कुंवारी ममेरी बहन की चूत चुदाई

(Kunvari Mameri Bahan Ki Chut Chudai)

राहुल देव 2015-12-05 Comments

दोस्तो… सभी लड़कियों और महिलाओं का मेरा व मेरे पप्पू की ओर से हार्दिक स्वागत है।

अन्तर्वासना पर पहली यह मेरी कहानी है। मैं इस पर प्रकाशित लगभग सभी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ।

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ। यह कहानी मेरे ममेरी बहन प्रिया (बदला हुआ नाम) की है। उसका फिगर 36-30-34 रहा होगा।
बात तब की है जब मैं अपने मामा के यहाँ शादी में गया था। मेरे मामा के दो लड़के और दो लड़कियाँ हैं। मैं वहाँ पर शादी के एक दिन पहले ही पहुँचा था।

घर पर बहुत सारे मेहमान थे.. तो पूरा दिन मस्ती में और काम करते-करते गुजर गया। दिन भर मस्ती और काम करने के बाद जब रात आई.. तो सब लोग सोने के लिए जगह देखने लगे, मुझे भी नींद आ रही थी।

मैं भी अभी अपने लिए सोने की जगह देख ही रहा था कि मामी ने बोला- तुम छत वाले कमरे में प्रिया और उसकी सहेली के साथ सो जाओ।
तब तक मेरे दिल में कोई भी ग़लत विचार नहीं था।
मैंने मामी को बोला- ठीक है.. मैं वहीं पर सो जाता हूँ।

मैं कमरे में गया और देखा कि वहाँ पर एक डबलबेड ही था… जिस पर तीन लोग आराम से सो सकते थे।
प्रिया और उसकी सहेली बात कर रही थी.. लेकिन मुझे नींद आ रही थी.. तो मैं बिस्तर के एक साइड में जाकर लेट गया और थोड़ी देर बाद ही मुझे नींद आ गई।

रात में करवट लेते समय मेरी आँख खुल गई और मैंने देखा कि मैं प्रिया और उसकी सहेली के बीच में लेटा हुआ हूँ।
फिर मैं आँखें बंद करके सोने की कोशिश करने लगा.. लेकिन अब मेरे दिमाग़ में कुछ और ही चल रहा था।
बगल में दो हसीनाएं हों.. तो अब नींद कहाँ आने वाली थी।

सो मैंने सोने का नाटक करते हुए प्रिया के पेट पर अपना हाथ रख दिया.. और फिर धीरे-धीरे उसकी चूचियों पर रख दिया..।
उसकी तरफ से अभी कोई भी हलचल नहीं हुई थी.. तो मैं भी धीरे-धीरे आगे बढ़ा..

तभी प्रिया ने भी करवट ली और मेरा हाथ हट गया। मुझे समझ आ गया कि शायद प्रिया को पता चल गया है.. इसलिए उसने मेरा हाथ हटाने के लिए करवट ली है।

अब मेरी भी दुबारा से हिम्मत नहीं हुई कि मैं अब दोबारा कुछ करूँ.. पर शायद उस दिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। मैं बार-बार आँखें बंद करके सोने की कोशिश कर ही रहा था कि तभी प्रिया ने अपना हाथ मेरे पेट पर रख दिया।
फिर भी मैंने कुछ नहीं किया.. पर थोड़ी देर में ही उसका हाथ पेट से हट कर मेरे लण्ड पर आ गया। उस वक़्त तो मुझे ऐसा लगा मानो मुझे जन्नत मिल गई हो।

फिर मैंने देर ना करते हुए उसके हाथ पर अपना हाथ रख दिया और अपने लण्ड को उसके हाथ से दबाने लगा।
वो भी मज़े के साथ ये कर रही थी। अब मैंने उसके दूध पर अपना हाथ रख कर दबाने लगा।
हम दोनों ने अब तक एक-दूसरे से कुछ भी नहीं कहा था.. लेकिन काम लगातार हो रहा था।

तभी प्रिया की सहेली ने करवट ली.. तो मैंने प्रिया के कानों में कहा- कहीं तुम्हारी फ्रेण्ड जाग ना जाए..
तो उसने कहा- हाँ तो ठीक है कमरे के बार जो टीन शेड है.. वहाँ चल कर सोते हैं.. वैसे भी छत पर कोई है भी नहीं।

