कॉलेज गर्ल की इंडियन सेक्स स्टोरी-2

(College Girl Ki Indian Sex Story- Part 2)

This story is part of a series:

अपनी फ्रेंड दिव्या के ब्वॉयफ्रेंड ने मुझे गले लगने के एवज में महंगी ड्रेस गिफ्ट में देना तय की. वो मुझसे गले लग गया. इसके आगे मेरी इंडियन सेक्स स्टोरी का अगला सीन.

सुबह मैं सो कर जगी तो मुझे अच्छा लग रहा था. दिव्या अभी आई नहीं थी और कल की बातें अच्छी महसूस हो रही थीं. अमित ने आज पहली बार मेरे मोबाइल पर गुड मॉर्निंग का बहुत ही रोमांटिक एसएमएस किया था, जिसे मैंने पढ़ा तो अच्छा लगा.
अब मुझे अमित से बातें तो करने का मन करता था लेकिन मैं उससे सीधे सीधे बात नहीं कर सकती थी. तो मैंने कोई रिप्लाई नहीं किया.
मैं अपने काम में लग गई.

कॉलेज के समय पर दिव्या भी आ गई और हम कॉलेज गए कोचिंग गए. फिर रात को खाना खाने के बाद ये इंतजार करने लगी कि दिव्या सो जाए तो अमित से बात की जाए और तब तक मैं इंतजार करती रही. इस वक्त मैं पढ़ने का तो बस नाटक कर रही थी, दिव्या भी पढ़ रही थी.
तभी अमित ने एसएमएस किया तो दिव्या ने कहा कि बाद में बात करती हूँ. वो पढ़ने लगी, दिव्या की एक्टिविटी से नहीं लगता था कि उसे अमित ने कुछ भी बताया हो.

आखिर काफी इंतजार के बाद दिव्या सो गई तो मुझे मौका मिला कि मैं अमित से बात कर सकूँ और इसी चाहत में मैंने खुद अमित को दिव्या के मोबाइल से एसएमएस भेजा.
मैं- हैलो कैसे हो, क्या कर रहे हो?

करीब 10 मिनट के बाद अमित का रिप्लाई आया- मैं अच्छा हूँ तुम बताओ कैसी हो.. घर का सफ़र कैसा रहा?
मैं- ठीक रहा. और तुम बताओ कि यहाँ सब कैसा रहा? और कल की प्लानिंग में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?
अमित- नहीं यार.. मुझे अच्छा बहुत.. मुझे ऐसा लगा कि सारी खुशियां मुझे मिल गई हों.
मैं- अच्छा ऐसा क्यों लगा?
अमित- वो मेरी पसंद की ड्रेस पहने थी बड़ी क़यामत लग रही थी, ऐसी लग रही थी कि उसे पकड़ कर किस कर लूँ और बस बांहों में लिए ही रहूँ. जैसे मैंने अपनी जान को बांहों में लिया था और उस ड्रेस में उसे हनीमून पर ले जाने वाला अहसास हो रहा था.
मैं- अच्छा ठीक है.. मैं सोने जा रही हूँ पर ये सब बातें ध्यान है ना रिपीट नहीं करना है.

ऐसा कह कर मैं एसएमएस मिटा कर सो गई. अब तो रोज का यही काम हो गया था कि मैं अमित को 10-12 एसएमएस करके सोती थी.

एक दिन कि बात है कि अमित ने मुझसे कहा- मिनी कल क्या कर रही है?
मैं- क्यों कोई खास काम है क्या?
अमित- हां है एक खास काम पर उसे (मिनी को) ना पता चले तो बताऊँ.
मैं- हाँ बताओ, नहीं पता चलेगा.

मुझे लगा कि अमित को पता हो गया है कि उसकी दिव्या बन के मैं ही उससे बात करती हूँ.
अमित- यार मैं उस दिन उसकी फोटो ली थी ना उस सेक्सी ड्रेस में तो वो बहुत अच्छी लग रही थी और उस फोटो को मेरे एक दोस्त ने देखी है. उसे लग रहा है कि मैं मजाक कर रहा हूँ और ये कोई और मॉडल की फोटो है. तो रियल में वो मिनी को देखना चाहता है. उसने जब से उस फोटो में मिनी को देखा है, उसी का दीवाना हो गया है. कोई जुगाड़ है जिससे वो उसे देख सके.
मैं- लेकिन मिनी में ऐसा क्या ख़ास है?
अमित- ये तुम मत पूछो, बस कोई जुगाड़ बनाओ.
मैं- ठीक है उससे कह देना कि कल शाम को जब मिनी कोचिंग जाए तब देख ले.
अमित- थैंक्यू मेरी जान, ठीक है.

