सहेली की तड़फती जवानी-4 27 September 2014 सारिका कंवल उसने कहा- कुछ देर रुको न.. तुम्हारी बुर का गर्म अहसास बहुत अच्छा लगा रहा है, तुम्हारी बुर बहुत गर्म और कोमल है। पूरी कहानी पढ़ें »
सहेली की तड़फती जवानी-3 18 September 2014 सारिका कंवल कृपा अब सो चुका था, पर हेमा अभी भी जग रही थी। उसने मेरी तरफ देखा मैंने तुरंत अपनी आँखें बंद कर लीं। पूरी कहानी पढ़ें »
सहेली की तड़फती जवानी-2 17 September 2014 सारिका कंवल मेरा सवाल सुन कर उसकी आँखों में आंसू आ गए और कहने लगी- जब वो ऐसे कहता है.. तब मुझे लगता है उसे पूरी कहानी पढ़ें »
सहेली की तड़फती जवानी-1 16 September 2014 नमस्कार दोस्तो, मैं सारिका कँवल आप सभी पाठकों का हार्दिक धन्यवाद करना चाहती हूँ जिन्होंने मेरी कहानियों को तहेदिल से सराहा। मुझे आपके ढेर सारे पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-9 13 September 2014 आपकी सारिका कंवल मैंने उसे अपनी बाँहों में कस लिया और टांगों से उसे अपनी और खींचते हुए कराह कर बोली- और तेज़ और तेज़ पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-8 12 September 2014 आपकी सारिका कंवल हम दोनों ही एक-दूसरे से साँपों की तरह लिपटे एक-दूसरे को प्यार करने और अंगों को सहलाने लगे। मुझे अब सहन नहीं पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-7 11 September 2014 आपकी सारिका कंवल उसने मेरे कूल्हों को दबाया और फिर अपनी जीभ मेरे चूतड़ों पर फिराने लगा और उन्हें चूमते हुए मेरे चूतड़ों के बीच पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-6 10 September 2014 आपकी सारिका कंवल मैंने कहा- मैं तो फिलहाल अकेली रहती हूँ बच्चों के साथ.. मगर रात में ही मिल सकती हूँ! उसने तुरंत कहा- आज पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-5 9 September 2014 आपकी सारिका कंवल उसने अपने लंड को हाथ से हिलाया और कहा- अपनी टाँगें फैलाइए और मोड़ लीजिए। मैंने अपनी टाँगें फैला लीं और घुटनों पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-4 8 September 2014 आपकी सारिका कंवल उसने पजामे के ऊपर से ही मेरी योनि को सहलाते हुए पैंटी को खींच कर किनारे कर दिया। वो अपने लिंग को पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-3 5 September 2014 आपकी सारिका कंवल बारिश इतनी तेज़ हो चुकी थी कि 4 लोगों का एक छाता के नीचे बच पाना मुश्किल था, पर आस-पास कोई जगह पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-2 4 September 2014 आपकी सारिका कंवल मैंने कहा- फिर भी आपको तो सोचना चाहिए था कि अपने बच्चों का एक पढ़ी-लिखी औरत जैसा ख्याल रख सकती है वैसा पूरी कहानी पढ़ें »
अंतहीन प्यास-1 3 September 2014 आपकी सारिका कंवल नमस्ते, आप सबके प्यार और अनुरोध ने मुझे फिर से एक नई कहानी लिखने पर विवश कर दिया। मैं नहीं चाहती थी पूरी कहानी पढ़ें »
वो हसीन पल-4 24 August 2014 उन्होंने कहा- प्लीज ये कॉन्डोम निकाल देता हूँ बिल्कुल मजा नहीं आ रहा है। मैंने मना किया, पर कुछ देर के सम्भोग में लगने लगा पूरी कहानी पढ़ें »
वो हसीन पल-3 23 August 2014 सारिका कंवल इसी तरह 4 दिन बीत गए थे हम दोपहर को रोज मिलते और रोज सम्भोग करते। शाम को 5 से 7 मेरा बेटा पूरी कहानी पढ़ें »
वो हसीन पल-2 23 August 2014 सारिका कंवल मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “फिलहाल तो मुझे पता नहीं, क्योंकि मैं अभी पुराने वाली ब्रा और पैंटी पहन रही हूँ और वो पूरी कहानी पढ़ें »
वो हसीन पल-1 22 August 2014 सारिका कंवल नमस्कार, आप सभी अन्तर्वासना के पाठकों ने मेरी कहानी को बहुत सराहा इसके लिए मैं आपकी बहुत आभारी हूँ। कुछ लोगों ने मुझे पूरी कहानी पढ़ें »
अंगूर का मजा किशमिश में-12 11 August 2014 सारिका कंवल हम तीनों काफी थक चुके थे, फिर हमने खुद को पानी से साफ़ करके कपड़े पहने और वापस घर को आ गए। रास्ते पूरी कहानी पढ़ें »
अंगूर का मजा किशमिश में-11 10 August 2014 सारिका कंवल मैं गर्म होने लगी थी, उधर मेरे सहलाने की वजह से विजय का लिंग भी सख्त हो चुका था। विजय ने तब मेरी पूरी कहानी पढ़ें »
अंगूर का मजा किशमिश में-10 9 August 2014 सारिका कंवल मैं अगले दिन उठी और अपने भाई और भाभी से कहा- आज दोपहर में मैं सुधा और विजय के साथ उनको गाँव दिखाने पूरी कहानी पढ़ें »