चूत एक पहेली -46
(Chut Ek Paheli-46)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left चूत एक पहेली -45
-
keyboard_arrow_right चूत एक पहेली -47
-
View all stories in series
अब तक आपने पढ़ा..
पुनीत- हाँ ठीक है.. साथ चलेंगे.. वैसे शाम को पायल को क्लब भी ले जाएंगे ताकि उसको खेल के लिए बता सकें.. क्यों क्या कहते हो तुम?
रॉनी- भाई मेरे हिसाब से तो ये खेल का आइडिया ही बेकार है। भले आप जीत जाओ.. मगर ज़रा सोचो.. पायल को पता तो लग ही जाएगा कि वहाँ क्या होने वाला है..
पुनीत- देखो रॉनी.. अच्छा तो मुझे भी नहीं लग रहा.. मगर तुम जानते हो मेरा एक डायलॉग फिक्स है कि पुनीत खन्ना ने ज़ुबान दे दी मतलब दे दी.. अब उसको बदलने का सवाल ही नहीं.. अब अगर में ना कहूँ.. तो टोनी मेरी इज़्ज़त का भाजी-पाला कर देगा.. समझा तू?
अब आगे..
रॉनी- अच्छा ठीक है.. मगर इसके ज़िम्मेदार आप ही होंगे.. प्लीज़ मुझे पायल को मनाने के लिए मत कहना।
पुनीत- अरे नहीं कहूँगा तुझे.. यह मेरा काम है.. उसको कैसे मनाना है। चल तू बता कहाँ गया था और सन्नी ने क्यों बुलाया था?
रॉनी ने उसको वहाँ की सब बात बताई..
पुनीत- अच्छा ये बात है.. वैसे पायल को मनाना.. अब मुश्किल नहीं लग रहा.. उसकी बातें कुछ बता रही हैं कि इतने साल चुप-चुप रहने वाली हमारी बहन अब खुलना चाहती है।
रॉनी- अरे अब वो बड़ी हो गई है.. अच्छा है ना.. थोड़ा घूमेगी-फ़िरेगी तो दिल लगा रहेगा उसका.. वैसे क्या आपने शाम के लिए उसको बता दिया?
पुनीत- अरे नहीं बताया.. भूल गया.. चल, मैं जाता हूँ.. नहीं तो वो सो जाएगी।
रॉनी- भाई.. बड़े पापा का फ़ोन आया था.. आपको याद दिला दूँ कि वो पेपर अंकल को देने हैं।
पुनीत- ओह्ह.. थैंक्स यार.. मैं तो भूल ही गया था.. ओके मैं पायल को शाम के लिए बता कर अभी निकलता हूँ.. तू भी साथ आ रहा है क्या?
रॉनी- नहीं भाई.. आप जाओ मुझे थोड़ा आराम करना है।
पुनीत जल्दी में वहाँ से निकल गया और अपने कमरे में गया.. तो देखा पायल चादर ओढ़े हुए लेटी हुई थी और उसकी निगाहें दरवाजे पर ही टिकी हुई थीं.. मगर बन्द थीं जैसे बहुत देर से किसी का वेट कर रही हो और थक कर सो गई हो।
पुनीत उसके पास गया और..
अरे यार यहाँ थोड़ा सा ट्विस्ट है.. खुद देख लो..
पुनीत- अरे तू सोई नहीं अब तक.. मैं समझा सो गई होगी।
पायल- क्या भाई.. आपने कहा था बस अभी आता हूँ और आपने कितनी देर लगा दी आने में?
पुनीत- अरे मुझे रॉनी से कोई जरूरी बात करनी थी यार.. वैसे तुम मेरा इन्तजार क्यों कर रही हो?
पायल- अरे क्या भाई.. इतनी हसीन लड़की आपका वेट कर रही है और आप उससे वजह पूछ रहे हो?
पुनीत- पायल तुम्हें क्या हो गया है? मैं तुम्हारा भाई हूँ.. ब्वॉय फ्रेण्ड नहीं.. जो ऐसी बातें कर रही हो..
पायल- अरे आपने ही तो कहा था.. आप मेरे ब्वॉय फ्रेण्ड हो..
पुनीत- अरे.. मैंने ऐसा कब कहा?
