कुंवारी सपना का चुदाई का सपना -1
(Kunvari Sapna Ka Chudai Ka Sapna- Part 1)
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आदरणीय सभी पाठक और पाठिकाओं को सादर प्रणाम स्वीकार हो। साथ ही zolotayaribkaclub.ru को भी बधाई हो जिसके जरिए सभी को कामुक कहानिया पढ़ने को मिल जाती हैं।
मेरे पड़ोस में कई लड़कियाँ रहती हैं.. जिनमें से एक सपना नाम की लड़की थी.. जो मेरी एक झलक पाने की दीवानी थी.. मतलब वो मेरे दीदार को हर समय उतावली रहती थी।
जैसे ही मैं अपने घर से निकलता.. वो मेरा दीदार करने आ जाती थी.. लेकिन मेरे मन में उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था.. इस कारण मैं उस पर ध्यान नहीं देता था।
जैसा कि आप जानते हैं कि घर के अन्दर हम सभी लोग एकदम नंगे रहते हैं और जब मन करता है.. आपस में सेक्स कर लेते हैं।
जब हम आपस में सेक्स की तैयारी कर रहे थे.. तभी सपना शिखा से मिलने के लिए आई और उसने हमारे घर की कॉलबेल बजाई।
कॉलबेल सुनते ही हम सब एकदम से घबरा गए और मैं शालू, शिखा और मोनिका को लेकर अन्दर के कमरे में लेकर चला गया और शांति को गाउन पहना कर मेन गेट पर देखने को भेजा, साथ ही उससे कहा- यदि कोई फालतू में परेशान करने वाला हो.. तो उसे भगा देना।
इतने में शिखा मेरा लंड चूसने लगी क्योंकि उसे मेरा लंड चूसकर मेरा बीज पीना बहुत पसंद था।
जब शांति ने मेन गेट खोलकर देखा तो वहाँ पड़ोस में रहने वाली सपना खड़ी थी.. तो शांति ने सपना से पूछा- कहिए क्या काम है?
तो सपना ने बताया- मुझे शिखा से मिलना है।
वो सपना को लेकर अन्दर लेकर आ गई और बाहर के कमरे में बिठाकर शिखा को बुलाने अन्दर आई।
तब तक मेरा बीज शिखा के मुँह में निकल चुका था.. जिसे शिखा ने बड़े ही स्वाद से निगल लिया था।
लेकिन मेरे बीज की कुछ बूँदें शिखा के गाल और चेहरे के अन्य हिस्सों पर भी गिरने के कारण उसके चेहरे का कुछ हिस्सा मेरे बीज से भीग गया था। वो सपना से मिलने की जल्दी की वजह से हालाँकि पूरे चेहरे को पोंछकर गई थी लेकिन उसके चेहरे पर मेरे बीज की कुछ बूँदें साफ़ नहीं हो पाई थीं.. जिससे साफ़ जाहिर हो रहा था कि वो बीज पीकर आई है।
वो अगले ही पल बाहर कमरे में बैठी सपना से मिलने पहुँच गई। थोड़ी देर इधर-उधर की बात होने के बाद जब सपना का ध्यान शिखा के चेहरे की ओर गया.. तो सपना ने शिखा से पूछ ही लिया- शिखा यह तुम्हारे चेहरे पर चिपचिपा सा क्या लगा है?
शिखा ने छुपाने की बहुत कोशिश की लेकिन जवान बीज की एक अलग ही महक होती है.. जो शिखा के चेहरे से आ रही थी। जिसको सपना ने भी पहचान लिया था। उसने शिखा से कहा- मैं बेवकूफ नहीं हूँ.. जो बीज की खुशूबू को न पहचान पाऊँ.. बता किसका बीज पीकर आ रही है?
