मेरी नंगी जवानी-2
(Meri Nangi Jawani- Part 2)
सायरा चिकनी चूत है या नहीं इसका अभी पता चल जायेगा!
सोनिया ने मेरी तरफ देखा और कहा- सायरा, अपनी चड्डी उतार!
यह सुनकर मेरे तो पैरों तले ज़मीन ही खिसक गई, मैंने कहा- सोनिया, तुम पागल हो गई हो, अब मैं तुम्हारी कोई बात नहीं मानूँगी, मैं यहाँ से जा रही हूँ!
और मैं अपनी जींस उठाने के लिए जैसे ही आगे बढ़ी, अंकुर ने मेरी जींस अपनी तरफ खींच ली और सोनिया को दे दी. मेरा स्वेटर और जैकेट पहले से ही सोनिया और स्वाति के पास थे.
मैंने सोनिया से कहा- सोनिया, यह क्या हो रहा है? मुझे मेरी जींस दो, मैं घर जाना चाहती हूँ.
सोनिया हँसने लगी और बोली- सायरा, तुझे रोका किसने है तू घर जाना चाहती है तू जा सकती लेकिन बिना जींस के!
मैंने कहा- यह क्या कहे रही हो तुम?
और कमरे में मौजूद मुझे छोड़ बाकी सभी लोग हंसने लगे.
सोनिया बोली- सायरा, आज या तो तू वो कर जो मैं कहती हूँ, या फिर आज तू बिना जींस के ही घर जाएगी, अपनी नंगी जवानी सारी दुनिया को दिखाते हुए!
फिर सब लोग हंसने लगे और मुझसे कहने लगे- क्यों सायरा, घर जाना चाहती है न! तो जाती क्यों नहीं?
मेरे समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ, न तो मैं इस तरह से बिना जींस के अधनंगी होकर घर जा सकती थी और न ही वहाँ सबके सामने अपनी कच्छी उतार कर अपनी जवां चूत की नंगी नुमाइश कर सकती थी. बाद में मैंने सोचा कि ज़लील तो हर तरह से ही होना है पर सारी दुनिया के सामने होने से अच्छा है कि यहाँ मौजूद लोगों के लिए नंगी हो जाती हूँ.
मैं सोनिया के सामने खड़ी होकर बोली- मैं बिना जींस के नंगी होकर घर नहीं जा सकती, अगर तुम चाहती हो तो मैं यहाँ सबके सामने अपनी पेंटी उतार देती हूँ.
अंकुर और दीपक ठीक मेरे पीछे ही खड़े थे, मैंने हिम्मत करके अपने दोनों हाथ अपने कूल्हों के पास अपनी चड्डी में डाले और धीरे से अपनी चूतड़ों के बीच की दरार को दोनों लड़कों के सामने नंगी करते हुए चड्डी को नीचे खींचना शुरू किया. अंकुर और दीपक के सामने अपने पूरे चूतड नंगे करने के बाद कच्छी को जांघ से नीचे घुटनों तक और फिर घुटनों से पैरों तक.
मैंने पूरी कोशिश की थी कि कच्छी उतारते वक्त ज्यादा नीचे न झुकूँ, नहीं तो मेरी चिकनी जवां नंगी चूत भी अंकुर और दीपक को दिख जाती.
अब मैं उन सभी लोगों के सामने कमर से नीचे बिल्कुल नंगी खड़ी थी, दोनों लड़के मेरी चिकने, गोरे, गोल व नंगे चूतड़ों को घूर रहे थे बिना पलक झपकाए.
मैं शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी और आँखे झुकाए सोनिया के सामने खड़ी थी, अपने हाथों से अपनी नंगी चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी.
‘अपनी चड्डी मुझे दे कुतिया!’ सोनिया बोली.
मैं धीरे से नीचे बैठी और अपनी कच्छी पैरों से निकाल कर सोनिया को दे दी.
फिर मोनिका बोली- अरे सायरा, तू तो सच में चिकनी चूत है, प्रिया ठीक ही कह रही थी.
मैं कुछ नहीं बोली, बस चुपचाप शर्म से सर झुकाए अपना तमाशा बनते हुए देखती रही.
सोनिया बोली- साली सायरा, तू तो बहुत बेशर्म रंडी है, अब जल्दी से अपनी टी शर्ट भी उतार कुतिया!