फिर वही हुआ, मैं जब कोचिंग जा रही थी, तो अमित और उसका एक दोस्त आया. वे दोनों दूर से ही खड़े होकर मुझे घूर रहे थे. मैं भी दिखने के लिए और अच्छे से तैयार हो कर गई थी. शाम को मेरी अमित से फिर से बात हुई.

मैं- देखा तुम्हारे दोस्त ने मिनी को कि नहीं?
अमित- हां देखा है, और दीवाना हो गया है और मुझसे कल से यही कह रहा है कि यार कुछ भी करके मेरी मिनी से सैटिंग करवा दो, उसके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ.
मैं- अच्छा उसको मिनी इतनी अच्छी लगी?
अमित- हाँ बहुत अच्छी लगी.
मैं- तो क्या सोचा है क्या करोगे? सैटिंग करवाओगे कि नहीं?
अमित- मैं क्या बताऊँ तुम जो भी कहो, जैसे बताओ.. मेरा तो मन है कि करवा दूँ.
मैं- अच्छा तो करवा दो.

मैं भी अब नशे में जैसे रहने लगी थी मुझे खुद की तारीफें अच्छी लगने लगी थीं तो मैंने ऐसा कह दिया.
अमित- ठीक है करवा दूंगा पर कैसे? तुम ही बताओ, तुम उसके करीब रहती हो.
मैं अब मैं अपनी ही सैटिंग करने जा रही थी, इतना नशा मुझ पर छा गया था, मैंने कहा- मुझे क्या मिलेगा तो मैं बताऊँ बोलो?
अमित- क्या चाहिए बताओ तो हां एक बात और है कि मैं मिनी को फिर से एक बार गले से लगाना चाहता हूँ.
मैं- तो लगा लो ना गले, अच्छा ठीक है बता दूंगी कि क्या करो.. पर एक शर्त पर बताऊंगी.

अमित- कैसे लगा लूँ.. हाँ बताओ क्या शर्त है.. वैसे मुझे हर शर्त मंजूर है.
मैं- जैसे पिछली बार उसे गले लगाया था उसी तरह परसों भी सन्डे है और मैं घर पर नहीं रहूंगी. तब लगा लेना और हाँ अब तुम मिनी को ज्यादा एसएमएस किया करो और उससे कहो कि वो तुम्हारे एसएमएस का जवाब दिया करे.
अमित- ठीक है और दोस्त की सैटिंग कैसे कराऊँ?
मैं- लेकिन इस बार ये मत कहना कि मेरे(दिव्या) लिए ड्रेस है, ये कहना कि वो तुम पर ज्यादा अच्छी लगी थी इसलिए तुम्हारे लिए लाया हूँ और दोपहर में 3-4 बजे आ जाना.
मैंने अमित को गले से लगाने को कह दिया था.. और उससे कहा- सैटिंग करने के लिए अपने दोस्त से कहो कि वो अपने नंबर से उसे रोज एसएमएस करे, मिनी गुस्सा भी करे तब भी मैसेज करता रहे. जैसे हो सके वो मिनी को मजबूर करे कि वो उसे भी रिप्लाई करे.
अमित- ठीक है.
मैं- ठीक है बाय.

ऐसा कह के मैंने अपने आप की ही सैटिंग करवा दी थी. जैसे ही मैंने दिव्या का मोबाइल रखा कि अमित मेरे मोबाइल पर एसएमएस करने लगा. उसने बहुत एसएमएस किए. मैंने जवाब नहीं दिया तो अमित ने कॉल किया.. अब मैंने फोन उठाया.
अमित- हैलो मिनी, क्या कर रही हो.. इतने सारे एसएमएस किए फिर भी एक तो रिप्लाई कर दिया करो, ज्यादा बिजी थीं क्या?
मैं- नहीं बिजी नहीं थी बस मेरे मोबाइल में एसएमएस पैक नहीं है इसलिए नहीं किया.
अमित- ऐसी बात है तो बता देतीं, मैं करवा देता.. रुको अभी मैं एक महीने का अनलिमिटेड करवा दे रहा हूँ.
मैं- अरे रुको.

