दोस्त की पत्नी की चुदाई

(Desi Kahani: Dost Ki Patni Ki Chudai)

पॉप सी 2003-12-12 Comments

हैलो दोस्तो, नमस्कार!
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मुझे इसकी कई कहानियाँ अच्छी लगीं, कई तो बहुत ही अच्छी लगीं.

मुझे पहले तो यह लगा कि लोग झूठी कहानियाँ लिख कर दे देते हैं पर जब से एक ऐसा ही हादसा मेरे साथ हुआ है तब से मैं मान गया कि कोई ऐसे ही लिख कर उसे क्या मिलता होगा. पर नहीं, मुझे आज ये सारी कहानियाँ सही लगती हैं.

यह मेरी पहली कहानी है जो मैं आप सबको सुनाने जा रहा हूँ और मेरा पहला अनुभव भी है.

मेरा नाम आर्या है, मैं 22 साल का हूँ. मुझे कभी सेक्स में रूचि ना थी लेकिन मेरे एक दोस्त ने जबसे मुझे ब्लू-फिल्म दिखाई है तब से मेरी कोशिश रहती थी कि कोई ऐसा मिले जिसके साथ मैं सेक्स कर सकूँ लेकिन कुछ नहीं उखाड़ पाया.

उन्हीं दिनों मेरा दोस्त जो मेरे पड़ोस में ही रहता था, उसकी शादी पक्की हो गई और 15 दिनों में उसकी शादी हो गई.
मैं उसकी शादी में नहीं जा पाया था क्योंकि मैं मुंबई मेरे चाचा के यहाँ था.
जब मैं वापस आया तो वो शाम को मिला, मैंने कहा- कैसी रही शादी.. और सुहागरात.!
पहले वो कुछ नहीं बोला फिर उसने कहा- चल, तुम्हें मेरी पत्नी से मिलाता हूँ.

मैं और मेरा दोस्त उसके घर गए, वहाँ उसकी पत्नी अकेली थी.
मैं अन्दर गया, मैंने देखा उसकी बीवी बहुत सुन्दर और सेक्सी लग रही थी, उसकी फ़िगर तो ऐसी थी कि पूछो मत…
वो मेरी ही उमर की थी. उसका नाम दिव्या था मुझे तो वो औरत नहीं, लड़की ही लग रही थी.

मैंने मेरे दोस्त को कहा- यार, तेरी बीवी तो बहुत मस्त लग रही है.
मैंने भी दुआ की कि मुझे बीवी दो तो ऐसी फ़िगर और सुन्दर वाली ही देना.
मैंने उससे बात की तो उसकी आवाज़ भी सेक्सी थी.
वो भी बार-बार मुझसे ही देख रही थी.
मैं वहाँ से चला आया.

फिर एक दिन मैं जब अपनी बाइक को धो रहा था, तभी वो घर से कुछ कपड़े और बर्तन लेकर मेरे यहाँ धोने आ गई.
जब वो नीचे की तरफ़ झुकती थी तो तभी मैंने उसके प्यारे से मम्मों को देख लिया. मैं उसे कुछ कह नहीं पाया मुझे मजा आ रहा था. मैं अपनी बाइक को धोता रहा और वो मुझे देखती रही.
लेकिन उसने कुछ ऐसा किया कि उसके मम्मे मुझसे साफ़ नज़र आने लगे.
उसके मम्मे जब देखता था तो मेरे में 400 वोल्ट का झटका एक साथ दौड़ता था.

इस तरह कई दिन तक मैं कई बार उसके मम्मों को देख चुका था, पर वो कुछ कहती ही नहीं थी.

और एक दिन आया जब मेरी किस्मत खुली, वो घर पर आई और मुझसे बोली मेरे घर पर टीवी में कुछ दिख नहीं रहा है, आप चल कर ठीक कर दीजिए ना!
मैं जैसे ही टीवी वाले रूम में गया तो उसने दरवाजा बन्द कर दिया.
मुझे मालूम नहीं चला कि उसने दरवाजा बन्द किया है.
तब उसके घर पर कोई नहीं था.

मैं टीवी को देख रहा था, उसने मुझे पीछे से आकर बांहों में पकड़ लिया. मैं मन ही मन में खुश हो रहा था.
मैंने पूछा- यह क्या कर रही हो?
तो वो बोली- जो तुम्हें दिख रहा है.

उसने मुझे चुम्बन करना शुरू कर दिए मेरे होंठों को वो बुरी तरह से चूमने लगी.

मैं भी जोश में आ गया और उसको चुम्बन करने लगा. उसको अपनी बांहों में दबाने लगा. उसको मैंने खींच कर सोफ़े पे लेटा दिया और मैं उसके ऊपर छा गया और उसको चूमना शुरू कर दिया.

10 मिनट तक मैं उसको चूमता रहा, फिर मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया, उसके बाद मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी. जैसे ही मैंने ब्रा खोली तो उसके मम्मे उछल कर बाहर आ गए. मैं उसे देखकर उसके मम्मों को दबाने लगा, कितने दिनों के बाद इसके पूरे के पूरे मम्मे देखने को और दबाने को मिले.
फिर मैंने उसके चूचुकों को मुँह में ले लिया और चूसने लगा.
वो ‘आआह्ह… ह्हह्ह… हाआआ… आह्हह्ह… ह्हहाह्ह… ह्हह…’ कर रही थी, मैं उसे चूसता ही रहा.

