कानून के रखवाले-1
प्रेषक : जोर्डन
मेरा नाम जोर्डन है, मुंबई का रहने वाला हूँ। अन्तर्वासना.कॉम पर यह मेरी पहली कहानी है। यह कहानी सस्पेंस, थ्रिलर, एक्शन और गर्म कहानी है।
तो शुरू करते हैं….
परिचय :
यह कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसने पुलिस सर्विस में अपना खूब नाम बनाया वो बहुत सारे अन्डरकवर ओपरेशन कर चुकी है और एक बहुत ही हिम्मत वाली लड़की है। उसने कराटे की ट्रेनिंग भी ली है प्रोफेशनल से। इस वीर लड़की का नाम है “सोनिया शर्मा” उसको पुलिस सर्विस में अभी 5 साल ही हुए हैं और वो अपनी काबिलियत के बल पर आज ऐसपी बन चुकी है।
वैसे तो वो 27 साल की है पर देख कर 20 साल से ज्यादा नहीं लगती। उसकी सबसे अच्छी बात यह थी कि वो कभी भी मेकअप नहीं करती, एकदम प्राकृतिक सौन्दर्य है। गोरा बदन, स्लिम बॉडी, पतली कमर, चिकनी टांगें, लम्बे रेशमी बाल, कसे चूतड़, जांघ पर काला तिल, मोटे मोम्मों से लदी छाती और काली आँखें। सुन्दरता में तो कोई उसका मुकाबला ही नहीं कर सकता। सोनिया अधिकतर टी-शर्ट, जींस, शोर्ट्स या स्कर्ट ही पहनती है। पूरा पुलिस-स्टेशन इसके पीछे पागल है मगर किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि इसको कुछ कह सके।
सोनिया ड्यूटी में और फ़र्ज़ में जितनी कड़क है, उतनी दिल की उतनी ही नर्म है, कभी किसी का बुरा होते हुए नहीं देख सकती और इसलिए गरीबों और मजबूरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। सोनिया इस वक़्त मुंबई पुलिस की सबसे जांबाज़ अफसर है और इसके जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य है कि यह अन्डरवल्ड का नाम-ओ-निशान भारत के सर जमीन से ख़त्म कर दे। हालांकि इसके सीनियर ऐसा नहीं चाहते, वे लोग तो इसके ट्रान्सफर की कोशिश कर रहे हैं पर इसकी पहुँच बहुत ऊपर तक है इसलिए इसको मुंबई से कोई हटा नहीं सकता।
परिवार : सोनिया के परिवार में इसकी माँ शांति, पिता अंकुर, एक छोटा भाई रमेश और एक छोटी बहन सोनी है। अंकुर के पास बहुत पैसा और जायदाद है और वो शेयर मार्केट का नामी स्टॉक ब्रोकर है। रमेश और सोनी कॉलेज में पढ़ते हैं और दोनों अपनी बहन की तरह बहुत काबिल हैं। सोनिया के माता-पिता जल्दी से जल्दी उसकी शादी कराना चाहते हैं और उसके लिए लड़का ढूंढ़ रहे हैं।
अब होती है असली कहानी शुरू:
स्थान पुलिस स्टेशन
रघु (हवलदार)- साहब, आज असलम और सकीम को कोर्ट लेकर आप जाओगे क्या? आज उनकी पेशी है।
समीर (सब इंस्पेक्टर)- रघु, कौन से केस में पेशी है इनकी? और किसने गिरफ्तार किया था? मुझको इस केस का कुछ नहीं पता तो किसी और को भिजवा दे इनके साथ, ये छोटे-मोटे चोरों के केस में कुछ मिलता नहीं है यार !!
रघु- साहब, वो सोनिया मैडम ने इनको अन्डरवल्ड के कनेक्शन के चक्कर में गिरफ्तार किया था और इनके पास ड्रग्स भी बरामद हुई थी, मीडिया भी तो आई थी अपने स्टेशन पर, आप भूल गए क्या?
समीर- अच्छा तो ये हैं वो, अरे नाम कहाँ याद रखा जाता है इन लोगों का, इनको मैं ही लेकर जाऊंगा कोर्ट। और वैसे भी सोनिया मैडम का केस है इसको तो मैं ही हैंडल करूँगा… मैडम नहीं आ रही है क्या आज कोर्ट में?
रघु- मैडम तो एक हफ्ते से सस्पेंड हैं, और अगले हफ्ते ही ड्यूटी ज्वाइन करेगी, वही टॉर्चर वाले केस को लेकर ! उनकी और कमिशनर साहब की जो झड़प हुई थी, उसके बाद में मेरी उनसे मुलाक़ात नहीं हुई।
समीर- चल कोई बात नहीं, इसको को वैन में बिठा दे और चार हवलदार भी भेज… मैं तब तक आता हूँ।
सोनिया का घर
सोनिया अभी नहा कर ही निकली थी, एकदम गोरा बदन तौलिए में लिपटा हुआ, ऐसा लग रहा था कोई स्वप्नसुंदरी आसमान से जमीन पर उतर आई हो। उसने तौलिए के नीचे से गुलाबी पेंटी और ऊपर नीले रंग की ब्रा पहनी, फिर एक छोटी सी पिस्तोल अपनी गुलाबी पेंटी में लगाई और सफ़ेद टी-शर्ट और ब्लू जींस पहन कर वो अपने कमरे से बाहर निकल कर ड्राइंग रूम में पहुँची।
सोनिया- मॉम, नाश्ता कहाँ है? मैं लेट हो रही हूँ।
शांति- लेट? अब कहाँ जाना है तुझे? ड्यूटी पे ?
