अब्बु और भाई-1

(Abbu Aur Bhai- Part 1)

आरज़ू 2004-01-14 Comments

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हेल्लो अन्तर्वासना के पाठकगण!
कैसे हैं आप सब! इस बार रमज़ान की वजह से मैं नेट पर रेगुलर नहीं आ पा रही हूं। खैर! अब वक्त मिला है तो आप सबकी खिदमत में एक नई कहानी अर्ज है और आप सबके बहुत सारे मेल मिले।
शुक्रिया मेरी कहानिया पसन्द करने का।

हां तो आज मैं आप सबको बता रही हूं कि अम्मी कहीं बाहर गई हुई थी और जैसा कि आप सबको पता ही है मेरे अब्बू और भैया मुझे कई बार चोद चुके हैं और दो चार बार तो साथ में भी चोदा है उन दोनों ने।

खैर करीब 15 दिन हो गये थे और मैंने उन दोनो से चुदाया नहीं था क्यूंकि मैं अपने बॉयफ़्रेंड से चुदवा कर बहुत थक जाती थी साला हरामी पता नहीं क्या खा कर चोदता था सारे कस बल ढीले कर देता था. पर वो किसी काम के सिलसिले में बाहर गया हुआ था और मेरी आदत लगभग रोज़ ही चुदाने की हो गई थी जब तक बुर में लण्ड ना डलवा लूं चैन ही नहीं आता था।

पर इधर करीब 15 दिन से मैंने नहीं चुदवाया था और उस दिन रात को मैं अपने रूम में एक ब्ल्यू फ़िल्म देख रही थी जिसमें एक लड़की को चार चार साले मुस्टण्डे चोद रहे थे और वो भी साले काले काले हबशी, जिनके मोटे मोटे लण्ड देख कर मेरी आंखें भी फ़ट गई और उस लड़की के तो कहने ही क्या साली इस तरह अपनी गाण्ड और बुर चारों से मरवा रही थी जैसे पता नहीं कबसे चुदवाती आ रही हो।

खैर जब मूवी देखने के बाद मुझपे भी मस्ती चढ़ी तब मैं अपने अब्बू के रूम की तरफ़ गई और धीरे से अन्दर चली गई अब्बू सो रहे थे। मैंने धीरे से उनकी लुंगी हटा दी और उनका मुरझाया हुआ लण्ड हाथ में लेकर सहलाने लगी।
अब्बू थोड़ा सा कुनमुनाये और करवट लेकर सीधे हो गये अब मैंने अपनी निकर उतारी और पूरी तरह से नंगी हो गई और अपने जलते हुए होंठ लेकर उनके लण्ड को इतनी जोर से काटा कि वो ‘आआह्ह हह्हह’ कर के उठ बैठे और मुझे देखते ही बोले- मेरी रानी बेटी को आज मेरी याद कैसे आ गई?

और मेरे बाल पकड़ कर फ़िर से मेरे मुँह में अपने लण्ड को धकेल दिया जिसे मैं मज़े से चूस रही थी.
तब अब्बू ने कहा- मेरी बेटी को आज मेरा ख्याल कैसे आ गया?
तो मैंने कहा- अब्बूजान, मैं आज अपने रूम में ब्ल्यू फ़िल्म देख रही थी, उसमें एक बहुत ही कम उमर की लड़की चार चार लोगों से एक साथ चुदवा रही थी।
तब अब्बू ने कहा- मां की लोडी साली फ़िरंगी (अमेरिकन) होगी। वहां के लोग ऐसे ही होते हैं।
तो मैंने कहा- अब्बू, मैं भी ऐसे ही चुदवाऊँगी।
तब अब्बू ने कहा- नहीं मेरी बच्ची, उस तरह तो यहां की अच्छी अच्छी चुदक्कड़ औरतें भी नहीं चुदा पाती, तो तू तो अभी बहुत कमसिन है.

मगर मैं ज़िद पे उतर आई और कहने लगी- नहीं अब्बू, आपको मुझे चार लोगों से एक साथ चुदवाना ही होगा। अपनी प्यारी बेटी के लिए चार लंड का इंतजाम करो!
तब अब्बू ने कहा- अच्छा … लेकिन अभी चार लोग कहां से लाऊं। अभी तो सिर्फ़ मैं ही हूं और ज्यादा चुदासी हो तो जा बगल के रूम में तेरा भैया साला हाथ की लगा रहा होगा उसको बुला ला!