तो शिखा को बताना पड़ा- अरे यार.. ये मेरे विशु के लंड का बीज है.. जो बहुत ही स्वादिष्ट है और मैं अक्सर पीती रहती हूँ।
यह सुनकर सपना ने भी शिखा से मेरे लंड से चुदने की इच्छा जाहिर की.. तो शिखा ने सपना ने कहा- विशु एक जिगोलो है.. मतलब वो चोदने के पैसे लेता है। अगर तुम विशु से चुदना चाहती हो.. कम से कम दो घंटे के 5000/- तैयार रखना.. वो तुम्हें दो घंटे तक चोद कर मस्त कर देगा। अगर तुमने एक बार विशु का लंड अपनी चूत या गाण्ड में ले लिया.. तो हमेशा ही उसी का ही लंड मांगोगी.. यह मेरा वादा है तुमसे।
तो सपना ने शिखा से मेरा लंड देखने की चाहत की.. तो शिखा सपना को अन्दर वाले कमरे में ले आई.. जहाँ मैं चुदाई कर रहा था।
अन्दर आते ही शिखा ने मुझसे कहा- विशु, सपना तुम्हारा लंड देखना चाहती है और खुद शिखा ने शालू की चूत से मेरा लंड निकाल लिया और सपना के हाथ में पकड़ा दिया।
जैसे ही शिखा ने मेरा लंड सपना के हाथ में पकड़ाया.. तो अचानक ही आश्चर्य से सपना का मुँह खुल गया और उसके मुँह से निकल पड़ा- हाय दैय्या.. कितना लंबा और मोटा है ये.. इसे तुम लोग कैसे झेल लेती हो?
तो शिखा ने बड़ी ही सहजता के साथ जबाब दिया- हमें सिर्फ सील टूटते समय बहुत तेज दर्द हुआ था.. लेकिन मजा भी बहुत आया था और आज भी हमें बहुत मजा आता है.. क्योंकि विशु हमें बहुत देर तक बिना रुके धक्के लगाता है। जिससे हम कई बार बीच में झड़ जाते हैं लेकिन विशु नहीं झड़ता है। इसके लंड में कमाल की ताक़त है।
इतना सुनते ही सपना ने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिए.. तो शिखा ने सपना को कपड़े उतारने से रोक दिया और कहा- वो तुम्हें बिना पैसों के नहीं चोदेगा.. अगर तुम वाकयी विशु के लंड से चुदना चाहती हो तो 5000 का इंतज़ाम कर लो.. उसके बाद चुदने के लिए आना ओके..
यह कहकर उसने सपना को भगा दिया। उस समय के बाद सपना को मेरे लंड से चुदने का ऐसा नशा चढ़ा कि वो पैसों के इंतज़ाम में लग गई और हर समय मुझसे चुदने के सपने देखने लगी।
कुछ समय बाद सपना अपनी एक सहेली की भाभी के साथ एक कंप्यूटर सेंटर पर गई और उन दोनों ने एक कोर्स करने की फीस पता की.. उसकी फीस 6000/- थी। लौटते समय सपना ने अपनी सहेली की भाभी को मेरे लंड से चुदने की पूरी बात बताई.. तो वो भी मुझसे चुदने को तैयार हो गई। उन दोनों ने अपने-अपने घर में फीस 11000/- बताई।
दोनों ने रुपये देकर रजिस्ट्रेशन फीस जमा करके कंप्यूटर सेण्टर ज्वाइन कर लिया और रोज़ाना जाने लगीं।
करीब एक हफ्ते बाद सपना के घर वाले एक शादी में जाने वाले थे.. तो उन्होंने सपना से भी साथ चलने को कहा।
तो उसने कहा- मैंने पिछले हफ्ते ही सेंटर ज्वाइन किया है.. अभी छुट्टी करना उचित नहीं होगा.. इसलिए आप सभी चले जाइए और वैसे भी कल सुबह तक आप लोग लौट आएंगे.. तो मैं क्या करूँगी..
