चूत एक पहेली -73
(Chut Ek Paheli- Part 73)
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अब तक आपने पढ़ा..
पुनीत- वाह्ह.. मेरी जान क्या आइडिया लगाया है तूने.. मेरे रस का टेस्ट मुझे चखाने का.. अब जल्दी कर असली माल निकाल.. जल्दी से.. ताकि नाश्ता पूरा हो जाए और हमें भी सुकून मिले..
पायल- भाई ऐसे तो वक्त लगेगा और मेरी चूत भी फड़फड़ा रही है.. आप ऐसा करो.. जल्दी से लौड़ा चूत में पेल दो ताकि मेरा पानी भी निकल आए और आपका भी निकलने के करीब आ जाए।
पुनीत- हाँ यही सही रहेगा, चल तू जल्दी से घोड़ी बन जा.. ताकि मेरा पानी निकलने को हो तो जल्दी से सारा माल ट्रे में गिरा दूँ और हमारा प्लान कामयाब हो जाए।
अब आगे..
पायल पैर फैला कर घोड़ी बन गई और पुनीत ने अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसा दिया और स्पीड से उसको चोदने लगा।
पायल- आह्ह.. आइ.. फक मी ब्रो.. आह्ह.. फास्ट उई.. मज़ा आ रहा है आह्ह..
पुनीत- ले मेरी जान आह्ह.. ले.. आज तेरी चूत और मेरे लौड़े का रस मिलकर आह्ह.. तुझे आउहह.. स्पेशल नास्ता आ कराऊँगा आह्ह.. ले ले..
पायल के कूल्हे पकड़ कर पुनीत स्पीड से उसको चोदने लग गया.. दस मिनट बाद पायल झड़ने को रेडी हो गई।
पायल- आ आह्ह.. भाई और तेज.. आह्ह.. मैं गई… आह्ह..
पुनीत ने लौड़ा चूत से बाहर निकाल लिया और पायल की चूत को फैला कर उसके दाने को उंगली से हिलाने लगा।
पायल- आ आह्ह.. गई आ गई आह्ह..
पुनीत ने दूसरे हाथ में एक चम्मच ले ली और जैसे ही पायल का चूतरस बाहर आया.. पुनीत ने चम्मच से सारा रस ट्रे में निकाल लिया.. उसके बाद दोबारा लौड़ा चूत में घुसा कर स्पीड से चोदने लगा। थोड़ी ही देर में उसके लौड़े की नसें फूल गईं.. तो झट से लौड़ा बाहर निकाला और सारा वीर्य ट्रे में गिरा दिया।
पुनीत- आह्ह.. आह.. उफ़फ्फ़.. मज़ा आ गया.. पायल देख.. कितना रस जमा हो गया है.. आआह्ह..
पायल- भाई अब जल्दी से ब्रेड पर मस्का और रस लगाओ ताकि नास्ता पूरा हो जाए हमारा..
पुनीत ने उंगली से दोनों रस को मिलाया और उसके बाद ब्रेड पर लगा कर साथ में मस्का लगा लिया.. दोनों मज़े से खाने लगे। उसके बाद पुनीत ने जूस का गिलास उठाया उसमे लौड़ा डुबो कर पायल को दे दिया।
पायल- भाई बहुत अजीब सा टेस्ट आ रहा है और ये लौड़ा गिलास में क्यों डाला आपने?
पुनीत- अरे कुछ बूंदें बाकी थीं.. तो तेरे जूस में मिला दिया मैंने।
पायल झट से पूरा जूस पी गई।
पायल- भाई सच ही कहा है किसी ने.. दूसरों की नज़र में ये कितना गंदा होगा ना.. मगर सेक्स एक ऐसी हवस है जिसमें जितना गंदा तरीका अपनाओ उतना ही मज़ा आता है।
पुनीत- ओए होए.. मेरी बहना तो बहुत बड़ी-बड़ी बातें करने लगी है.. चल अब रेडी हो ज़ा.. रात की पार्टी के लिए मुझे कुछ शॉपिंग करनी है.. तू भी कुछ ले लेना अपने लिए।
पायल- ठीक है भाई.. आप ये ट्रे ले जाओ.. मैं रेडी होकर आती हूँ।
पुनीत ने कपड़े पहने और वहाँ से निकल गया। उसके कुछ देर बाद पायल भी नीचे आ गई। उसने रेड कॉटन पैन्ट और वाइट शर्ट पहना हुआ था। उसका फिगर पैन्ट में बहुत सेक्सी दिख रहा था। पुनीत भी उसको देख कर मन ही मन सोचने लगा कि पायल को देख कर पता नहीं रास्ते में कितने लौड़े खड़े होंगे।
दोनों घर से कार में निकल गए और एक मॉल में जाकर शॉपिंग करने लगे।
दोस्तो, इनको शॉपिंग करने दो.. तब तक हम थोड़ा पीछे चलते हैं।
अर्जुन और निधि नाश्ता करके आ रहे थे.. तभी सन्नी और बिहारी उसको सामने से आते दिखाई दिए तो अर्जुन ने निधि को हॉस्पिटल भेज दिया और खुद वहीं रुक गया।
जब निधि जा रही थी बिहारी बड़े गौर से उसकी गाण्ड को घूर रहा था।
बिहारी- क्या मस्त गाण्ड है ससुर की नाती की.. तुमने तो मज़ा ले लिया.. आज मैं इसका रसपान करूँगा।
सन्नी- ज़्यादा स्मार्ट ना बनो.. अपनी शक्ल देख.. और उसकी देख.. चुप रहो.. अर्जुन भी सामने खड़ा है।
अर्जुन- अरे क्या बात है बिहारी जी.. आप और सन्नी सुबह-सुबह कैसे?
