मेरी चालू बीवी-113
मामाजी ने सलोनी को बालो से पकड़ उसके सिर को अपने लण्ड की ओर झुकाया। सलोनी तो जैसे नशे में थी, वो घुटनों पर बैठ उनके लण्ड को अपने होंठों के बीच दबा कर चूसने लगी।
बीवी की चुदाई, देसी बीवी इंडियन वाइफ की हिंदी सेक्स कहानियाँ जिसमे वो अपने पति और पराये मर्दों के साथ सेक्स करती है.
Biwi ki chudai, Indian Wife Ki Hindi Sex Kahaniyan.
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मामाजी ने सलोनी को बालो से पकड़ उसके सिर को अपने लण्ड की ओर झुकाया। सलोनी तो जैसे नशे में थी, वो घुटनों पर बैठ उनके लण्ड को अपने होंठों के बीच दबा कर चूसने लगी।
मित्रो, मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक व लेखक हूँ, चूत-लण्ड के किस्से सुनकर लोगों की तरह मैं भी अपना मन बहला लेता हूँ। पर इस बार मेरी इच्छा जागृत हुई कि मुझे भी अपनी आत्मकथा आप लोगों को सुनानी चाहिये क्योंकि ज्ञानीजन कहते हैं कि खुशियाँ बांटने से बढ़ती हैं, इसी प्रकार वीर्य भी बांटने […]
आशीष अपने एक हाथ से मेरी इस चिकनी चमेली को सहला रहे थे और दूसरे हाथ से मेरी चूचियों से खेल रहे थे, उनके होंठों का रस लगातार मेरे चुचूकों पर गिर रहा था।
उन्होंने मेरी केपरी के साथ ही कच्छी भी निकालकर फेंक दी। अब मैं आशीष के सामने पूर्णतया नग्न अवस्था में थी परन्तु फिर भी दिल आशीष को छोड़ने का नहीं हो रहा था।
ऋज़ू- अरे वो नंगी रण्डी.. जिसने कच्छी नहीं पहनी थी, तेरे साथ थी? ..उसी के साथ तो था वो कमीना... चल छोड़ उसको, उसकी चूत से कहीं मजेदार है मेरी चूत.. चल आज मुझे अपना मूत पिला... उसको चुदने दे किसी और से...
मुझे उनका चुम्बन बहुत ही अच्छा लग रहा था, बल्कि मैं तो ये चुम्बन सिर्फ माथे पर नहीं अपने पूरे बदन पर चाहती थी, उम्मीद लगने लगी थी कि शायद आज मेरी सुहागरात जरूर होगी।
उन्होंने मुझे खींचकर अपनी छाती से चिपका लिया और एक मीठा सा चुम्बन दिया। मैं तो शर्म से धरती में गड़ी जा रही थी पर उनकी छाती से चिपकना बहुत अच्छा लग रहा था।
उसकी गांड के छेद पर मैंने अपनी उंगलियाँ फिराई, वो बिफर पड़ी, वो बोली- वहाँ मुंह मत लगाना प्लीज़… वो गन्दी जगह है। मैंने उसे कहा- मेरी रानी, औरत के शरीर का कोई भी हिस्सा गंदा या खराब नहीं होता है…
मैंने जगह जगह से उसकी सलवार भी फाड़नी शुरू कर दी। पुरानी थी तो चर्र चर्र फटती गई और उसकी मांसल दूधिया जांघें और पिंडलियाँ बाहर आती गई।
मैंने उसके सर और कमर के नीचे पहले ही दो तकिये रख दिए थे, जिससे उसका सीना ऊपर हो गया था, रस्सी नीचे बाँधी थी और जैसे ही उस रस्सी को और टाइट किया उसके वक्ष और ज्यादा उभर कर तन गए।
मधु के चूतड़ों पर फ्रॉक के ऊपर से ही हाथ रखने पर मुझे उसकी कच्छी का एहसास हुआ... मैंने तुरंत अचानक ही उसके फ्रॉक को अपने दोनों हाथ से ऊपर कर दिया...
इमरान सलोनी- मैंने मना किया न… मैं केवल ब्रा चेक करुँगी… बस… पैंटी घर जाकर चेक करके बता दूँगी… यहाँ नहीं.. लड़के का मुँह देख लग रहा था जैसे उसके हाथ से ना जाने कितनी कीमती चीज छीन ली गई हो… सलोनी- ओह ज़मील, आज मुझे जल्दी जाना है… फिर कभी तुम घर आकर आराम […]
इमरान उसके बाथरूम में जाते ही सबसे पहले मैंने अपना रिकॉर्डर पेन ओन कर उसके पर्स में डाला… और यह भी सोचने लगा कि यार कैसे आज इनकी उस शॉपिंग को देखा जाए… मैंने एक बार फिर बिल पर से उस दुकान का पता नोट किया और सलोनी से उसका जाने के समय के बारे […]
इमरान मैं बंद अधखुली आँखों से सलोनी को देखते हुए अपनी रणनीति के बारे में सोच रहा था… कि मस्ती भी रहे और इज्जत भी बनी रहे… सलोनी मेरे से खुल भी जाए… वो मेरे सामने मस्ती भी करे परन्तु उसको ऐसा भी ना लगे कि मैं खुद चाहता हूँ कि वो गैर मर्दों से […]
संजय ने कभी मेरी योनि को प्यार नहीं किया तो मैं भी एक शर्मीली नारी बनी रही, मैंने भी कभी संजय के लिंग को प्यार नहीं किया। मुझे लगता था कि अपनी तरफ से पहल करने पर संजय मुझे चरित्रहीन ना समझ लें।
वैसे तो संजय से मेरा रोज ही सोने से पहले एकाकार होता था। परन्तु वो पति-पत्नी वाला सम्भोग ही होता था। उस दिन मेरी शादी की 11वीं सालगिरह थी। संजय ने मुझे बड़ा सरप्राइज देने का वादा किया था। मैं बहुत उत्सुक थी। कई बार संजय से पूछ भी चुकी थी कि वो मुझे क्या […]
हिंदी एडल्ट स्टोरी का पहला भाग : रसीली की रस भरी रातें-1 कहानी का दूसरा भाग : रसीली की रस भरी रातें-2 रात को मेरे पति राजू ने पहले मोमबती से फ़िर अपने विशाल लण्ड से मेरी गाण्ड मारी तो रात भर मैं दर्द से तड़पती रही, सुबह मैंने चंपा को बुलाया। चंपा ने मुझसे […]
कहानी का पिछला भाग : रसीली की रस भरी रातें-1 मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी में आपने अब तक पढ़ा कि सुहागरात को मैं अपने पति के बड़े लण्ड से दर्द का ड्रामा करके चुद गई। मेरा पति बड़े ल्ण्ड के कारण नहीं जान पाया कि उसकी नई नवेली असल में खाई खेली है। सुबह छः […]
अजय ने मेरी लगभग नंगी पीठ, मुँह, गले पर चूम चूम कर मेरा बुरा हाल कर दिया था और एक हाथ से वो मेरे मोटे चूतड़ों को और मेरी चूत पर फ़िराते रहे जिससे मेरे सारे बदन में झुरझरी पैदा हो रही थी।
अजय ने मेरी चोली और लहंगा उतार दिया और खुद भी अपना कुर्ता और पाजामा भी... मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि मेरे नीचे के दोनों वस्त्र बहुत छोटे और पारभासक थे।