मैं समझ गई कि आज सोनिया मुझे सरेआम सबके सामने पूरी नंगी करके ही मानेगी, फिर मैंने धीरे से अपने हाथ अपनी टीशर्ट में डाले और ऊपर की तरफ खींच कर अपनी पारदर्शी चोली सबको दिखाते हुए टीशर्ट उतारना शुरू कर दिया.
अब मैं उन सबके सामने केवल चोली में खड़ी थी, मेरी छोटी सी पारदर्शी ब्रा मेरी चूचियाँ भी ठीक से छुपा नहीं पा रहीं थी इसलिए मेरी चूचियाँ भी लगभग नंगी ही हो गई थी, मेरे गुलाबी निप्पल तो नंगे होकर साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे थे. सभी लोग बड़े ही उत्साह से सरेआम नंगी होती मेरी शर्मसार जवानी को मजे लेकर देख रहे थे.
तभी सोनिया बोली- सायरा, अब तेरे चहेरे पर हार की शर्म साफ़ नज़र आ रही है.
और वो हंसने लगी, इसके बाद स्वाति बोली- सायरा खान, यह हार की शर्म या सरेआम दो लड़कों के सामने हम सबको अपनी नंगी जवानी दिखाने की शर्म है.
और सब लोग फिर से हँसने लगे.
सोनिया मेरी तरफ देखकर बोली- अब तू फिर से मुझसे माफ़ी मांगेगी लेकिन इस बार घुटनों पर गिरकर, मेरे पैरों को चाट कर और मेरे पैरों को चूमेगी.
और वो सब लोग हंसने लगे.
मैंने इतनी शर्म पहले कभी महसूस नहीं की, मैंने देखा कि अंकुर और दीपक टकटकी लगाए बड़े गौर से मुझे देख रहे थे. मैं धीरे से घुटनों के बल बैठी और सोनिया ठीक मेरे सामने खड़ी थी, मैंने सर झुका कर उसके पैरों के अंगूठों को एक कुतिया की तरह अपनी जीभ से चाटना शुरू किया फिर कुछ देर बाद उसके पैरों को चूम कर मैंने कहा- सोनिया, मुझे माफ़ कर दो! मैं बहुत शर्मिंदा हूँ, तुम बहुत अच्छी खिलाड़ी हो.
सोनिया हंसने लगी और बोली- सायरा खान, तू तो सच में एक बाजारू कुतिया है, साली पक्की रंडी है तू!
मैंने शर्म से आँखें झुका ली.
सोनिया फिर बोली- सुन सायरा, अब मैं तेरे साथ थोड़ी सी गांधीगिरी करुँगी.
मुझे तो कुछ समझ में नहीं आया कि वो क्या करना चाहती है, सोनिया ने आगे कहा- सायरा, तुझे पता है कि अगर कोई एक गाल पर थप्पड़ मारे तो दूसरा गाल भी आगे कर देना चाहिए. इतना कहते ही सोनिया ने सबके सामने मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा, मेरे तो शर्म से बस आँसू ही निकल गए, आज तक मुझे स्कूल में भी कभी किसी टीचर तक ने भी थप्पड़ नहीं मारा था और आज!
तभी मुझे याद आया कि मुझे अपना दूसरा गाल भी आगे करना है, एकदम से सोनिया बोली- साली कुतिया! कुछ भूल रही है तू!
और उसने मेरे दूसरे गाल पर भी थप्पड़ मार दिया. इस तरह से उसने अनगिनत थप्पड़ मार मार के मेरे दोनों गाल लाल कर दिए, वो मेरे एक गाल पे थप्पड़ मारती और मैं बड़ी ही बेशर्मी के साथ दूसरा गाल उसके थप्पड़ के लिए आगे कर देती.
सभी लोग मुझे भरी जवानी में सरेआम नंगी करके सरेआम ज़लील होते हुए बड़े मजे ले लेकर देख रहे थे.
उसके बाद सोनिया मुझे बालों से घसीट के टेबल के पास ले गई, जहाँ अंकुर और दीपक बैठे थे और उसने मुझे टेबल पर खड़े होने को कहा. मैं धीरे से टेबल पर खड़ी हो गई, मैं अपनी दोनों टाँगें जोड़ कर अपनी नंगी चूत छुपाने की कोशिश कर रही थी क्योंकि दोनों ही लड़के टेबल के पास ठीक मेरे पीछे ही बैठे थे और मेरे नंगे चूतड़ों की तरफ ही देख रहे थे, लाज़मी है कि मेरी नंगी चूत को देखना चाहते थे.
