चरित्र बदलाव-9
(Charitra Badlav- Part 9)
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जैसे ही हम अलग आये तो सोनम ने मुझे एक लाल गुलाब पकड़ाया और मुझे ‘आई लव यू ‘ बोलकर मेरे गले लग गई.
मैंने भी सोनम का दिल तोड़े बिना हाँ कह दी और सोनम को शादी का भरोसा भी दिलाया. हम दोनों लगभग दो घण्टे तक अलग ही घूमते रहे और उसके बाद हम धर्मशाला में वापिस आ गए.
जैसे ही हम दोनों कमरे में पहुँचे तो मैंने देखा कि सभी दोस्त वहाँ पहले से ही खड़े थे और सभी मेरी तरफ देख कर हंस रहे थे.
मुझे कुछ भी समझ नहीं आया और जब मैंने सोनम की तरफ देखा तो वो भी हंसने लगी और बोली कि उसने बाकी सभी से शर्त लगाई थी कि वो मुझे शादी के लिए मना लेगी और मैं इतनी जल्दी मान गया.
यह सुन कर मुझे शर्म आने लगी और मैं कमरे से बाहर आ गया और रोने लगा क्योंकि आज तक कभी मुझे कोई भी लड़की शादी लायक नहीं लगी थी और जब लगी तो वो भी मजाक निकला.
तभी किसी ने मेरे नाम से पीछे से आवाज दी. मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो सोनम खड़ी थी.
वो मुझसे माफ़ी मांगने लगी और बोली कि वो मुझसे सचमुच प्यार करती है और मुझसे शादी भी करना चाहती है. मैं खुश हो गया और हम दोनों ने कमरे में आकर यह बात सबको बताई, यह बात सुनकर सभी ने हम दोनों को बधाइयाँ दी और उसके बाद सभी सोनम और मुझको उस कमरे में अकेला छोड़ कर चले गए.
जब मैंने योगी की तरफ देखा तो उसके चेहरे पर एक गुस्सा था शायद इसलिए क्योंकि सोनम बहुत ही सुन्दर और शरीफ थी और योगी भी सोनम को पसंद करता था.
सभी के जाने के बाद मैंने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया और सोनम की तरफ देखा तो सोनम के चेहरे पर एक शर्म थी जो मुझे बहुत अच्छी लगी. मैं सोनम के और करीब गया और उसे कस कर बाहों में जकड़ लिया क्योंकि हम दोनों ही एक-दूसरे से शादी के लिए राजी थे तो सोनम ने इसका कोई भी विरोध नहीं किया.
फिर मैंने सोनम से कहा- मैं उसके साथ शादी से पहले सुहागरात की प्रेक्टिस करना चाहता हूँ!
यह सुनकर सोनम हंस दी, कुछ नहीं बोली और आकर मेरे पैर छूने लगी. यह कहानी यौन कथाओं की असली साईट अन्तर्वासना डॉट कॉम पर प्रकाशित हुई है.
मैं भी समझ गया कि सोनम सुहागरात के लिए राजी है. सोनम ने उस वक्त सफ़ेद रंग की टी-शर्ट और नीले रंग की जींस पहनी हुई थी. मैंने वही किया जैसा कि सुहागरात में होता है, मैंने एक-एक करके सोनम के सारे कपड़े उतार दिए और सोनम को ब्रा-पेंटी में कर दिया.
तब मेरा ध्यान सोनम के वक्ष की तरफ गया जो लाल-लाल सेब की तरह लग रहे थे क्योंकि सोनम ने लाल रंग की ब्रा पहनी हुई थी. उसके वक्ष का आकार इतना बड़ा था कि मुझसे रहा नहीं गया और मैंने सीधा ही उसकी चूचियों पर हमला कर दिया और उसकी ब्रा खोल कर उन्हें चूसने लगा. उसका आकार 36 से कम नहीं था. उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सोनम को एक बेड पर लिटा दिया और वो किया जो मैंने टी.वी. पर तो बहुत देखा था मगर आज तक नहीं किया था.
जबकि मैं काफी लड़कियों के साफ़ सम्बन्ध बना चुका था. मैंने अपना लण्ड निकाला और सोनम की दोनों चूचियों के बीच में रख दिया और रगड़ने लगा. फ़िर कुछ देर बाद मैंने सोनम की पेंटी उतार दी और उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ फिराने लगा.
