मेरा नाम मेघा मुक्ता है. मैं दिल्ली में होस्टल में रहकर पढाई कर रही हूँ. मुझे लिखने का शौक है. मेरी कहानी आप यहाँ पढ़ सकते हैं. मेरी मेल id से सर्च केर सकते हैं [email protected]
मैंने अपने दोनों पैरों को पूरा खोल दिया था और उसकी कमर को अपने दोनों हाथों से लपेट लिया था और अब वह मुझे बड़े मज़े से चोद रहा था, मेरी चूत पानी छोड़ने लगी.
अम्मी ने मेरी कुर्ती और सलवार निकाल दी, मेरी बुर को सहलाकर अंकल को दिखाकर बोलीं- देखो जी कितनी चिकनी गुलाबी चूत है.. मेरी रानी बिटिया की.. एकदम कोरी है..
अम्मी के साथ-साथ मेरी चूत को भी लण्ड की ज़रूरत सताने लगी थी, मैंने बेअदबी के साथ अम्मी से कह दिया- मुझे भी वही चाहिए.. जो तुम रात को अपनी चूत में डलवाती हो।
मेरी नंगी चूत भीगी हुई थी, चूत पर एक भी बाल नहीं था.. हल्का सा रोंया ही आया था। मेरी चूत पावरोटी की तरह फूली हुई थी। अंकल ने मेरी चूत को चूसना शुरू कर दिया।
अंकल ने मुझे मुँह के बल बिस्तर पर लिटा लिया और मेरे ऊपर लेट मेरी जालीदार कुर्ती की ज़िप खोल कर मेरी पीठ पर चुम्बन करने लगे। मैं चुपचाप सिसकारियाँ भर रही थी।
पापा दुबई में थे, मैं, अम्मी पापा के दोस्त के मकान में रहते थे, अंकल अक्सर हमारे घर आते थे और अम्मी उनके आने से बहुत खुश होती थी. एक दिन मैं स्कूल से आई तो..
रुबीना की पीठ इरफ़ान तरफ थी, रणबीर ने इरफ़ान को आँख़ मारते हुए अंगूठे से उसकी तरफ इशारा किया, उसने बाजी के कुर्ते की चेन खोलना शुरू की और दूसरा हाथ उसका बाजी के चूतड़ों पर था।
उस पर अभी जवानी धीरे धीरे आ रही थी, उसके सीने पर हल्का हल्का उभार आने लगा था, उसके स्तन छोटी अम्बिया की तरह नुकीले थे। इरफ़ान ने उसको गोद में लेकर उसकी गोलाइयों को अपने हाथों से नापना शुरू कर दिया।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।