सन्नी- अरे वो कल जो सामान रखा था ना.. वो लेने आए हैं। तुम ऐसा करो बिहारी के साथ जाओ वो सामान निकालने में मदद करो.. तब तक मैं चाय पीकर आता हूँ।
अर्जुन और बिहारी फ्लैट में चले गए वहाँ 2 लड़के पहले से खड़े थे। अर्जुन ने उनकी मदद की और नीचे गाड़ी में सारे बॉक्स रखवा दिए.. तभी सन्नी भी वहाँ आ गया।
सन्नी- गुड.. सब अच्छे से हो गया ना.. अब बिहारी तुम्हें पता है ना.. ये सब कहाँ पहुँचना है?
बिहारी- हमका बताने की जरूरत नाहीं.. हम अभी सारा काम निपटा कर आ जाऊँगा।
सन्नी- ओके.. तुम जाओ.. मुझे रात की पार्टी के लिए कुछ शॉपिंग करनी है, मैं अब सीधा मॉल जाऊँगा।
बिहारी वहाँ से निकल गया और अर्जुन वहीं खड़ा सन्नी को देखने लगा। उसको लगा शायद सन्नी उसको कुछ कहना चाहता है।
सन्नी- अरे अर्जुन एक काम करो.. तुम मेरे साथ मॉल चलो.. रास्ते में तुम्हें सब बता देता हूँ कि कैसे उस कुत्ते को फँसाना है.. और तुम्हें भी फार्म हाउस पर लाना है।
अर्जुन तो जैसे हुकुम का गुलाम था.. हाँ में सिर हिला कर फ़ौरन गाड़ी में बैठ गया और दोनों वहाँ से मॉल की तरफ़ जाने लगे। रास्ते में सन्नी ने आगे का प्लान अर्जुन को बताया तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।
सन्नी- तू अच्छी तरह समझ गया ना.. कब क्या करना है?
अर्जुन- अरे आप चिंता ना करो.. प्लान बनाने में तो हम भी किसी से कम नहीं.. बहुत सी लौंडियाँ फसाईं हैं मैंने.. तो ये साला पुनीत क्या है..
सन्नी- वैसे यार तूने गाँव में मज़े तो खूब लिए होंगे.. तेरा हथियार भी बहुत भारी है.. ये निधि कैसे सह गई?
अर्जुन- अरे ये हथियार की वजह से ही लौंडियाँ मिलती हैं.. ये भाभी है ना.. इसने निधि को मुझे तोहफे में दिया है.. पहली बार में साली बेहोश ही हो गई थी.. मैं जब शुरू होता हूँ ना.. अच्छी अच्छी रंडियां भी तौबा करती हैं।
अर्जुन की बात सुनकर सन्नी सोच में पड़ गया कि ये आख़िर क्या बला है।
सन्नी- अच्छा इतना पॉवर है तेरे में.. उस पायल को ऐसे चोदना कि साली तड़पे.. चिल्लाए.. कर पाओगे ऐसा?
अर्जुन- अरे जब भाभी जैसी बड़ी औरत मेरे लौड़े को नहीं सह पाती.. तो वो कली क्या चीज है.. बस एक बार मिल तो जाए मुझे.. आप खुद देख लेना उसका क्या हाल करता हूँ मैं..
दोनों बातें करते हुए मॉल पहुँच गए और सन्नी ने अर्जुन से कहा- अब चुप हो जाओ.. बाकी बातें शॉपिंग के बाद करेंगे।
जैसे ही दोनों अन्दर गए अर्जुन की नज़र पायल पर गई उसकी क़ातिल जवानी देख कर अर्जुन का लौड़ा एकदम से तन कर खड़ा हो गया और उसके मुँह से आह निकल गई।
सन्नी- क्या हुआ तुम्हें?
