके थोड़ा सा लिंग अन्दर प्रवेश करा दिया।
वो हल्के हल्के सिसकारियाँ ले रही थी।

फिर मैंने एक जोरदार झटका मारकर लंड को बुर की गहराई तक पहुँचा दिया, तमन्ना की चीख निकल गई। तमन्ना जोर जोर से चिल्लाने लगी। मैंने देखा कि चूत से खून निकल रहा है। मैंने दोबारा वैसा ही झटका मारा, तो इस बार तमन्ना दर्द से दोहरी हो गई।

मैंने यह देख कर उसके होठों को अपने होंठों से दबा लिया थोड़ी देर में ही वो सामान्य नज़र आने लगी क्योंकि उसके मुँह से हल्की हल्की उत्तेजक सिसकारियाँ निकल रही थी।
मैंने फिर से एक जबरदस्त धक्का मारा, इस बार वो दहाड़ मार कर चीख पड़ी। इस बार उसकी आँखों में आँसू तक आ गए थे।

मैंने उसके होठों को अपने होठों से चिपका लिया और जोर जोर से उन्हें चूमने लगा, वो भी उतनी तेजी से मुझे चूम रही थी।

मैं हल्के हल्के अपनी कमर चला रहा था, अब तमन्ना धीरे धीरे सामान्य होती लग रही थी क्योंकि अब उसने अपनी टांगों को मेरी कमर के चारों ओर कस लिया। मैंने उसके होठों को छोड़ दिया और पूछा- अब मज़ा आ रहा है क्या? दर्द तो नहीं है?
वो बोली- आराम से करते रहो!

यह हिंदी सेक्स कहानी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!

मैंने एक जोरदार झटका मारकर अपना लंड उसकी बुर में काफी अन्दर तक ठूंस दिया। इस बार उसके मुँह से उफ़ भी नहीं निकली बल्कि वो आह.. सी.. स्स्स्स…सस… की आवाज़ें निकाल रही थी।
यह देखकर तीन चार जोरदार शॉट मारे और जड़ तक बुर में लंड घुसा दिया और अपने होठों को उसके होठों से चिपका उसके ऊपर चित लेटा रहा।

अब मैंने झटकों की गति और बढ़ा दी। तमन्ना ने अपनी टाँगें ढीली कर ली मतलब उसका पानी छूट गया था।
उसके 5 मिनट बाद ही मैंने भी अपना माल उसकी बुर में छोड़ दिया.

उसने कहा- अब मुझे जाने दो घर वाले आने वाले होंगे…
फ़िर मैंने भी उसकी परेशानी को समझा और उसे जाने दिया.

लेकिन अब तो मेरे पूरे पूरे मज़े हैं, जब भी दिल करता है तो कभी जानवी को और कभी तमन्ना को जी भर के चोदता हूँ.

तो दोस्तो कैसी लगी आपको मेरी हिंदी सेक्स कहानी ज़रूर मेल्स करें!
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