मैं खिड़की से देख रहा था कि देवेश का लम्बा मोटा मस्त लंड शशि की गांड में घुसा था, शशि के गोल गोल मस्त गोरे गोरे चूतड़़ चमक रहे थे, लंड पूरा घुस गया था और अंदर बाहर हो रहा था.
आप मेरे गांडू जीवन की गाथा का एक भाग पढ़ रहे हैं जब मैं एक छोटे कसबे में पोस्टिंग पर गया था. वहां मेरी बहुत इज्जत थी और मुझे वो इज्जत बना कर रखनी थी. साथ ही गांड की प्यास भी बुझानी थी.
मैं गांड का शौकीन यानी गे हूँ, मेरी पहली पोस्टिंग दूर दराज के एक गांवनुमा कस्बे में हुई थी, वहां मेरे साथ हुई गांडू सेक्स की घटनाएँ मैं अपनी इस कहानी में आप पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ.
अगर लौंडा माशूक है, चिकना है तो उसके दोस्त उसे गांड मरवाने में चालू कर ही देते हैं। किस किस से गांड बचाएगा बेचारा… पहले गले में हाथ डालते हैं फिर गले मिलते हैं फिर चुम्मा लेते हैं, गाल काटते हैं, फिर ओंठ चूसते हैं फिर गांड पर हाथ फेरते हैं और गांड मार कर ही दम लेते हैं।
राधे चाचा विधुर थे, उनकी पत्नी चार पांच साल पहले गुजर गई थीं. वे एक रिटायर फौजी थे, लौंडों की गांड मारने के आशिक थे, जिस लड़के के पीछे पड़ जाते उसकी गांड में लंड पेल कर ही मानते थे. अब तक उन्होंने छोटी उम्र से लेकर पच्चीस साल तक के गांव के सारे ही लौंडे निपटा दिए थे.
मेरा एक गे दोस्त बना. वो गांड मारने और मराने दोनों का शौकीन था मेरी तरह. एक बार उसके बड़े भाई ने मुझे देख लिया , वो भी गे थे, वो मेरी गांड मारना चाहते थे. मेरी गे कहानी पढ़ कर देखें कि फिर क्या हुआ!
मेरी गे सेक्स स्टोरीज आप पढ़ते रहे हैं, जिसे गांड मरवाने का शौक लग जाता है, तो मोटे लंड से गांड मराने में चीख निकल जाती है, गांड फट जाती है पर शौक नहीं छूटता!
मेरे सर मेरी गांड मार रहे थे कि तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया.. सर ने मेरी गांड में से झटके से अपना लंड निकाल लिया। सर की गांड फट गई कि इस वक्त कौन आ गया।
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