मैंने इतना ही कहा था कि कॉल कट गई थोड़ी देर बाद मेरे में रिचार्ज सक्सेज का एसएमएस आया. मैंने देखा तो उसने करवा दिया था. फिर उसने मुझे एसएमएस किया.
अमित- हो गया कि नहीं?
अब मेरे पास अब कोई विकल्प नहीं था. मैंने कहा- हां, हो गया है.
अमित- और क्या कर रही थीं, खाना खाया या नहीं?
मैं- खा चुकी हूँ.. और अब सोने जा रही हूँ.

इस तरह मैंने अमित से बाय कहा और मोबाइल अलग रख दिया. तभी नए नंबर से एसएमएस आना स्टार्ट हो गए. वैसे मुझे पता था कि ये अमित का दोस्त होगा, पर मैंने जानबूझ कर कोई जवाब नहीं दिया और सो गई.

सुबह जब जागी तो मैंने देखा कि अमित के 20 और नए नंबर से 35 एसएमएस आए हुए थे. मैं सभी को पढ़ा वो सभी गुड मॉर्निंग और जोक्स थे. अमित ने कुछ में पूछा था कि मैं क्या कर रही हूँ.

फिर मैं कॉलेज के लिए तैयार होने चली गई. आज शाम को मैं कोचिंग अकेली ही गई क्योंकि दिव्या घर चली गई थी. लेकिन जब मैं वापस आई, मोबाइल देखा तो अमित और नए नंबर से एसएमएस आए हुए थे. अमित को मैंने रिप्लाई किया कि मैं घर पर हूँ, तुमसे खाना खाने के बाद बात करती हूँ ओके.
अमित का जवाब आया- ठीक है.

फिर मैंने नए नंबर पर एसएमएस भेजा कि कौन हो आप..? कल से बहुत एसएमएस कर रहे हो?
उधर से जवाब आया कि मैं अवी हूँ और आपसे बात करना चाहता हूँ.
अमित के दोस्त का नाम अवी था, अमित ने मुझे बताया था.

मैंने कहा- मुझे नहीं करनी बात.. मेरे मोबाइल पर एसएमएस मत करना.
मैं तो बस नाटक कर रही थी, जबकि मेरा मन तो बात करने का ही था.
अवी- पर मुझे करनी है, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं. जब से आपको मैंने देखा है, तब से यही सोच रहा हूँ कि कैसे बात करूँ?
मैं चुप रही.

अवी- मैं तब तक एसएमएस करता रहूँगा जब तक आप बात नहीं कर लेती हैं. वैसे आपका नाम क्या है?
मैंने अवी को रिप्लाई करना बंद कर दिया और खाना खाने चली गई. फिर खाना खाने के बाद जब मैं वापस आई तो अमित को एक एसएमएस किया- हां जी, अब बताइए?
अमित- खा चुकी आप खाना?
मैं- हां खा चुकी हूँ.
अमित- अच्छा और क्या कर रही हो और अब क्या करोगी?
मैं- अब सो जाऊँगी बस.
अमित- ठीक है गुड नाईट.

मैं ये सोचने लगी कि कल फिर अमित से गले लगना है और ये मेरे लिए कल क्या लाएगा. मैं अवी को कब से बात करूँ, यही सोचते सोचते मैं सो गई.

सुबह उठी तो मैं रोज का सब काम करने लगी. उस दिन ज्यादा काम नहीं था तो मैं जल्दी ही छुट्टी पा गई. अब मैं बैठी थी कि अमित और अवी दोनों के एसएमएस आ गए.
अमित- क्या कर रही हो.. कहां हो?
अवी- हैलो, बस एक बार बात कर लो, मैं फिर नहीं कहूँगा.. बस एक बार..
दोनों को मैंने रिप्लाई किया.
अमित को लिखा- मैं फ्री हूँ.
अवी को लिखा कि बताओ क्या बात करनी है.

फ्रेंड्स अब मैं जो रिप्लाई करूँगी उनको मैं उसी मैसेज के पीछे कोष्टक में लिख दूंगी.. क्योंकि इस दास्तान में मैं दोनों से बात कर रही हूँ और आपको समझने में आसानी हो इसलिए ऐसा लिख रही हूँ. ओके डियर फ्रेंड!