क्योंकि सोनम की चूत कुँवारी थी इसलिए मैंने सोनम के बैग में से वैसलीन निकाली और उसकी चूत पर लगा दी. क्योंकि मेरे पास उस वक्त कंडोम नहीं था इसलिए मैं बिना कंडोम के अपना लंड सोनम की चूत में पेलने लगा. सोनम इतनी मस्त हो चुकी थी कि उसे भी याद नहीं रहा कि मैं बिना कंडोम के ही उसे चोद रहा था.
काफी देर तक चोदने के बाद मैं सोनम की चूत में ही झड़ गया और सारा पानी चूत में ही निकल गया, थकान के मारे मैंने अपना मुँह सोनम के वक्ष पर रख दिया. हम दोनों सुबह तक नंगे एक-दूसरे के साथ लेटे रहे.
जब हम सुबह उठे तो सोनम को याद आया कि मैंने कंडोम तो लगाया ही नहीं था, इस कारण सोनम मुझसे गुस्सा हो गई, पूरे दो दिन तक सोनम ने मुझसे बात नहीं की.
उसके अगले दिन सुबह ही सोनम मेरे पास आई और बोली कि वो गर्भवती हो चुकी है. यह बोलते हुए सोनम काफी डर रही थी. यह खबर सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. मैंने सोनम से बोला कि हम दिल्ली पहुँचते ही शादी कर लेंगे तो किसी को भी पता नहीं चलेगा कि तुम पहले से ही गर्भवती हो.
फिर मौज-मस्ती करते हुए 4 दिन जयपुर में बीत गए.
4 दिन जयपुर में बिताने के बाद हमें दिल्ली के लिए निकलना था मगर मेरे घरवालों ने मुझसे भाभी की खैर लेने के लिए कहा था इसलिए मैं जयपुर में रुक गया और योगी और बाकी सभी दोस्त दिल्ली निकल गए.
निकलने से पहले सोनम मेरे पास आई और मेरे गले लग गई. मैंने भी भावनावश सोनम को चूम लिया और उसे गुडबाय कहा.
मुझे अगले दिन भाभी के घर जाना था मगर मैं पूरा दिन और सारी रात सोनम के बारे में और उसके बारे में मम्मी को कैसे बताऊँगा, यही सोचता रहा क्योंकि सोनम मुस्लिम थी और मैं हिंदू बनिया.
इसी चक्कर में मैं भाभी को बताना भूल गया कि मैं उनके घर आ रहा हूँ.
अगले दिन मैं सुबह 6 बजे ही उनके घर के लिए निकल गया क्योंकि मुझे डर था कि कहीं भाभी सुबह ही ऑफिस न निकल जाए वर्ना मुझे पूरा दिन जयपुर की गलियों में बिताना पड़ेगा.
जब मैं घर के दरवाजे पर पहुँचा तो मुझे अंदर से कुछ आवाजें सुनाई दी. वो घर भाभी को ऑफिस कि तरफ से मिला था और घर ज्यादा बड़ा भी नहीं था.मुझे आवाजें साफ़ सुनाई दे रही थी, अंदर से किसी के चिल्लाने की आवाज आ रही थी. मुझे समझते देर नहीं लगी कि भाभी ने यहाँ जयपुर में आकर अपना वही काम शुरू कर दिया है. मैंने दरवाजा नहीं खटकाया और दरवाजे पर बैठकर यह सब खत्म होने का इंतज़ार करने लगा. जब आवाजें आना बंद हो गई तो उसके कुछ देर बाद मैंने दरवाजा खटकाया तो एक आदमी ने दरवाजा खोला जिसने कपड़ों के नाम पर एक बरमूडा पहना हुआ था.
जैसे ही उसने दरवाजा खोला मैंने पूछा- प्रिया कहाँ है?
तो वो बोला- तुम कौन हो और प्रिया को कैसे जानते हो?
तभी प्रिया भाभी एक काले रंग के चमकीले गाऊन में बाहर आई. मुझको देखकर भाभी डर गई और मुझे अंदर आने को कहा.
जब मैंने भाभी से उस आदमी के बारे में पूछा तो भाभी ने बताया कि यह आदमी उनका बॉस है और भाभी ने जान बूझकर ही अपना ट्रान्सफर दिल्ली से जयपुर करवाया था.
यह सुनकर मुझे गुस्सा आ गया, मैं बोला- मैं अभी यह सारी बात भैया को बताता हूँ.
तो प्रिया भाभी और उनका बॉस ने मेरे पैर पकड़ लिए और मुझसे माफ़ी मांगने लगे. तभी मुझे उस रात की याद आई जब घर पर मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं फिर भी मुझे भाभी के कमरे से भाभी और उनके साथ किसी मर्द की आवाज आई थी.
