मैं अपनी खराब कार के साथ एक मकैनिक के गेराज में थी. सर्दी के मौसम में उस मकैनिक को देख कर मेरी चूत में कुछ कुछ होने लगा. मैंने उसे चारा डालना शुरू कर दिया.
तीन लण्ड अब तक मेरी चूत, गांड भेदन कर चुके थे। इनसे चुद चुद कर मैं पूरी चुदक्कड़ बन चुकी थी, मेरी नजर पैंट में छुपे लन्डों का जायजा लेने लगी थी। हर समय मैं चुदास से भरी रहती थी।
मेरे एक प्रशंसक से मुझे प्यार सा हो गया, मैंने कई बार इसे सेक्स के लिए उकसाया मगर वो यह जानते हुए भी कि मैं शादीशुदा हूँ, कहता कि तुम्हारे साथ सुहागरात मनाऊँगा शादी के बाद…
राज़ की इस हरकत की वजह से मेरे उरोज इतने बाहर आ गये कि निप्पल भी दर्शायमान होने लगे थे ! मेरे उस बदमाश आशिक़ ने दूसरे हाथ से निप्पल को बाहर निकाल दिया, बूब्स इस समय ब्रा और ब्लाउज़ में भी फंसे थे
अजय ने मेरी लगभग नंगी पीठ, मुँह, गले पर चूम चूम कर मेरा बुरा हाल कर दिया था और एक हाथ से वो मेरे मोटे चूतड़ों को और मेरी चूत पर फ़िराते रहे जिससे मेरे सारे बदन में झुरझरी पैदा हो रही थी।
अजय ने मेरी चोली और लहंगा उतार दिया और खुद भी अपना कुर्ता और पाजामा भी… मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि मेरे नीचे के दोनों वस्त्र बहुत छोटे और पारभासक थे।
मैं शालिनी राठौर, 32, जयपुर, 36-32-38, बहुत सुंदर गोल सुडौल भरे हुए मम्मे, 8 साल पहले शादी हुई थी, अब प्रेग्नेंट हूँ, अब तक दस लौड़ों से चुद चुकी हूँ। सारे लंड मैंने शादी के बाद लिए हैं।
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