कुत्ते वाली भाभी की कामुकता शांत की
(Kutte Wali Bhabhi Ki Kamukta Shant Ki )
दोस्तो, मेरा नाम अर्जुन है. मैं अपने देश की राजधानी दिल्ली का रहने वाला हूँ और इंजीनियरिंग कर रहा हूँ. मैं दिखने में आम लड़कों की तरह ही लगता हूँ, मेरी हाईट 5 फुट 8 इंच है, रंग साफ़, शरीर गठीला है. मुझे शुरूआत से ही आंटियों और भाभियों में इंटरेस्ट रहा है.
मैं अन्तर्वासना की सेक्सी स्टोरीज का बहुत बड़ा फैन हूँ, मेरी ये चुदाई की कहानी एक जवान भाभी शीतल (बदला हुआ नाम) के बारे में है और उसी ने मुझे यह कहानी अन्तावासना में लिखने के लिए कहा है.
तो ये बात गर्मियों की है, जब मेरे कॉलेज की छुट्टियाँ हो गई थीं, मैं हर रोज़ सुबह 6 बजे घर के पास वाले पार्क में घूमने के लिए जाता था. साथ में मैं अपने लेब्रा कुत्ते को भी ले जाने लगा, उसका नाम मैंने मैक्स रखा हुआ है.
ऐसे ही घूमते घूमते एक दिन मेरी नज़र एक मस्त औरत पर पड़ी. मैं उस की खूबसूरती की क्या बात करूँ.. उसका शरीर एकदम भरा हुआ, मस्त मोटे मोटे नितंब, पूरी 36 30 38 की फिगर होगी. कद भी अच्छा लगभग 5 फीट 4 इंच का तो होगा ही… वो भी अपने कुत्ते को ले कर घूमने आती थी.
कुछ दिन यूं ही बीत गए, मैंने सोचा कि “यार इस के लिए कुछ ना कुछ तो करना पड़ेगा… कोशिश तो करनी चाहिए क्या पता बात बन जाए!”
मैंने एक दिन उस लेडी को यूं ही स्माइल पास कर दी, तो बदले में उसने भी मुझे स्माइल पास कर दी, मेरे तो मन में लड्डू फूटने लगे.
फिर तो रोज़ ही हम दोनों के बीच स्माइल पास होने लगी, लेकिन मैंने बात करना शुरू नहीं किया… क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि उसे लगे कि लड़का चिपकू लग रहा है और मेरी इमेज गिरे.
कुछ दिन यूं ही बीत गए. फिर एक दिन जब मैं घूम रहा था तो वो अचानक से पीछे से आई और उसने मुझे आवाज़ दी. लेकिन मैंने कानों में ईयर फ़ोन लगा रखे थे तो मुझे उसकी आवाज सुनाई नहीं दी.
उसने मेरे कंधे पर हाथ मार कर मुझे बुलाया और बात करनी शुरू कर दी.
वो- हैलो..
मैं- हाय..
वो- मेरा नाम शीतल है, एक्चुयली मुझे आपसे कुछ काम था?
मैं- हाँ जी, बोलिए… मैं अर्जुन हूँ, मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूँ?
वो- वो क्या है… मुझे अपनी कुतिया की क्रासिंग करवानी है और मुझे यहाँ की किसी ‘पैट शॉप’ का पता नहीं है जो मेरी हेल्प कर दे, क्या आप मेरी मदद करोगे? आपको तो पता होगा, आपके पास भी डोग्गी है!
मैं- जी जरूर, जरूर मदद करूंगा. मुझे एक पेट शॉप का पता है, मैं वहां से पता कर के आपको बताऊँगा कि उनके पास कोई अच्छी नस्ल का मेल डॉग है या नहीं!
वो- तो ठीक है, आप मुझे अपना फोन नंबर दे दीजिए.
फिर मैंने शीतल भाभी को अपना फ़ोन नंबर दिया और उसे बाय करके घर आ गया.
उसी दिन रात को साढ़े नौ बजे के करीब मेरे फ़ोन पर कॉल आई तो मैंने फोन उठाया, उधर से एक लड़की बोली- हैलो..
मैंने पूछा- हू इज दिस??
तब उसने बोल- दिस साइड.. शीतल.
मैंने पूछा- जी, कौन शीतल? मैंने पहचाना नहीं!
फिर उसने बताया कि वो ही जिसने पार्क में आपका नंबर लिया था.
बस फिर बातें शुरू हुईं.
उसने पूछा- कुछ जुगाड़ हुआ??
मैंने बताया- ओह सॉरी, मैं तो भूल ही गया था इस बात को! मैं कल जरूर आप को पटा कर के बताऊँगा.
बस फिर यूं ही थोड़ी देर बात हुईं.. फिर मैं सो गया.
अगले दिन मैं पास की पैट शॉप पर गया तो उसने बताया कि अभी उनके पास कोई ऐसा मेटिंग करवाने लायक कुत्ता नहीं है, जब होगा तब बता देगा.
मैंने शीतल को फ़ोन किया और उसे सब बताया.
उसने पूछा- क्या आप मेरे घर आ सकते हो? मुझे अपनी जूली को डॉक्टर के पास ले जाना है.
उसने मुझे अपना घर बताया जो लाजपत नगर में था, मेरे घर से 2 मिनट की दूरी पर था. वो इलाका मेरा देखा हुआ था तो मैं तैयार हुआ और 15 मिनट में शीतल के घर पहुँच गया.
मैंने जा कर डोर बेल बजाई तो शीतल ने दरवाजा खोला. क्या बताऊं दोस्तों, घुटनों तक के काले वन पीस में शीतल क्या गजब कयामत लग रही थी. उस ने मुझे अन्दर आने को कहा. मैं अन्दर गया तो उस ने मुझे काउच (सोफे) पर बैठने के लिए कहा और मेरे लिए किचन से जूस ले आई.
फिर उसने बातें करनी शुरू कर दीं. उसकी ड्रेस इतनी छोटी थी और ऊपर से उसके बड़े-बड़े चूचे… मैं तो बस उन्हें ही निहारता रहा. उसने चुटकी बजा कर मेरा ध्यान तोड़ा.
फिर उसने मुझ से पूछा- फैमिली में कौन कौन हैं?
तब मैंने उसे बताया- मेरे मम्मी पापा और मैं ही हूँ बस!
फिर मैंने उस से पूछा- यहाँ कौन कौन रहता है?
तो उसने बताया कि उस का पति जो कि एक मल्टी नेशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर हैं.. और वो ज्यादातर बाहर ही रहते हैं.. उन का अभी तक कोई बच्चा भी नहीं है.
फिर बातें करते करते कब शाम हो गई पता ही नहीं चला. मैं वहाँ से वापिस आ गया.
दो दिन बाद उस का फिर फ़ोन आया कि अपने मैक्स को लेकर मेरे घर आना. मैंने कुछ सोचा कि सन्डे का दिन था कोई काम भी नहीं था.. तो मैं शाम को तैयार होकर शीतल के घर पहुँच गया.
मैंने घण्टी बजाई तो उसने दरवाजा खोला और बाहर आई, आज शीतल काली स्कर्ट में थी और क्या मस्त माल लग रही थी.
मैं अन्दर आया, उसने मुझे सोफे पर बिठाया और वो किचन में कुछ काम करने लगी, शायद मेरे लिए कुछ चाय नाश्ता…
फिर कुछ मिनट बाद ही हमें किसी के हांफने और सिसकारियों की आवाज़ आई, हम दोनों दूसरे कमरे में गए तो देखा कि मैक्स और जूली ने तो कार्यक्रम शुरू भी कर दिया था.
शीतल उन्हें ध्यान से देखने लगी, उसकी नज़रों से लग रहा था कि वो बहुत प्यासी है.
मैंने उसे आवाज़ देते हुए पूछा कि ओ हैलो मैडम.. कहाँ खो गई आप..? क्या सोच रही हो?
उसने ‘कुछ नहीं…’ बोल कर बात टाल दी.
मैंने भी कहा- यहाँ से चलो और इन्हें एन्जॉय करने दो.
फिर हम दोनों उसके बेडरूम में बैठ गए.
शीतल अभी भी कुछ सोच रही थी.
अचानक शीतल ने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
तो मैंने मना कर दिया.
उसने पूछा- क्या कभी सेक्स किया है? किसी का मजा चखा है?
तो मैंने बोला- हाँ किया तो है.
वो कुछ सोचने लगी, मैंने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और पूछा- क्या हुआ? कोई प्रॉब्लम है क्या?
उसने मुँह ऊपर किया और आँखों मैं आंसू लिए बोलने लगी- मैं प्यासी हूँ, मेरा पति ज्यादातर बाहर रहता है और जब आता है, तब भी कुछ नहीं करता.
बस ये बोलते ही वो मेरे गले लग गई और बोली- अगर तुम मेरी प्यास बुझा दो तो…
मुझे क्या था.. जैसे अंधे को बटेर लग गई हो… मैंने उसके हाथों को दबाया और बोला- बस पगली, इतनी सी बात!
ये बोलते ही मैंने उसके होठों पर होंठ लगा दिए और वो भी मेरा साथ देने लगी और स्मूच करने लगी.
मैंने उसके गले पर किस किया, फिर उसका टॉप उतार दिया. उसने काली ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें उसके सफ़ेद चूचे जो कि 36 इंच के थे, वो बाहर आने को बेताब लग रहे थे. मैंने शीतल की ब्रा खोली और उसके मम्मों को दबाने लगा और निप्पल चूसने लगा. एक चूचे को चूसता तो दूसरे को हाथ से दबाता रहता.
फिर मैंने उसकी स्कर्ट भी उतार दी और उसकी काली पेंटी को अपने दांतों से पकड़ कर उतार दिया.
आह.. क्या नज़ारा था, एक दम साफ़ मैदान, क्या चिकनी चमेली चुत लग रही थी.. वो बिना कपड़ों के एक जबरदस्त चुदाऊ माल लग रही थी.
उसने तुरंत चुत खोल कर बोला- प्लीज चूसो इसे.. मैं ये मज़ा लेना चाहती हूँ.
फिर क्या था.. मैं तो पहले सामने वाली को ख़ुश करता हूँ. मैंने अपनी जीभ उसकी फुद्दी में लगा दी और मजे ले कर चूसने लगा. शीतल के मुँह से तो सिसकारियां निकलने लगीं. वो कहने लगी कि और ज़ोर से लिक करो.. यस डू इट मैन.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… फास्ट आई लव दिस.. आह..
वो कामुक आवाजें निकालने लगी.
मैंने अपनी शर्ट उतारी और उसने मेरी जीन्स उतारते ही मेरे लंड को मेरे प्लेबॉय को कच्छे के ऊपर से चूमने लगी. फिर झटके से कच्छा नीचे खींच कर उतार दिया. अगले ही पल उसने मेरे साढ़े छह इंच लम्बे और ढाई इंच मोटे लंड को अपने मुँह में ले लिया और भर भर के चूसने लगी.
आह.. क्या चूस रही थी वो.. मैं तो एक अलग ही दुनिया में था.
हम दोनों 69 में हो गए.
दस मिनट बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गई और मैं भी उसके मुँह में धक्के लगाता हुआ झड़ गया और उसके मुँह को पूरा भर दिया. वो सारा माल पी गई. फिर हम वहीं साइड में लेट गए.
दस मिनट बाद मैंने उसे फिर चूमना शुरू कर दिया, वो तुरंत ही मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को चूस कर फिर से खड़ा कर दिया और चुदासी आवाज़ में कहने लगी- बेबी प्लीज़ फ़क मी…
मैंने उसे नीचे लिटाया, उसके होंठों को चूसा, कान को चूमता रहा क्योंकि मैं जानता हूँ कि औरतों को इसमें मजा बहुत आता है. फिर मैंने उसके चूचों को चूसा, फिर उसके पेट को चूमता हुआ, उसकी नाभि को चाटने लगा.
अब अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा, वो पागलों को तरह चादर को नोंचने लगी और बोलने लगी कि जल्दी से लंड डाल दो और मेरी चुत की प्यास बुझा दो.
मैंने देर न करते हुए एक ज़ोरदार धक्का मारा, उसकी चुत बहुत कसी हुई थी. मैंने 4″ लंड अन्दर ही घुसा दिया.. वो दर्द से काँप उठी. मैं दो मिनट रूका और फिर एक धक्का मारा तो पूरा लंड ही अन्दर घुस गया.
शीतल की आँखों से तो आंसू निकलने लगे. फिर मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये और फिर वो भी मेरा साथ देने लगी. उसकी कामुक सिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था. वो बार बार बोल रही थी- प्लीज़ फ़क मी बेबी.. फ़क मी हार्ड..
करीब 15 मिनट तक हमारी चुदाई चलती रही, इस बीच वो एक बार झड़ चुकी थी, पूरा कमरा फच-फच की आवाज़ से गूंज रहा था और अब मेरा भी काम तमाम होने वाला था.
तब मैंने उसे बताया कि मैं स्खलित होने वाला हूँ तो उसने बोला- मेरे अन्दर ही गिरा दो, आई वांट टू फील ईट..
मैंने 15-20 धक्कों के बाद उसके अन्दर ही लंड झाड़ दिया.
फिर हम वैसे ही लेटे रहे, मैंने अपने घर पर फ़ोन करके बोल दिया कि मैं दोस्त के घर हूँ और सुबह आऊंगा.
इसके बाद हमने फ़ोन करके रेस्टोरेंट से खाना मंगवाया और उस रात मैंने शीतल को 5 बार और उसकी डिमांड के पोज में चोदा. इसके बाद मैंने और कैसे कैसे उसे चोदा ये फिर कभी लिखूंगा.
मेरी यह चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताना.
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