अवी- आप मुझसे एक बार बात कर लीजिये बस (हाँ बताओ क्या बात है)
अमित- खाना खा चुकी हो और मुझे तुमसे मिलना था, किस समय आ जाऊं (हां खा चुकी हूँ और मुझसे क्यों मिलना है.. क्या मुझसे कोई खास काम है?)
अवी- आपका नाम क्या है (मिनी है)
अवी- आप करती क्या हैं? (पढ़ती हूँ)
अवी- कहाँ? (यहीं पास में.. क्या काम है?)
ये लिखते हुए मैंने अवी को कॉलेज का नाम बता दिया.
अमित- हां बाबा है एक काम.. तुम बताओ मैं कब मिलने आ जाऊं? (चाहे जब आ जाओ.)
अमित- ठीक है.. मिनी मैं आ रहा हूँ ओके. (ठीक है)
अवी- अच्छा आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं.(तो?)
अवी- तो आप मुझसे बस बात कर लिया करिए बस. (अच्छा.. पर इससे मुझे क्या फायदा होगा?)
अवी- अच्छा लगेगा.. तुम्हें ढेर सारी बातें करने वाला और एक साथी मिल जाएगा. (मैं बाद में बात करती हूँ ओके)
अवी- क्या हुआ कुछ तो बताओ कितनी देर बाद करोगी..? मैं इंतजार करूँगा और जब तक तुम बात नहीं करती, मैं खाना नहीं खाऊंगा.

अमित को बुलाया था, तो मैंने सोचा कि अब तैयार हो जाती हूँ. मैं तैयार होने चली गई.. कुछ ही देर में मैं तैयार हो चुकी थी कि थोड़ी देर में अमित आ गया. मैंने दरवाजा खोल कर उसे अन्दर बुलाया और पूछा- क्या हुआ.. आप मुझसे मिलना चाहते थे?
अमित- हां वो एक सन्डे को मिला था ना.. तो आज फिर मन करने लगा. देखो मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ.. अच्छा है न?
मैं- मेरे लिए लाए हो क्या है?
अमित- खुद देख लो मैं क्या बताऊँ.
मैं- अच्छा लाओ..

और मैं उसे लेकर किचन में कॉफ़ी बनाने चली गई और वहीं खोल कर देखा तो एक प्यारा सा जीन्स टॉप था.
मैंने वहीं से अमित से कहा- ये तो कपड़े हैं ये मेरे लिए क्यों लाए?
अमित- बस यार ले लाया.. अच्छे नहीं है क्या? पहन के देख लो, अभी मैं यही हूँ अगर ना अच्छे हों, तो वापस करके दूसरे ले लाऊंगा.
मैं- इसकी क्या जरूरत थी और अभी ही देख लूँ क्या?
अमित- हां बाबा, अभी देख लो.
मैं- ठीक है फिर इंतजार करो.. मैं देख के आती हूँ.

मैं अपने रूम में बदलने चली गई.

अमित जोर से चिल्लाया कि वहीं मत देख लेना, यहाँ आना.. मैं भी देखूंगा.
मैं- ठीक है.

दोस्तो, ये जींस टॉप जो अमित लाया था उसमें घुटने तक की जींस थी, जैसे कैप्री होती है और टॉप में पीछे और ऊपर तो सब ठीक था, लेकिन मेरी चूची के नीचे से और कमर तक पूरा खुला था. पूरा पेट दिखता था और थोड़ी छोटी थी क्योंकि टाइट हो रही थी. मुझे ऐसा लग रहा था कि अमित पिछली बार मेरा पेट नहीं देख पाया था, वही देखने के लिए ऐसी ड्रेस लाया है. पर ड्रेस अच्छी थी और मुझे पसंद भी थी क्योंकि मुझे इस तरह के कपड़े पसंद थे, जिसमें जिस्म दिखे.. और मैं किसी को बेहाल कर सकूँ.

मैं वो ड्रेस पहन कर अमित के सामने आ गई तो अमित बड़ी तेजी से उठा और मुझे आगे से ही मेरे गले से लग गया. वो लगेगा ये तो पता था, पर इतनी जल्दी लग जाएगा, ये नहीं मालूम था. वो मुझे गले से लगाये रहा और अपने हाथों को मेरी खुली कमर पर सहलाने लगा. मुझे कुछ अजीब पर अच्छा लग रहा था, मैंने कुछ नहीं कहा. उसने मुझे अपनी बांहों में इस कदर कस लिया कि मेरी चूचियां मसली जा रही थीं.