तब मैं और प्रिया चुपचाप बाहर आ कर वहीं पर एक दरी पर लेट गए।
फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने लेटी थी। मैंने उसके होंठ से होंठ मिला दिए और उन्हें किस करता रहा।
प्रिया धीरे-धीरे मेरे लोवर को उतार रही थी.. फिर मैं भी थोड़ी देर में ही नंगा हो गया।

अब मैं उसके मम्मों से होता हुआ उसकी गुलाबी चूत पर आ गया.. जैसे ही मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रखी.. वो मचल उठी और ‘उउउ.. उउउ.. उउउह.. आहह..’ की आवाज़ करने लगी।
बहुत देर तक उसकी चूत का स्वाद लेने के बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया। तब मैंने भी उसका पानी पीकर अपने लण्ड का पानी उसको पिला दिया।

कुछ देर हम दोनों एक-दूसरे के बदन से खेलते रहे। फिर उसने मेरे लण्ड को चूस-चूस कर दुबारा से तैयार किया। प्रिया ने बताया कि अभी तक वह किसी से चुदी नहीं थी.. तो उसकी चूत की सील अभी टूटी नहीं थी।
यह जान कर मैं बहुत खुश हुआ कि अपने जीवन की पहली चुदाई में मुझे सील पैक चूत मिली है।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

मैंने देर ना करते हुए अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और एक धक्का मारा लेकिन शायद प्रिया अभी तैयार नहीं थी.. तभी जैसे ही मैंने धक्का मारा.. उसकी चीख निकल गई।
उसकी घुटी सी आवाज़ निकलते ही मैंने एक हाथ उसके मुँह पर रख दिया.. ताकि उसकी आवाज़ कोई सुन ना ले..
मैंने उसी पोजीशन में उससे कहा- अब आवाज़ मत करना.. और ठीक तो हो ना तुम?

तब उसने जल्दी से मेरा हाथ हटाते हुए कहा- ओह्ह.. जल्दी बाहर निकालो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी..
लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी.. वो रो-रो कर कह रही थी- प्लीज़ निकाल लो..
जब वो कुछ नॉर्मल हुई.. तो मैंने तभी एक और धक्का मारा.. जिससे वो लगभग बेहोश सी होने लगी..

अब तक मेरा लगभग आधे से थोड़ा ज़्यादा लण्ड उसकी चूत में जा चुका था लेकिन उसकी ये हालत देख कर मैं डर सा गया और उसी अवस्था में बहुत देर तक पड़ा रहा।
जब प्रिया कुछ नॉर्मल हुई.. तब वो खुद से ही अपनी गांड उठा-उठा कर साथ देने लगी।

तभी मैंने थोड़ी देर में ही अपना बाकी का लण्ड भी जड़ तक डाल दिया.. अब वो बड़े मज़े से चुदाई के मज़े ले रही थी ‘आ..आहह.. आहह.. आहह.. आहहा..’ की मादक आवाजें लगातार उसके मुँह से निकल रही थीं।

कुछ तक उसको धकापेल चोदने के बाद वो अकड़ने लगी और उसकी चूत ने पूरा पानी छोड़ दिया। लेकिन मैं अभी भी लगा हुआ था।
कुछ और देर चोदने के बाद मैंने उससे कहा- मेरा भी होने वाला है.. कहाँ निकाल दूँ?

तो वो बोली- मेरी चूत को पहली बार किसी लण्ड ने चोदा है.. तो मेरी चूत की प्यास बिना लण्ड के पानी से नहीं बुझेगी..
तो मैंने भी स्पीड तेज कर दी और उसकी चूत में ही पानी निकाल दिया। कुछ देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद हम कपड़े पहनने के लिए उठे.. तो देखा कि प्रिया की दोस्त दरवाज़े के पास से सब देख रही है।

फिर क्या हुआ.. आगे जानने के लिए बस थोड़ा सा इंतज़ार कीजिए..

आप सबको मेरी ये आपबीती कैसी लगी.. मुझे मेल ज़रूर कीजिए.. इंतज़ार रहेगा..
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