पायल- हा हा हा भाई आप भी ना देखो आपने ही कहा था कि हम फ्रेण्ड हैं.. सही है ना..
पुनीत- हाँ कहा था.. मगर फ्रेण्ड.. ओके..
पायल- आप गर्ल हो या ब्वॉय.. ये बताओ?
पुनीत- अरे ये कोई पूछने की बात है.. ब्वॉय हूँ यार..
पायल- गुड.. अब सुनो आप ब्वॉय हो और मेरे फ्रेण्ड भी.. तो हुए ना ब्वॉय फ्रेण्ड.. हा हा हा हा..
पुनीत- बड़ी मजाकिया हो गई हो तुम पायल.. वैसे यह चादर क्यों ओढ़ी हुई है तुमने?
पायल- बेड पर आकर आराम से बैठो तब बताऊँगी..
पुनीत बेड पर पायल के पास ठीक से बैठ गया और कहा- अब बोलो..
पायल ने पुनीत का हाथ पकड़ा और धीरे से चादर के अन्दर अपने सीने पर रख दिया।
पायल- देखो भाई मेरा जिस्म आग की तरह जल रहा है.. अब आप खुद समझदार हो.. इस हालत में मुझे ब्वॉय फ्रेण्ड क्यों चाहिए..
पुनीत का हाथ जब पायल के नर्म मम्मों से टच हुआ.. तो उसकी हालत बिगड़ गई लौड़ा बगावत पर आ गया।
पुनीत को थोड़ी देर बाद समझ आया कि उसका हाथ पायल के मम्मों को सीधे स्पर्श हो रहा है.. यानि पायल के मम्मे एकदम नंगे हैं.. बस यह अहसास होते ही उसने जल्दी से अपना हाथ बाहर खींच लिया और खड़ा हो गया।
पुनीत- यह क्या है पायल.. तुमने कपड़े नहीं पहने है क्या?
पायल- भाई मेरा जिस्म जल रहा है.. मुझे कपड़े काटने को दौड़ रहे थे.. मैंने निकाल दिए.. प्लीज़ कुछ करो ना.. अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है।
पुनीत- ओह्ह.. क्या करूँ यार.. रियली तुम पागल हो गई हो.. मैं तुम्हारा भाई हूँ.. ये सब गलत है..
पायल- मैं जानती हूँ भाई.. इसी लिए मैंने अब तक अपने आपको रोका हुआ है.. नहीं तो कब की ये चादर हटा कर आपसे लिपट जाती.. मगर पता नहीं क्यों मुझे आप बहुत अच्छे लग रहे हो.. बस दिल करता है मैं आपसे लिपट जाऊँ.. खूब प्यार करूँ आपको..
पुनीत- पायल प्लीज़.. स्टॉप दिस नॉनसेन्स.. हद होती है किसी बात की..
पायल- भाई अगर आप इसको गलत समझते हो.. तो क्यों आपका ‘ये’ ऐसे बिहेव करता है.. क्यों आप मेरे जिस्म को देख कर मज़े लेते हो..?
पायल ने पुनीत की पैन्ट की और इशारा करते हुए ये बात कही थी.. जहाँ अभी भी तंबू बना हुआ था।
पुनीत- ओह्ह.. क्या कहना चाहती हो तुम.. मैं ऐसा कुछ नहीं सोचता..
पायल ने कुछ कहने की बजाय चादर अपने ऊपर से हटा दी। वो पूरी नंगी थी.. उसके जिस्म की झलक मिलते ही पुनीत के सोचने समझने की ताक़त फुर्र हो गई, वो बस पायल को निहारने लगा।
पायल खड़ी हुई और पुनीत के बिल्कुल करीब आकर उससे लिपट गई। उसने अपने सुलगते होंठ पुनीत के होंठों पर रख दिए। बस यही वो पल था जब शैतान ने अपना काम शुरू कर दिया, वो पुनीत के दिल और दिमाग़ पर हावी हो गया, उसने एक भाई को वासना के भंवर में ऐसा फँसा दिया कि अब वो भी उसको चूमने लगाम उसके जिस्म पर हाथ घुमाने लगा.. दोनों काफ़ी देर तक एक-दूसरे से लिपटे हुए खड़े रहे और किस करते रहे।
पुनीत का दिमाग़ अब बन्द हो चुका था और होगा भी क्यों नहीं.. ऐसी हसीन अप्सरा जो उसकी बाँहों में थी।
पुनीत ने पायल को बिस्तर पर धकेल दिया और उसकी मचलती जवानी को घूरने लगा। उसकी फड़कती चूत को देखकर उसके लौड़े में एक्सट्रा तनाव आ गया था.. वो बेकाबू हो गया और पायल पर टूट पड़ा, उसके मम्मों को दबाने लगा.. निप्पलों को चूसने लगा।
पायल- आह्ह.. भाई.. आह्ह.. नहीं उफ्फ.. ये सब आह्ह.. बाद में करना.. आह्ह.. पहले मेरी चूत की आ..आग मिटाओ.. आह्ह.. मसल दो मेरी चूत को.. आह्ह.. उहह..