फिर अमित ये कहते हुए मुझे नीचे उतार दिया और कहने लगा- आई लव यू माय मिनी जानेमन जी.
मैंने थोड़ा गुस्से के साथ कहा- क्या कह रहे हो आप?
मैं ऐसा इसलिए किया ताकि उसे लगे कि मैं उससे गुस्सा हो गई हूँ.

अमित- मिनी तुम बहुत अच्छी हो. इतनी अच्छी कि तुम पर सारी दुनिया ही न्योछावर कर दूँ.. क्या फिगर है क्या कमर है.. पूरी माल लग रही हो.
मैं और थोड़ा गुस्से से बोली- क्या मतलब है तुम्हारा?
अमित- कुछ नहीं बस ड्रेस अच्छी है. तुम पर तो और अच्छी लग रही है.. तुम्हें पसंद आई?
मैंने कॉफ़ी देते हुए कहा- हां अच्छी है, पसंद भी आई.. पर लग रहा है कि कुछ छोटी है.
अमित- छोटी नहीं है बहुत फिटिंग की है.. ये ऐसी ही पहनी जाती है.
मैं- अच्छा ऐसी बात है तो ठीक है. अब मैं जाकर बदल लूँ?
अमित- रुको ऐसे ही इसी ड्रेस में बैठो.. मेरे जाने के बाद बदल लेना.

फिर हम दोनों पढ़ाई की बातें करने लगे, पर अमित मुझे घूरे ही जा रहा था.
थोड़ी देर बाद अमित चला गया और अब मैं मन ही मन खुश होकर हंसने लगी कि देखो कितना पागल लड़का है कि मेरा तो कुछ नहीं गया, पर मैं केवल गले लगने से इतनी अच्छी अच्छी दो ड्रेस पा गई. मुझसे गले लग कर पता नहीं उसे क्या मिल गया. मैं अब अपने ऊपर ऐसा सोच रही थी कि मैं वाकयी में बहुत खूबसूरत हूँ और इससे मैं कुछ भी कर सकती हूँ, किसी भी लड़के को पटा सकती हूँ.. और जैसा चाहूँ काम करवा सकती हूँ. केवल अपना जिस्म दिखा कर, मेरा कुछ जाना भी नहीं है. यही वो पल था जब मैं सोच रही थी कि बिना कुछ गंवाए, केवल गले लग कर, बातें करके बहुत कुछ पाया जा सकता है.

मुझे क्या पता था कि आगे क्या होने वाला है और अगर ये पता होता कि आगे क्या होगा तो शायद मैं कुछ ना करती.

चलो ये तो अब की बात है, मैं पिछली बातें बताती हूँ कि आखिर उस दिन के बाद क्या हुआ.

उस दिन अमित के जाने के बाद मेरे मन में लालच आ गया था, इसलिए मैं अमित से अपने मोबाइल से बात करती रहती थी. लेकिन इस तरह की बातें कुछ करने की इजाजत दे दूँ, वो दिव्या के मोबाइल से ही अभी होता था और इसी लालच कि वजह से मैं अवी को भी अपना बॉयफ्रेंड बनाने को राजी हो गई और उससे बात करने लगी. पर मैं उससे मिलती नहीं थी कि पता नहीं कैसा लड़का होगा. अवी ने अभी अमित से दोस्ती का खुलासा नहीं किया था. वैसे अवी अमित को बताता तो सब था ही.

एक दिन की बात है कि कॉलेज में छुट्टी थी और इस छुट्टी में दिव्या भी घर नहीं गई थी. तो हम दोनों ही बातें कर रही थीं. दिव्या को मेरे नए बॉयफ्रेंड अवी के बारे सब पता था क्योंकि जब बात मैं करती थी तो वो देखती थी, तो बताना पड़ा कि अवी को मैंने एक्सेप्ट कर लिया है.
इस बात पर वो खुश थी कि कोई तो है जिसे मैंने एक्सेप्ट किया है.

वो पूछने लगी कि कभी मिली हो?
मैंने कहा- नहीं.
दिव्या ने कहा- देखा है?
मैंने उसको एक बार देखा था.. जब वो मुझे देखने आया था. पर मैंने दिव्या को ये नहीं बताया कि देखा है.
मैंने कहा- नहीं देखा है.

