भावना का यौन सफ़र-5
(Bhavana Ka Yaun Safar-5)
दोस्तो,
भावना अमरीका से आई थी, उसने जो कहानी बताई वो ही बयां कर रहा हूँ।
अपने देवर विनोद से उसके कैसे संभोग सम्बन्ध बने यह आपने पढ़ा।
भावना का यौन सफ़र-1
भावना का यौन सफ़र-2
भावना का यौन सफ़र-3
भावना का यौन सफ़र-4
अब चौथे भाग से आगे…
विनोद ट्रेनिंग के लिए ऑस्टिन गया तो भावना अपने देवर की जुदाई में आधी हो गई।
फिर एक दिन विनोद ने बताया कि वो वहीं बस रहा है।
विनोद आया और अपना सामान ले गया।
पहले विनोद और भावना सेक्सी चैट करते, भावना की तड़प बढ़ती जा रही थी, विशाल का लंड उसकी प्यास बुझाने के लिए ना काफ़ी था, वो विनोद को आने की मिन्नत करती।
विनोद ने अपनी भाभी को डिलडो और वाइब्रेटर खरीद कर कर दिया।
भावना उन्हें इस्तेमाल तो करती लेकिन असली लंड के लिए मचल जाती।
विनोद की जिन्दगी में एक लड़की, लावण्या आ गई, वो भावना को इग्नोर करने लगा।
लावण्या यहाँ जॉब में थी और योग भी सीख रही थी।
योग क्लास में ही उसकी मुलाकात विनोद से हुई थी।
लावण्या का उसके बॉय फ्रेंड से ब्रेकअप हो गया था।
विनोद और लावण्या योग से संभोग की तरफ कब बढ़ गए पता ही नहीं चला।
गर्मी की एक दोपहर विनोद लावण्या को घर ले आया, घर में घुसते ही दोनों चिपक गए और चूमने लगे।
विनोद ने लावण्या का टी-शर्ट निकाला और ब्रा में कैद उसके मम्मे मसलने लगा, लावण्या का हाथ ऊपर कर उसके कांख में आये पसीने को चाट कर पोंछा।
लावण्या भी उसका जीन्स ढीला कर लंड को टटोलने लगी।
कुछ ही देर में दोनों पूरे नग्न यौवन में मस्त चूम और चाट रहे थे।
लावण्या सोफे पे बैठ कर विनोद के लौड़े का मुख चोदन करने लगी, मस्ती से उसके लंड पे थूकती और हाथ से मलती फिर मुँह में ले लॉलीपोप की तरह चूसती।
विनोद ने लावण्या को सोफे पे ही लिटाया और अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया, शुरू में वो तेज़ झटके दे रहा था, लावण्या भी उचक उचक कर साथ दे रही थी।
सूना घर लावण्या की सीत्कार से गूंज रहा था, विनोद का लौड़ा लावण्या की शिद्दत से चुदाई कर रहा था, इतना कि भावना के फ़ोन का भी उसे आभास नहीं हुआ।
लावण्या के कहने पर उसने वीर्य की धार उसके वक्ष पर निकाली, अंत का माल लावण्या ने लंड चूस कर पी लिया।
लावण्या ने विनोद के दिल में विशेष जगह बना ली थी, विनोद अब पूरी तरह उसकी चूत का दास बन गया था।
भावना को भी मालूम था।
लावण्या को विनोद और भावना के सम्बन्धों का पता चला तो पहले थोड़ी नाराज़ हुई लेकिन फिर चूत की खुजली सताई तो विनोद को माफ़ कर दिया।
विनोद की जिन्दगी में लावण्या के आने बाद भावना की तड़प दूर होने का रास्ता भी बंद हो गया।
इसके बाद भावना ने जो कदम उठाया उससे वापस आना नामुमकिन हो गया।
भावना अब नए नए लंड से खेलने लगी, जो सिर्फ उसकी प्यास ही नहीं बुझाते, पैसे भी दे जाते।
एक बार दो मर्दों को एक साथ खुश कर रही थी, सोफे पर पैर चौड़े कर बैठी थी एक उसकी चिकनी चूत चाट रहा था तो दूसरा सोफे के ऊपर खड़ा अपना लंड चूसा रहा था।
भावना ने बारी बारी से दोनों से चुदवाया।
जब जाने के लिए हॉल में आये तो नंगी भावना के सामने विशाल खड़ा था।
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सरप्राइज देने के लिए जल्दी घर आया विशाल एक बड़े सदमे में था।
फिर जो हुआ उसका ही नतीजा था की भावना अकेली मुंबई आ गई।
सम्भोग के कारण भावना को विशाल का साथ मिला और सम्भोग के कारण ही छूटा।
कहानी पर अपने विचार मेरी मेल पर दें।
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