स्कूल, मोहल्ले के लड़के मुझे लाइन मारते थे पर मैंने किसी को घास नहीं डाली। मेरा भी मन सेक्स के लिए करता था पर मैं खुद पर काबू रख जवानी की सीढ़ियां चढ़ रही थी।
रेखा ने भी मेरा पैंट के ऊपर उभार महसूस किया और वो भी बड़े गौर से मेरे लंड को देखने लगी। रेखा की गोरी गोरी टांगें दिख रही थीं, उसकी स्कर्ट थोड़ी सी ऊपर उठी हुई थी या उसने जानबूझ कर ऐसा किया था।
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