तो इस पर दिव्या कहने लगी- यार तुम भी कैसी लड़की हो, उससे जाकर मिलो, देखो, उसे समझो, एक दूसरे को समय दो, जिसके लिए गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड बनाए जाते हैं.
मैं- यार डर लगता है कि कुछ गलत ना हो जाए, अभी उसे इतना नहीं जानती हूँ तो जाकर कैसे मिल लूँ?
दिव्या- यार तुम भी… इतनी स्मार्ट हो, आज के युग में हो और डरती हो. अरे उससे किसी मॉल में जाकर मिलो, जैसे मैं अमित से पहली बार पीवीआर में मिली थी.. क्योंकि वहां बहुत लोग रहते हैं, सेफ्टी रहेगी. तुम भी जाओ मिनी, किसी मॉल में मिल लो. इस बीच मैं भी अमित को घर बुला कर मिल लूँगी.

मैं- ओहो.. तो ये कहो ना कि मिनी कहीं बाहर चली जाओ, मुझे अमित से मिलना है.. इधर उधर क्यों घुमा रही हो?
दिव्या- नहीं मिनी.. ऐसी बात नहीं है ठीक है, तुम मिलने मत जाओ. मैं तो इसलिए कह रही थी कि ताकि तुम भी जान जाओ कि ये सब क्या होता है.. बस और कुछ नहीं. मुझे नहीं मिलना है अमित से ओके.. मत जाओ मिलने.
मैं- सॉरी दिव्या.. मैंने मजाक में कहा था, अब बताओ क्या करूँ?
दिव्या- अवी को एसएमएस कर.. या कॉल कर और पूछ कि वो कहां है.. कहीं बिजी तो नहीं है, अगर बिजी न हो तो तुझे शॉपिंग करनी है, वहां छोड़ दे.. बस.

मैंने ऐसा ही किया और अवी ने जवाब दिया कि आज पहली बार कहा है मेरी जान ने.. बिजी होऊंगा फिर भी आ जाऊंगा. अभी दस मिनट में आता हूँ.. ओके डिअर जानेमन जी.
अवी अब मुझे हमेशा जान जानेमन, बाबू, स्वीटी, बेबी और बहुत कुछ कहा करता था.

मैं- सुनो दिव्या वो 10 मिनट में आ रहा है तो?
दिव्या- तू फुल टॉप और जींस या फिर कोई सिंपल सूट पहन कर तैयार हो जा.. और बहुत हल्का सा मेकअप करना.
मैं- दिव्या तुझे पता है कि मुझे सिंपल ड्रेस कम पसंद हैं, फिर भी वही पहनने को कह रही हो.
दिव्या- तू आज पहन ले बस, फिर चाहे जो पहन लेना या उसके पास नंगी ही रहना.

इस नंगी वाली बात पर हम दोनों हंसने लगे और दिव्या ने एक बहुत ही सुन्दर वाइट कलर का सिंपल सूट निकाल कर दिया और कहा- जल्दी पहन के तैयार हो जा, वो बाइक से आता ही होगा, तो उसे कितना सा टाइम लगेगा.
मैं उसके आने से पहले वो सूट लेकर तैयार होने चली गई. मैं तैयार हो रही थी कि उसने एसएमएस किया कि वो बाहर है, आ जाओ.
मैंने कहा- बस 5 मिनट में आ रही हूँ.
उसने कहा- ओके.
फिर मैं तैयार हो कर बाहर आई तो दिव्या ने कमेंट पास किया- आज छन्नो डेट पर जा रही है.

हम दोनों हंसने लगी.
उसने कहा कि वो कुछ भी दे.. और कैसा भी दिख रहा हो, तारीफ जरूर कर देना और उसके साथ ही अपने लिए शॉपिंग करना. ये ले पैसे और मेरे लिए एक सिंपल टॉप ले लेना ओके.. और वो कोई भी ड्रेस पसंद करे, उसे पहन कर देख लेना, पर उसके सामने मत आना कि उसे भी दिखा दो और मस्ती करने बैठ जाओ.. कोई दिक्कत हो तो कॉल कर लेना.
मैंने दिव्या को ‘ओके..’ कहा और बाहर आ गई.

वो 4 व्हीलर से आया था और मेरा इंतजार कर रहा था.

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