मैंने जब भाभी से पूछा कि उस रात कौन था तो भाभी और उनके बॉस ने बताया कि उस रात भी भाभी और उनका बॉस ही थे.
यह सुनने के बाद भी भाभी और उनका बॉस माफ़ी मांगने लगे तो मैंने कहा कि मेरी दो शर्तें हैं, पहली यह कि आज के बाद भाभी तुम भैया के आलावा किसी और के साथ सेक्स नहीं करोगी और यह नौकरी भी छोड़ दोगी और आज के बाद कहीं जॉब नहीं करोगी. और घर का काम करोगी.
यह सुनकर भाभी के बॉस का चेहरा उतर गया मगर भाभी ने तुरंत हाँ कह दी. जैसे ही भाभी ने हाँ कही तो मेरा मन खुश हो गया.
फिर भाभी ने पूछा- दूसरी शर्त क्या है?
तो मैंने बोला कि मैं एक लड़की से प्यार करता हूँ और उससे शादी करना चाहता हूँ.
यह सुनकर भाभी खुश हो गई और बोली- इसमें परेशानी क्या है?
तो मैंने बताया- लड़की मुसलमान है.
मगर भाभी ने मुझे भरोसा दिलाया कि वो दोनों शर्तें मानेगी और मेरी शादी सोनम से ही कराएगी. मगर वो अभी नौकरी नहीं छोड़ सकती वर्ना उन्हें कंपनी को 5 लाख रूपये देने पड़ेंगे. उन्हें अभी कम से कम एक महीने तक और इस कंपनी के लिए काम करना पड़ेगा.
मैं भाभी की बात समझ गया और मान गया.
अगले ही दिन मैंने सोनम को फोन करके यह सब बताया तो सोनम खुश और दुःखी दोनों हो गई. खुश इसलिए क्योंकि भाभी मान गई थी और भाभी सभी को मना सकती थी और दुःखी इसलिए क्योंकि अभी शादी में कम से कम एक महीना और लगना था. मैंने घर पर फोन करके बता दिया कि मैं एक और महीने तक जयपुर रुकूँगा और भाभी उसके बाद नौकरी छोड़ देंगी और हमेशा घर पर ही रहेंगी. यह सुनकर भैया भी खुश हो गए.
तीन दिनों के बाद मैंने सोनम को फोन मिलाने की कोशिश की मगर सोनम का फोन नहीं मिला. उसके बाद मैंने योगी को फोन मिलाया तो योगी बोला- शायद सोनम का फोन खराब हो गया है.
इस कारण मेरी और सोनम की एक महीने तक बात नहीं हो पाई. एक महीने के बाद भाभी ने शर्त के अनुसार अपनी नौकरी छोड़ दी और हम दोनों वापिस दिल्ली अपने घर आ गए.
जैसे ही हम दोनों घर आये तो भाभी ने कहा कि वो सोनम से मिलना चाहती है इसलिए मैं भाभी को अपनी कार में बिठा कर सोनम के घर ले गया.
जब मैं उसके घर पहुँचा तो पता चला कि सोनम की शादी हो चुकी है.
यह सुनकर मेरी आँखों में आँसू आ गए.
फिर भाभी ने पूछा- सोनम के पति का क्या नाम है?
तो सोनम के पापा ने बताया कि तुम्हारे दोस्त योगी के साथ ही सोनम की शादी हुई है.
यह सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया और मैं गुस्से के मारे योगी के घर कि तरफ निकल पड़ा.
क्योंकि मैं गुस्से में था इसलिए भाभी ने मुझे अकेले नहीं जाने दिया और मेरे साथ चल दी. जब मैं योगी के घर पहुँचा तो उसके घर पर योगी और सोनम के अलावा कोई नहीं था.
जब मैंने सोनम से पूछा कि मैं तो तुमसे प्यार करता था फिर तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?
तो सोनम कुछ नहीं बोली और योगी की तरफ देखने लगी.
मैं समझ गया कि योगी ने ही सोनम को मेरे और भाभी के रिश्ते के बारे में बताया है.
फिर मैंने सोनम और योगी से पूछा- बाकी सब कहाँ हैं?
तो योगी और सोनम ने बताया कि योगी के माता-पिता और योगी की बहनें गाँव चले गए हैं.
मैंने उनका फोन नंबर माँगा तो योगी ने फोन नंबर दे दिया. उसके बाद भाभी मुझे वहाँ से ले आई और भाभी और मैं एक पार्क आकर बैठ गए और बातें करने लगे.
आगे की कहानी के लिए आपको कुछ दिन तक इंतज़ार करना पड़ सकता है.
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