कुछ समय बाद सपना के घर वाले सपना को जरूरी हिदायत देकर शादी में चले गए। सपना के घर वालों के शादी में जाने के बाद सपना ने तुरंत अपनी सहेली की भाभी को फ़ोन करके बुला लिया।
उसने शिखा को भी मेरी बुकिंग के लिए बुलाया और शिखा के हाथ में 10000/- रखकर कहा- मैं और यह भाभी विशु से अभी चुदना चाहती हैं.. क्योंकि हमारे पास सिर्फ दो से ढाई घंटे का समय है.. ये समय हमने कंप्यूटर क्लास मिस करके चुदाई के लिए बड़ी मुश्किल से निकाला है इसलिए शिखा जी आपसे हाथ जोड़कर विनती है.. आप हम दोनों को विशु से चुदवा दीजिये।
उसी समय शिखा मेरे पास आई और 10000/- देकर तुरंत ही सपना के घर जाने की कहा.. तो मैं तुरंत ही कण्डोम का पैकेट लेकर सपना के घर चला गया।
वो दोनों चुदने के लिए तैयार होकर नंगी बैठी थीं। जैसे ही मैंने सपना की कॉलबेल बजाई.. तो उन दोनों ने गाउन पहन लिया और दरवाज़ा खोलने के लिए सपना आई। दरवाज़ा खुलते ही हम दोनों अन्दर चले गए और दोनों ने अपने-अपने गाउन उतार दिए और बिल्कुल नंगी हो गई।
मैं उन दोनों का नंगा जिस्म देखकर दंग रह गया।
क्या मस्त बदन था उन दोनों का.. चूचे एकदम गोल-मटोल और बड़े-बड़े पके हुए कलमी आम जैसे थे और चूत एकदम गोरी और चिकनी थी।
सपना की चूत तो कोरी और अनछुई थी और दोनों की कमर एकदम पतली और चूतड़ भरे हुए और गोल-गोल थे।
थोड़ी देर इधर-उधर की बात करने के बाद सपना की सहेली की भाभी ने मेरे सभी कपड़े उतार दिए और मेरा सिकुड़ा हुआ लंड अपने हाथ में पकड़ कर कहने लगीं- जब सिकुड़ा हुआ इतना लंबा और मोटा है.. तो खड़ा होने के बाद कितना बड़ा होगा?
यह कहकर वो मेरे लंड को सहलाने लगीं उनके हाथ का स्पर्श पाकर मेरे लंड में तनाव आना शुरू होने लगा, उन्होंने मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
इधर सपना अपनी भाभी की चूत चाटने लगी।
करीब 15 मिनट बाद मेरे लंड का सुपाड़ा एक बड़े मशरूम की तरह फूल गया और टमाटर की तरह लाल हो गया। मेरा लंड लोहे की गरम रॉड की तरह तन गया।
सपना के द्वारा भाभी की चूत चाटने पर भाभी एक बार झड़ गई, भाभी के झड़ने के बाद ही मैं भी भाभी के मुँह में ही झड़ गया, मेरे बीज से भाभी का पूरा मुँह भर गया और कुछ बीज मुँह भरने के बाद बाहर भी निकलने लगा.. जो की सपना ने अपनी जीभ से चाटकर साफ़ कर दिया।
भाभी मेरा पूरा बीज गटक गईं और सपना से बोलीं- कितना स्वादिष्ट बीज है.. पीकर पैसे वसूल हो गए।
यह कहकर वो सपना की चूत चाटने लगीं और सपना मेरा लंड अपनी जीभ से चाटकर साफ़ करने लगी।
थोड़ी देर सपना द्वारा चाटने से मेरा लंड दुबारा खड़ा होकर कड़क होने लगा। इधर भाभी के द्वारा सपना की चूत चाटने से सपना चीखने लगी और मुझसे कहने लगी- विशु.. आह्ह.. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. अब मेरी चूत में अपना लंड डालकर.. इसे फाड़ डालो न.. प्लीज विशु.. मुझे चोद दो ना!
मैंने भी परिस्थिति को समझते हुए अपना लंड सपना की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया, सपना सिसकारियाँ भरने लगी।
मैंने भी मौके की नज़ाकत को देखते हुए सपना की चूत के छेद पर लंड टिका कर एक करारा झटका लगा दिया.. जिससे मेरे लंड का सुपाड़ा सपना की चूत में करीब 3 इंच तक घुस गया, साथ ही साथ सपना की एक जोरदार चीख निकल गई..
दोस्तो, अभी चुदाई चालू है, आप सभी मेरी इस कहानी पर अपने विचार भेजिएगा।
कहानी जारी है।
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