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी साड़ी हटा कर उसको सिर्फ पेंटी में ला दिया.
उसकी चूत बहुत गरम हो गई थी तो उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी, मैं पेंटी को उतार कर उसकी चूत को फैला कर चाटने लगा.
वो सिसकारी भर रही थी- अहाआआ अस्सस्स शह्हह्हस..
उसने कहा- ऐसा तो तेरा दोस्त भी नहीं करता है.
उसे और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था क्योंकि मैंने चूत पहली बार देखी थी.

वो पूरी नंगी थी. पहली बार ऐसी नंगी लड़की को देख कर मेरा लण्ड जो सो रहा था वो कड़ा हो चुका था. उसने मुझे बैठा कर मुझसे नंगा कर दिया.
मेरा लण्ड देखते ही वो बोली- इतना लम्बा तो तेरे दोस्त का भी नहीं है. मुझे मजा आएगा तेरे लण्ड से चुदवाने में.
मेरा लण्ड उसके हाथों में आते ही झटके मारने लगा. वो बहुत कड़ा हो चुका था.

उसने कहा- तुम्हारा लण्ड तो बहुत मोटा और लम्बा है.
मैंने कहा- 9 इन्च का है.. मुँह में लेगी!
वो मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले कर चूसने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था. थोड़ी देर वो चूसती रही.

मैंने उसे सोफ़े पर लेटा दिया और फिर से उसकी चूत को चाटने लगा. वो सिसकारियाँ भर रही थी. फिर मैं उठा और उसके दोनों पैरों को फैला दिया. उसने अपने हाथों से चूत को और फैला दिया. मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रख दिया और उसकी चूत पर घिसने लगा.
वो बोली- अब डाल भी दे.. कितना तड़पाएगा.
मैंने कहा- तड़पने में ही मजा है मेरी जान!

और मैंने धक्का लगा कर उसकी फैली हुई चूत में लण्ड को 3 इन्च तक घुसा दिया.
वो चिल्लाई- ऊऊऊउ माँ ..इऊऊउ ऊईईई ई मा आआआअ घह्हह्ह ह्हस्स स्स गया अ आअ आआआ.’
मैंने धक्के मारना बन्द किया वो शान्त हो गई और मैंने उसको चुम्बन करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए.
वो ‘अह्हाआअ हह्ह ह्हहा उफ़्फ़फ़ फ़्फ़ू फ़्फ़ उफ़्फ़फ़’ कर रही थी.

तभी मैंने एक जोर से धक्का लगा कर मेरे लण्ड को मैंने 7 इन्च तक उसकी चूत में घुसा दिया. वो चिल्ला नहीं सकी क्यूँकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और मैं उसको जोर-जोर से चुम्बन करता रहा और धक्के लगाता रहा.

तभी वो बोली- फाड़ डाल मेरी चूत को.. यह ऐसा लण्ड ही मांगती है.
उसके यह कहने से मुझमें जोश आ गया. मैंने फिर से बेदर्दी से धक्का लगा कर मेरे पूरे 9 इन्च के लण्ड को उसकी चूत में घुसा दिया.
वो इस बार जोर से चिल्ला उठी- ‘आआ आआआ आआअह्ह ऊउई ईईई!
मैं समझ गया कि मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस चुका है.

वो बोली- मैं तुम्हारा लण्ड और नहीं सह पा रही हूँ इसे बाहर निकाल लो.
मैंने कहा- तुमने खुद मेरे लण्ड को न्यौता दिया है, तो उसकी भूख मिटाने के बाद ही मैं यह बाहर निकालूँगा.
वो कुछ नहीं बोली.. मैं उसे लगातार धक्के लगा रहा था.

ऐसा 15 से 20 मिनट तक मैं उसको उसी पोजीशन में चोदता रहा.
उसे भी मजा आ रहा था, वो आपने चूतड़ उछाल-उछाल कर मुझसे चुदवा रही थी.
मैंने उसे और जोर से चोदना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद वो झड़ गई और शान्त पड़ गई.

फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया, सोफ़े के सहारे वो खड़ी हो गई, मैंने उसके पीछे से उसकी चूत में लण्ड डाल दिया.
इस बार मेरा लण्ड एक ही धक्के में पूरा का पूरा उसकी चूत में चला गया. फिर उसे मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा. मुझे तो पसीना आ गया था.
मैं उसके मम्मे को दबाते जा रहा था. तकरीबन 25 मिनट तक ऐसे ही मैंने उसको चोदा. तब तक वो दो बार और झड़ चुकी थी, पर मेरा पानी तो अभी भी नहीं निकला था.

मैंने अपनी गति और बढ़ा दी और फुल स्पीड से चोदना शुरू कर दिया.
कुछ ही देर के बाद मैंने कहा- मेरा पानी निकलने वाला है, उसे कहा निकालूँ?
वो बोली- मेरी चूत में ही पानी छोड़!

मैंने उसकी चूत में पानी छोड़ दिया. फिर उसको मैं अपनी बाँहों में लेकर सोफ़े पे लेट गया. थोड़ी देर बाद वो उठी और चूत से मेरा लण्ड निकाल कर उसको चूसने लगी. बाद मैं वो मुझे बाथरूम में ले गई और मेरे लण्ड को साबुन से साफ़ किया.
उसने मुझे पूछा- मजा आया!
मैंने कहा- बहुत मजा आया..
तभी वो बोली- तुम्हारा लण्ड तो अभी भी खड़ा है.. क्यूँ!
मैंने कहा- अभी भी भूखा लगता है.
तो उसने कहा- तो फिर चलो शुरू हो जाओ.
मैं यह सुनकर तो खुशी के मारे उछल पड़ा.

बस दोस्तो, यह कहानी है मेरी… यकीन आए या ना आए पर है.
आपके विचारों का स्वागत है.
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