सोनिया समझ गई थी कि मैं अपनी नंगी चूत उन लड़कों से छुपाने कि कोशिश कर रही हूँ, उसने पास में ही पड़ा एक धार वाला चाकू उठा कर मेरी नंगी चूत में चुभाया और बोली- साली रंडी, अगर तूने अभी के अभी अपनी टाँगें नहीं खोली तो मैं यह चाकू तेरी चिकनी नंगी चूत में डालकर तेरी खूबसूरत चूत चीर डालूंगी!
मैंने शर्मसार होते हुए अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके खोल दी और अपनी नंगी चूत सबको दिखा दी. अंकुर और दीपक मेरे नंगे चूतड़ों के नीचे लटक रही मेरी नंगी गुलाबी चूत के मजे लेने लगे.
सोनिया मेमे नंगे चूतड़ों पर थप्पड़ मारने लगी, वो बार बार मुझे गन्दी गालियाँ दे रही थी- कुतिया, क्यों? नंगी होकर कैसा लग रहा है, साली रंडी बहुत शरमा रही थी! अब सब लोग तेरी नंगी जवानी का मजा लेंगे!
फिर सोनिया ने मेरी तरफ देखा और कहा- चल! सायरा रंडी, अब कुतिया बन कर सबके सामने अपनी खूबसूरत नंगी चूत की ठीक से नुमाइश कर और तेरी गोरी गांड का छेद भी तो देखना है हमें!
मैं शर्म से मरी जा रही थी, धीरे से झुककर मैं दोनों हाथों और दोनों घुटनों के बल टेबल पर बैठ कर कुतिया बन गई, मैंने अपनी दोनों टाँगे चौड़ी करके खोल रखी थी ताकि सब लोग मेरी नंगी चूत और गांड का छेद ठीक से देख सकें.
सभी लोग मजे से मेरी नंगी चूत और गांड का छेद देख देख कर हंस रहे थे.
फिर सोनिया ने मेरे नंगे चूतड़ पर एक जोरदार थप्पड़ मारा और कहा- मैं बाकी लड़कियों के साथ दूसरे कमरे में जा रही हूँ, पर तू यहीं पर कुतिया बनी रहेगी.
और वो सभी लड़कियाँ हंसती हुई मेरे कपड़े लेकर वहाँ से चली गईं. अब कमरे में सिर्फ मैं नंगी कुतिया बनी अंकुर और दीपक के सामने बैठी थी.
मुझे इतनी शर्म महेसूस हो रही थी कि मैं वहाँ से हिल भी नहीं पा रही थी, शायद वो दोनों लड़के मुझे चोदना चाहते थे पर सोनिया ने उन्हें मना कर रखा था, सोनिया बहुत ही शातिर लड़की है इसलिए वो लोग मेरी नंगी चिकनी व गोरी गुलाबी चूत का नजारा ही कर रहे थे.
कुछ देर बाद सोनिया वापिस आई और मेरे नंगे चूतड़ों पर फिर से एक जोरदार थप्पड़ मार कर बोली- चल सायरा खड़ी हो जा! मैं खड़ी हुई पर मुझे अपने कपड़े वहाँ नहीं दिखे इसलिए मैं समझ गई कि सोनिया का दिल अभी नहीं भरा, वो अभी मुझे और ज़लील करेगी.
सभी के कमरे में आने के बाद सोनिया बोली- सायरा, तू खुद को बहुत स्मार्ट समझती है, क्यों? मैंने ठीक कहा ना? कई लड़कों ने तुझे प्रपोज़ किया पर तूने साली रंडी सबको मना करके सभी का दिल तोड़ा, पर आज तुझे दीपक और अंकुर को उन सभी लड़कों की दीवानगी का इनाम देना होगा.
मुझे नहीं पता कि वो क्या चाहती है पर जो भी हो वो मुझे और ज्यादा बेइज्जत करना चाहती थी, मैंने ऐसा सोचा.
फिर सोनिया मेरी तरफ देखकर हंसी और बोली- साली रंडी, इन दोनों लड़कों का हाथ पकड़ कर अपने जवां जिस्म के उस अंग पर लगा कि इन्हें जन्नत नजर आ जाये.