पायल की तड़प देख कर पुनीत ने फ़ौरन अपने होंठ उसकी चूत पर लगा दिए और उसकी गुलाब की पंखुड़ी जैसे चूत के होंठों को चूसने लगा, अपनी जीभ की नोक से वो चूत को चाटने लगा।
पायल- आह्ह.. सस्सस्स भाई.. आह्ह.. नहीं.. यू उफ़फ्फ़ मज़ा आ गया आह्ह.. ज़ोर से करो आह्ह.. मेरी चूत में तूफान मचा हुआ है.. आह्ह.. सस्स मैं गई आह्ह.. उहह..
पायल पहले से ही बहुत गर्म थी। पुनीत के गर्म होंठों का स्पर्श उससे सहन नहीं हुआ.. वो मस्ती में आ गई, उसकी चूत बहने लगी। आज एक कुँवारी कली की चूत पर पहली बार किसी के गर्म होंठ लगे थे, वो मस्ती में कमर हिला-हिला कर झड़ रही थी, उसकी आँखें मज़े में बन्द हो गई थीं.. जब पुनीत ने उसकी चूत को अच्छे से चाट-चाट कर साफ कर दिया.. तो वो उठ गया और पायल के मासूम चेहरे को निहारने लगा, उसके गालों पर हाथ घूमने लगा।
पुनीत- पायल.. ओ मेरी प्यारी गुड़िया.. सो गई क्या.. उठो ना..
पायल जैसे गहरी नींद से जागी हो.. उसने मुस्कुराते हुए आँखें खोलीं और पुनीत के हाथ को चूमने लगी।
पायल- ओह्ह.. थैंक्स भाई सच्ची.. आपने दुनिया का सबसे बेस्ट मज़ा मुझे आज दिया है.. थैंक्स थैंक्स भाई थैंक्स..
पुनीत को एक झटका सा लगा कि उसने ऐसा क्या मज़ा दे दिया है पायल को.. जो वो ऐसे बिहेव कर रही है।
पुनीत- ओ हैलो.. मेरी प्यारी बहना.. किस बात के लिए थैंक्स.. मैंने क्या किया है.. लगता है तुमने कोई सपना देखा है.. जिसमें मैंने तुमको कोई गिफ्ट दिया है.. हा हा हा हा.. उठो.. मुझे तुमसे कोई बात करनी है।
पायल को जब ये अहसास हुआ कि यह असल में एक सपना ही था.. मगर ऐसा सपना जो हक़ीक़त से भी ज़्यादा मज़ा देने वाला था। उसने अपनी चूत को छूकर देखा तो वो बहुत गीली थी। इसका साफ-साफ मतलब यही था कि उसका पानी सच में निकल गया था.. लोगों का नाइट फ़ाल होता है.. उसका चूत का फाल हो गया था और हाँ वो कोई नंगी नहीं थी, उसने अपने कपड़े पहने हुए थे।
चूत के रस से उसकी पैन्टी के साथ उसका बरमूडा भी गीला हो गया था। अगर चादर हटा दो तो देखने वाला फ़ौरन समझ जाए कि उसका अभी-अभी रिसाव हुआ है।
दोस्तो, उम्मीद है कि आपको कहानी पसंद आ रही होगी.. तो आप तो बस जल्दी से मुझे अपनी प्यारी-प्यारी ईमेल लिखो और मुझे बताओ कि आपको मेरी कहानी कैसी लग रही है।
कहानी जारी है।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments