खलेरी भाभी की चुदाई
(Khaleri Bhabhi Ki Chudai)
हाय दोस्तो, मैं समीर यू.पी.(उत्तर प्रदेश) में बरेली शहर में रहता हूँ, उम्र 24 साल है, लम्बाई 5 फुट 11 इंच है, देखने में स्मार्ट और सुंदर हूँ. मेरा लण्ड 9 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है.
मैं अन्तर्वासना का एक साल से पाठक हूँ और अब सारी कहानियाँ पढ़ता हूँ और सोचा कि मैं भी अपनी कहानी आप सब लोगों से शेयर करूँ.
यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है.
अब आते हैं कहानी की तरफ. यह बात 5 साल पहले की है, जब मैं 19 साल का था.
कहानी शुरू होती है मेरी खलेरी भाभी से, पहले मैं अपनी भाभी के बारे में बता दूँ, वो बहुत सेक्सी हैं उनका रंग ऐसा है, जैसे किसी ने दूध में थोड़ा सा शरबते आज़म मिला दिया हो. उनकी फिगर 36-32-34 है. भाभी बहुत सुन्दर हैं, मस्त माल हैं. ! क्या कहूँ मस्त मोटे-मोटे चूचे, बड़ी गाण्ड जो बाहर को निकली हुई है, जो देखे उसका लण्ड खड़ा हो जाए.
मेरी भाभी मुझ से बहुत मजाक करती थीं, वो पहले से ही चालू थीं, लेकिन मैंने उनको कभी गलत निगाह से नहीं देखा था.
भाभी और भाई अपने घर से अलग दूसरे मोहल्ले में घर किराए पर लेकर रहते हैं. फिर एक दिन ऐसी बात हुई कि सारी हदें पार हो गईं. मुझे बाद में पता चला कि भाभी की मेरे लण्ड पर बहुत दिनों से नज़र थी.
मैं एक दिन अपनी भाभी के घर पर आया हुआ था, भाई काम के सिलसिले में रामपुर गए थे और भाभी घर में अकेली थीं.
मैं बाजार से चिकिन लाया और हम दोनों ने मिल कर बनाया और खाना खाकर मैं लेटने के लिए भाभी के बेडरूम में आ गया. मैंने अपने कपड़े उतारे और भाई का पजामा पहन कर सोने के लिये बैड पर लेट गया और भाभी बर्तन धोने लगीं.
थोड़ी देर के बाद मैं कच्ची नींद में था, तो मुझे ऐसा लगा कि मेरे पैर पर कुछ चल रहा है. जब ध्यान दिया तो वो मेरी भाभी का पैर था, जो अपने पैर से मेरा पैर रगड़ रही थी, मैं ऐसे ही लेटा रहा और कुछ बोला नहीं.
थोड़ी देर के बाद उन्होंने अपने बाल मेरे चेहरे पर डाले और मेरे होंठों को चूमने लगीं. मैंने आँखें खोलीं, तो भाभी हट गईं और लेट गईं.
मैंने कहा- भाभी क्या कर रही हो !
तो उन्होंने कहा- कुछ नहीं !
और मैं फिर से लेट गया और अपनी आँखें बंद कर लीं. थोड़ी देर के बाद वो फिर से मुझे चूमने लगीं और मैं आँखें बंद करके लेटा रहा. उनकी गरम-गरम सांसें मेरे चेहरे से टकराने लगीं और मेरा लण्ड खड़ा होने लगा और मुझे जोश चढ़ने लगा.
मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ और मेरे पूरे जिस्म में एक तरह की आग लगने लगी.
अब मैं भी पूरे जोश में था. मैंने भी भाभी को अपनी बांहों में भर लिया और उन्हें किस करने लगा. हम दोनों की सांसें बहुत तेज़ हो गईं.
फिर भाभी ने मेरी इनर उतार दी और पजामे को भी निकाल दिया, अब मैं सिर्फ नेकर में था और नेकर का अगला हिस्सा उठ चुका था.
मैंने कहा- भाभी, यह गलत बात है, आपने मेरे कपड़े उतार दिए और आप आपने अभी तक पहने हुए हो !
भाभी बोलीं- मैंने तेरे उतारे हैं, अब तुम भी मेरे उतार दो !
तो मैंने भाभी के कपड़े उतार दिए, अब भाभी मेरे सामने काली ब्रा और पेंटी में थीं, वो बहुत खूबसूरत लग रही थीं.
उनका गोरा बदन बिल्कुल दूध जैसा लग रहा था, फिर मैंने भाभी की गर्दन और पेट को बहुत चूमा.
भाभी बहुत ही गर्म हो चुकी थीं, उनकी सांसें बहुत गरम और तेज़ निकल रही थीं और मैं भी पूरे जोश में आ चुका था.
मेरा लण्ड बाहर आने को बेचैन था और लग रहा था कि नेकर को फाड़ कर बाहर आ जाएगा.
फिर मैंने भाभी की ब्रा खोल दी और भाभी के कबूतरों को आजाद कर दिया. भाभी बहुत मस्त और सेक्सी लग रही थीं और फिर मैं एक छोटा बच्चा बन गया, उनके दूध को चूसने लगा.
क्या रस निकल रहा था उनसे !
मैं एक को चूसता और दूसरे को दबाता, फिर दूसरा चूसता और पहले को दबाता और भाभी मदहोश होती जा रही थी.
फिर भाभी ने मेरा नेकर निकाल दिया. ऐसा लगा कि जैसे कोई सांप फुंफकार मारता हुआ खड़ा हो गया हो और भाभी मेरे लण्ड को हाथ में लेकर सहलाने लगीं. मैं और जोर से दूध दबाने लगा, भाभी और मेरा जोश लगातार बढ़ता जा रहा था.
मैंने भाभी की पेंटी भी उतार दी. भाभी की चूत एकदम गुलाबी और क्लीन शेव थी. मैंने उनकी तरफ देखा तो भाभी बोलीं- कल ही बनाई थी !
भाभी की चूत में से रस निकल रहा था और भाभी जोश में अपनी टाँगें एक-दूसरे से चिपका रही थीं. मैंने टाँगें अलग की और चूत पर हाथ रख दिया. ऐसा लगा कि मेरा हाथ किसी भट्ठी पर रखा हो और जैसे ही मैंने भाभी के दाने को छुआ तो भाभी की सिसकारी निकल गई- ओह्ह…उईइ. !’
मैं अब भाभी की चूत सहलाने लगा, अब भाभी के मुँह से बहुत सेक्सी आवाज़ निकल रही थी.
फिर मैंने भाभी की चूत के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और भाभी मानो पागल हो गईं, बोलीं- समीर ऐसा मत करो… मैं मर जाऊँगी !
लेकिन मैं नहीं माना और भाभी की चूत को चूमता ही रहा और भाभी अपने हाथ से मेरा सर अपनी चूत में और अन्दर को दबाने लगीं. मैंने अपनी जुबान भाभी की चूत में अन्दर कर दी.
भाभी बोलीं- समीईईएर आह…ओह्ह… अब और मत तड़पाओ!
और भाभी मुझे ऊपर की तरफ खींचने लगीं.
मैंने कहा- भाभी, बस थोड़ी देर ऐसे ही लेटे रहो.
मैं भाभी की चूत चाटता रहा और थोड़ी देर में भाभी का जिस्म ऐंठने लगा और भाभी की चूत से मदन-रस निकलने लगा, जो मैं सब पी गया, बहुत ही अच्छा स्वाद था ! फिर भाभी मेरे लण्ड को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगीं.
मैंने कहा- भाभी इसे प्यास लगी है, इसे किस करो न !
और फिर भाभी ने मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया. मुझे ऐसा मजा आज से पहले कभी नहीं आया, जो उस वक़्त आया था. मैंने सोचा कि जिंदगी का असली मजा तो सेक्स करने और चुदाई करने में ही है और भाभी मेरा लण्ड अपने मुँह में लेकर आगे-पीछे करने लगीं. मेरा जोश बढ़ता ही गया. फिर मैंने भाभी के सिर को पकड़ा और मुँह में ही धक्के लगाने लगा. भाभी के मुँह से ‘उम्म्म्हह्ह उम्म्म्हह्ह’ की आवाज़ आने लगी और थोड़ी देर के बाद मेरे लण्ड से गरम-गरम लावे की तरह पानी निकलने लगा, जिसे भाभी बड़े शौक से पी गई और अपनी जुबान से सारा लण्ड साफ़ कर दिया.
थोड़ी देर तक हम ऐसे ही बैठे रहे और एक-दूसरे को चूमते रहे.
अब हम फिर से गर्म हो गए और लण्ड एक बार फिर से तैयार हो गया. मैंने भाभी को लिटाया और उनकी टाँगें फैला कर उनकी टांगों के बीच में बैठ गया और अपना लण्ड भाभी की चूत पर रगड़ने लगा.
भाभी तड़पने लगीं बोलीं- प्लीज़ अब मत तडपाओ… अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है… जल्दी करो.. बहुत जलन हो रही है !
मैंने कहा- क्या करूँ. !
तो भाभी बोलीं- ज्यादा तड़पाओ.. मत और अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो !
फिर मैंने भी देर ना करते हुए लण्ड को चूत के छेद पर रखा और भाभी के दूध को अपने मुँह में ले कर एक जोर का धक्का लगाया, तो भाभी की एक हल्की सी चीख निकल गई.
वो बोलीं- आराम से करो… बहुत दर्द हो रहा है !
मैंने कहा- भाभी… क्या भाई नहीं करते हैं, जो दर्द हो रहा है !
भाभी बोलीं- उनका लण्ड इतना मोटा नहीं है, पतला सा है और तुम्हारे भाई ज्यादा देर रुकते भी नहीं है !
फिर मैंने एक और धक्का लगाया तो आधा लण्ड अन्दर चला गया. भाभी की चूत बहुत कसी हुई थी, उनकी आँखों में आंसू आ गए. मैंने और देर नहीं लगाई और आखिरी धक्का लगाया, तो पूरा लण्ड अन्दर चला गया.
भाभी की चीख निकल गई, मैं ऐसे ही भाभी की गर्दन और होंठों को किस करने लगा और दूध को दबाने लगा.
थोड़ी देर में भाभी को मजा आने लगा और अब मैं भी भाभी की चूत में हल्के-हल्के धक्के लगाने चालू करे और अब भाभी को भी मजा आने लगा. भाभी भी अपने चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगीं और बोलीं- और जोर से करो… और जोर से करो… बहुत मजा आ रहा है.. आज मेरी चूत फाड़ दो… मेरी आग ठंडी कर दो !
और मैं अब पूरी ताक़त से धक्के लगाने लगा. पूरे कमरे में हमारी सांसों और सेक्सी आवाज़ गूंज रही थी और चूत से ‘फच-फच’ की आवाज़ आ रही थी.
पाँच मिनट के बाद भाभी मेरे ऊपर आ गईं और मैं नीचे हो गया. अब भाभी अपनी गांड को उठा-उठा कर चुदने लगी और भाभी के मुँह से बहुत सेक्सी आवाज़ निकल रही थीं, आआआआआ… ईईईए… हम्हम..ह्ह्ह. !’
और लगभग दस मिनट के बाद भाभी झड़ने वाली थीं, तो वो फिर से नीचे आ गईं और मैं ऊपर आ गया.
भाभी बोलीं- जोर से करो और तेज़ धक्के मारो… मैं झड़ने वाली हूँ !
मैं और जोर से धक्के मारने लगा और फिर भाभी का जिस्म अकड़ने लगा. भाभी की चूत से पानी निकलने लगा और भाभी ढीली पढ़ती गईं. फिर मेरा भी निकलने वाला था, मैंने भाभी से पूछा- मेरा भी निकलने वाला है !
तो भाभी बोलीं- अन्दर ही झड़ना !
मैंने कहा- कुछ हो गया तो !
भाभी बोलीं- कोई बात नहीं.. मैं फिर से माँ बन जाऊँगी!
और फिर मैं भी झड़ गया. मुझे ऐसा लगा कि मेरा लण्ड से कोई गरम-गरम सैलाब बाहर आ रहा हो. भाभी की चूत पूरी भर गई और मैं भाभी के ऊपर ही लेट गया. उस दिन हमने तीन बार चुदाई की.
फिर शाम को जब मैं घर आने लगा, तो भाई का फ़ोन आ गया कि वो आज नहीं आएंगे और मैं रात को भाभी के पास रुक जाऊँ. मेरी तो दिल की मुराद पूरी हो गई.
फिर हमने पूरी रात में कई तरीके से चुदाई की और मैंने भाभी की गांड भी मारी.
यह सब बाद की कहानी में आपको जरूर लिखूँगा, जब आप मुझे अपनी राय देंगे.
आपको मेरी कहानी कैसी लगी?
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