मुझे लगा कि वो चाहती है कि मैं अंकुर और दीपक को अपनी अधनंगी चुच्चियों पर हाथ लगाने दूँ इसलिए मैंने अपने दिल पर पत्थर रखकर खुद को और ज्यादा ज़लील करने का फ़ैसला किया, और दीपक का हाथ पकड़ कर अपनी चुच्ची के पास लाने लगी.
तभी सोनिया बोली- रुक जा साली, यहाँ देख!
मैंने सोनिया की तरफ देखा और उसने एक शैतानी हंसी के साथ मेरी नंगी चूत की तरफ इशारा किया. मैं तो जैसे मर ही गई, मैंने धीरे से दीपक के हाथ की सबसे बड़ी अंगुली पकड़ कर अपनी नाभि से नीचे लगाते हुए अपनी चिकनी चूत पर लगाई और फिर अपनी नंगी चूत में उसकी अंगुली डाल दी.
दीपक के तो मजे हो गए, जिस सायरा खान ने उसे दोस्ती के लिए भी मना कर दिया था, आज वो सायरा खान खुद सरेआम सबके सामने अपनी नंगी चूत में दीपक की अंगुली डाल रही थी. मैंने दोनों लड़कों की अंगुलियाँ एक एक करके अपनी नंगी कुंवारी चूत में डाली .हालांकि मैं शर्म से मरी जा रही थी पर फिर भी मेरी चूत गीली होने को बेताब होने लगी थी, मैंने सोनिया से कहा- मुझे बाथरूम जाना है!
सोनिया बोली- क्यों नहीं! हम सब तुझे पेशाब करते हुए देखेंगे.
अब तो बस मेरी हिम्मत टूट गई और मेरी आँखों से पानी की तरह आंसू बहने लगे, मैंने रोते हुए सोने से कहा- नहीं सोनिया नहीं! मैं मर जाऊँगी.
मैं एकदम टूट चुकी थी.
सोनिया ने दोनों लड़कों को बाहर जाने को कहा, फिर मुझ से बोली- साली रंडी अगर तूने मेरा कमरा गन्दा किया तो आज तुझे भरी सड़क पर नंगी नचाऊँगी, कुतिया!
मैं जल्दी से उठकर बाथरूम की तरफ जाने लगी, तभी प्रिया बोली- मैं तो सायरा को पेशाब करते हुए देखूँगी.
और मेरी गांड पर थप्पड़ मार कर बोली- चल अब जल्दी चल, नहीं तो यहीं पर गीली हो जाएगी.
और हंसने लगी.
मैं कुछ न कर सकती थी, खैर मुझे लड़कों के सामने तो पेशाब नहीं करना पड़ रहा था, मेरे लिए इतना काफी था. मैं बाथरूम में पेशाब करने बैठी तो प्रिया ने मेरी टाँगें चौड़ी करके खोल दीं ताकि वो ठीक से मेरी नंगी चूत से पेशाब निकलते हुए देख सके.
बाथरूम से लौट के आई तो सोनिया ने कहा- सायरा खाना बन चुका है, तू नंगी होकर सबको खाना परोसेगी, अपनी चोली उतार कर अपनी चूचियाँ नंगी कर और बाहर आ जा!
मेरी चूचियाँ मेरी पारदर्शी चोली के कारण वैसे ही कुछ खास नहीं छुपी हुई थी इसलिए मैंने अपनी चोली उतार कर अपनी चूचियाँ बिल्कुल नंगी कर ली. अब मेरे गुलाबी निप्पल चोली से आजाद होकर नंगी नुमाइश के लिए तैयार थे.
मैंने नंगी होकर सबको खाना परोसा और खुद भी खाया, मैं नंगी थी इसलिए मुझसे कहा गया कि मैं दोनों लड़कों के बीच में खड़े होकर खाना खाऊँगी.
मुझे खाना खाते समय भी अपनी दोनों टांगें चौड़ी करके खोले रखनी थी.
दोनों लड़के बार बार मेरी नंगी चूत में अंगुली डाल रहे थे और कभी मेरी नंगी गुलाबी निप्पलों को खींच रहे थे, बहुत ही मुश्किल से मैं अपनी चूत गीली होने से रोक पा रही थी.
वो सभी लोग मेरी हंसी उड़ा रहे थे, मुझे रंडी कुतिया कह कर पुकार रहे थे. इसी तरह सारा दिन बीत गया, मैं उन सभी लोगों के सामने सारा दिन सरेआम नंगी होकर अपनी जवानी करते हुए खुद को ज़लील करती रही.
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