अर्जुन- अब क्या बताऊँ यार.. वो सामने देख ऐसी हसीन लड़की मैंने जिंदगी में पहली बार देखी है.. मेरा लौड़ा एक झटके से खड़ा हो गया.. काश एक बार ये मिल जाए.. तो सारी जिंदगी इसकी गुलामी कर लूँ।
सन्नी को पायल की पीठ ही दिखाई दी तो वो उसको पहचान नहीं पाया।
सन्नी- अरे अर्जुन आसामान से वापस ज़मीन पर आ जा मेरे दोस्त.. ये बड़े घर की लड़की है.. ये तेरे हाथ आने से रही.. इसको याद करके निधि को चोद लेना तू.. वैसे मानना पड़ेगा पक्का चोदू है तू.. क्या पटाखा आइटम पर नज़र डाली है.. साली का फिगर बहुत क़ातिल है।
सन्नी आगे कुछ और बोलता तब तक पायल इधर घूम गई थी और उसके साइड में पुनीत भी था। उनको देख कर सन्नी ने जल्दी से अर्जुन का हाथ पकड़ा और बाहर की तरफ़ लगभग भागता हुआ ले गया।
अर्जुन- अरे क्या हुआ ऐसे बाहर क्यों ले आए.. उसको ठीक से देख तो लेने देते यार.. मज़ा आ रहा था..
सन्नी- तू देखने की बात करता है.. बहुत जल्द वो तेरे नीचे होगी।
अर्जुन- क्यों मजाक कर रहे हो यार.. अभी तो कहा था वो बड़े घर की लड़की है.. उसका ख्याल दिल से निकाल दो।
सन्नी- हाँ कहा था.. क्योंकि तब मैंने उसको ठीक से देखा नहीं था.. मगर अब अच्छी तरह से देख लिया है। तुझे शायद पता नहीं यही है वो रंडी पायल जिसको तुम्हें तड़पाना है.. समझे? मेरे दोस्त लगता है तूने सच्चे दिल से उसकी चाहत की थी.. तभी ऊपर वाले ने तेरी फ़ौरन सुन ली और ये लड़की पायल निकली।
अर्जुन- भगवान की सौगंध सन्नी, इसको देख कर ही मेरा लौड़ा बेकाबू हो गया.. जिस दिन ये मेरे नीचे आएगी ना.. तुम देख लेना साली को इतना चोदूँगा.. इतना चोदूँगा कि जिंदगी भर मुझे याद करेगी.. मेरा पॉवर इतना है कि कई-कई घंटे भर तक मैं लगातार चोद सकता हूँ और उसके बाद दोबारा भी जल्दी तैयार हो जाता हूँ.. फिर वही एक घंटा निकाल सकता हूँ.. बस एक बार ये मिल जाए आ आह..
सन्नी- अरे बस-बस सबर कर.. तू तो अभी से ऐसे कर रहा है.. अभी उसको चोदने में वक्त है।
अर्जुन- अरे क्या करूँ.. उसकी गाण्ड देख कर मेरा लौड़ा काबू में ही नहीं आ रहा.. अब तो जब तक इसको ठंडा ना कर लूँ.. मुझे सुकून नहीं आएगा।
सन्नी- कितने दिन हो गए इसको ठंडा किए हुए जो ये ऐसे फड़फड़ा रहा है।
अर्जुन- हा हा हा तुम भी ना दिन की बात करते हो.. रात को ही निधि को इतना चोदा है कि क्या बताऊँ.. मैं पूरी रात साली की चुदाई कर रहा था।
सन्नी- ओह्ह.. रियली यार तू इंसान है या जानवर.. बेचारी का पता नहीं क्या हाल किया होगा.. अब तो तेरा जोश और पॉवर देखना ही पड़ेगा। चल शॉपिंग बाद में करेंगे, पहले तुझे ठंडा करवा के लाता हूँ।
सन्नी ने गाड़ी स्टार्ट की और अर्जुन को लेकर चल पड़ा।
सन्नी- कभी विदेशी माल भी खाया है क्या तूने?
अर्जुन- अरे मैं ठहरा गाँव का छोरा.. मुझे तो आज तक देसी ही मिली है.. अपने नसीब में कहाँ विदेशी माल लिखा हुआ है।
सन्नी- ऐसी बात है तो चल आज तुझे अँग्रेज़ी मेम की चूत दिलवाता हूँ.. तू भी क्या याद करेगा.. बस पायल का नाम लेकर उसकी जम के चुदाई कर लेना। मैं भी तो देखूँ कि तुझमें कितना पॉवर है।
अर्जुन- ऐसी बात है तो जल्दी चलो विदेशी मेम का नाम सुनकर लौड़ा और भी जोश में आ गया है। आज तो गोरी-गोरी चूत चाटने को मिलेगी.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा।
कहानी जारी है।
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