सोनिया- नहीं मॉम, आज मेरे एक केस की सुनवाई है, उसके लिए जाना है, जल्दी नाश्ता दो, नहीं तो ऐसे ही चली जाऊँगी।
शांति- अच्छा मुझे 5 मिनट दे, बस बन गया है।
सोनिया- और डैड, क्या चल रहा है स्टॉक मार्केट में?
अंकुर- कुछ ख़ास नहीं ! आजकल तो जैसे मंदी ने सबकी जान ही ले रखी है।
सोनिया- यह अन्डरवल्ड तो मुंबई पर दिन भर दिन बढ़ता जा रहा है। कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा।
अंकुर- सब कुछ ठीक हो जाएगा, सारे फ़ोर्स की टेंशन अपने सर पर लेकर मत घूमा कर।
नाश्ता खत्म कर सोनिया अपनी गाड़ी से कोर्ट जाने के लिए निकलती है।
उधर पुलिस वैन में:
असलम- क्या सरकार, आप लोग आजकल हमसे नाराज़ हो गए हैं?
समीर- अबे साले, तुम लोगों पर नाराज़ न हों तो क्या प्यार करें सालों? अपने बाप की जागीर समझ रखा है किसी का भी अपहरण कर लेते हो, फिरौती मांग लेते हो… सालो, यह पुलिस तेरे बाप की जागीर नहीं है।
असलम- अरे मालिक, आप इतना गुस्सा क्यों कर रहे हो, आपकी तो रग-रग से वाकिफ हैं हम ! तीन केस में दबे हुए हो, हम चाहे तो पल भर में निपटा सकते हैं सारे केस को, हमारा तो काम ही यही है, सरकार की मदद करना और मदद लेना ! बताइए करें क्या आपकी मदद?
समीर- क्या बात है बच्चू, हमारी मदद करेगा… कीमत क्या लेगा?
असलम- मालिक हर इंसान को अपनी आजादी प्यारी होती है। बस आप हमको आज़ाद कर दीजिये, हो जाएगा आपका काम।
समीर- साले, तूने मेरे सर पे चु…. पढ़ लिया क्या जो ऐसा ऑफर दे रहा है, तेरा बाप हूँ मैं ! चल मुझे मत बना।
असलम- वैसे तुम्हारी वो आईटम बम्ब कहाँ है आज? साली ने सारा कबाड़ा कर दिया अपने काम का तो।
समीर- तमीज से बात कर हरामी ! उस दिन तो उनके सामने तेरा पेशाब निकल गया था !!
सकीम (दूसरा कैदी)- साले इंस्पेक्टर, असलम मिया के बारे में कुछ मत कहना।
असलम- सकीम, बोलने दे उसे, इन्स्पेक्टरनी ने मेरा सारा काम ख़राब किया है, मेरा पेशाब भी निकाल दिया, अगर मैं नशे में ना होता तो बताता उसे।
समीर- अबे साले तू क्या बताएगा? तेरी तो हिम्मत तभी पता लग गई थी !
असलम- असलम का वादा है, साली को जब तक पेट से नहीं करूँगा…
शब्द अधूरे ही रह जाते है क्योंकि तब तक समीर दो घूंसे असलम के मुंह पर मार देता है और यहाँ वेन कोर्ट में पहुंच जाती है।
कोर्ट के बाहर- केस के बाद, असलम और सोनिया आमने-सामने
सोनिया- चलो अच्छा हुआ कि तुमको फांसी नहीं हुई, नहीं तो मैं तुमको तड़पते हुए टॉर्चर होते हुए नहीं देख पाती।
असलम- मैडम, आपने मेरा सारा काम ख़राब कर दिया, आप को सजा जरुर दूंगा इसकी ! मुझे तो सिर्फ 5 साल की सजा हुई है, उसके बाद मैं तुमको बताऊंगा।
सोनिया- तुमने तो उसी दिन हवालात में बता दिया था, पेशाब निकल गया था, याद है या नहीं?
असलम- यह बात मैं कभी भूल नहीं सकता, जब तुमने मुझे पकड़ा था तो मैं नशे में था और जो भी हुआ वो नशे में हुआ, तुम्हारे टॉर्चर से नहीं।
सोनिया (हाथ कमर पर रखे हुए)- लगता है तुम्हें होश में लाने के लिए तुम्हारा टॉर्चर सेशन दोबारा जरुर रखना पड़ेगा।
असलम- अगर ऐसी बात है तो मैं भी तैयार हूँ, और हाँ इस बार तुझको प्रेग्नेंट कर दूंगा।
आगे जानने के लिए थोड़ा इन्तजार करिए …………और मुझे मेल करें।
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