और मैं नंगी ही भैया के कमरे की तरफ़ गई तो देखा कि भैया हकीकत में पूरी तरह से नंगा होकर अपने लण्ड को सहला रहा था। मैं दरवाज़े की आड़ से छुपकर देखने लगी और अब भैया जल्दी जल्दी हाथ चला रहा था और उसके मुँह से ‘ऊऊह ऊऊह्ह्ह आआअह्ह आआ आआह्ह …’ की आवाज़ निकल रही थी।

तभी मैं दौड़ कर भैया के पास पहुँची और जल्दी से उसके लण्ड को अपनी चूचियों पर पटकने लगी उसका लण्ड लम्बा होकर बस अपना रस उड़ेलने ही वाला था। जैसे ही मैंने उसके लण्ड को हाथ में लेकर अपनी चूची पे रगड़ा तो उसके लण्ड से ढेर सारा माल निकल पड़ा और मैं उसके गाढ़े रस को जल्दी जल्दी अपनी चूची पे रगड़ते हुए बोली- भाईजान अब्बू ठीक ही कह रहे थे; तुम तो सही में हाथ की लगा रहे हो। अरे मेरे प्यारे चोदू भैया जब तेरे पास इतनी खूबसूरत चूत है चोदने के लिये तो किसलिये हाथ की मार रहे हो?

तब भैया मेरी चूची को जोर से दबाते हुए बोला- अरे मेरी चुदक्कड़ बहन, हाथ की मारने में भी बहुत मज़ा आता है।
तो मैंने कहा- अच्छा, अब चलो, अब्बू अपने रूम में बुला रहे हैं और मैं उसके झड़े हुए लण्ड को हाथ से पकड़ कर खीचते हुए अब्बू के रूम में ले आई।
तब अब्बू ने कहा- क्या हुअ बेटी, बहुत देर लगा दी।
मैंने कहा- अब्बू, आपने सही कहा था भैया हाथ की लगा रहे थे, वो तो मैं सही वक्त पर पहुँच गई वरना तो इन्होने अपना कीमती माल बरबाद कर ही दिया होता!
तब अब्बू हंसते हुए बोले- बेटी तजुरबा भी कुछ होता है मैंने तो पहले ही कहा था ये साला हाथ की मार रहा होगा। अच्छा, अब जल्दी से बेड पर आओ और मज़ा करो!

फ़िर जैसे ही मैं बेड पर चढी अब्बू मुझसे बोले कि अपने दोनों पैर उनके कन्धों पर रखूं और एक दूसरे से लपेट लूं। मैंने ऐसा ही किया अब मेरी चूत अब्बू के बिल्कुल मुँह के पास थी और मैंने अपने दोनों पैर अब्बू की गर्दन के पीछे लपेटे हुए थे।
अब अब्बू धीरे धीरे खड़े होने लगे जिससे मुझे डर लगने लगा, मैंने कहा- अब्बू, क्या कर रहे हैं? मैं गिर जाऊँगी।
तब अब्बू ने कहा- मेरी बेटी, नहीं गिरोगी, आज नया स्टाईल देखो चूत, चुसाने का इस तरह तुमने ब्ल्यू फ़िल्म में भी नहीं देखा होगा.

और अब्बू खड़े हो गये। अब वो बिल्कुल सीधे खड़े थे और मेरी चूत को चूस रहे थे। मुझे इस तरह डर भी बहुत लग रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था।
तब ही अब्बू ने कहा- बेटी, अब तुम अपना सर नीचे की तरफ़ झुकाओ।
पर मैंने मना कर दिया इस पर वो एक चपत लगाते हुए बोले- साली जैसा कहता हूं कर … वरना आज हम दोनों जने एक साथ तेरी गाण्ड में लण्ड डाल कर फ़ाड़ देंगे।

तब मैं अपने सर को धीरे धीरे नीचे की तरफ़ ले आई और अब मेरा मुँह उनके मुरझाये हुए लण्ड के पास था जिसे वो आगे बढ़ाने लगे. मैं उनका मतलब समझ गई थी और मैंने उनका लण्ड हाथ से पकड़ कर गप्प से मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।
‘वाआआह्ह …’ बिल्कुल नया तरीका, बुर और लण्ड की चुसाई का … इस तरह से अब मेरा डर जाता रहा और थोड़ी देर बाद ही मैं जोर जोर से अपना मुँह अब्बू के लण्ड पे चलाने लगी।

इस वक्त एक ज़रूरी कॉल आई है तो मुझे जाना पड़ रहा है, पर अपनी स्टोरी ज़रूर पूरी करुंगी। ओके।
जारी रहेगी!

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