अब हमारी कार क्योंकि सिटी से बाहर आ गई थी, इसलिए अब प्रदीप की मस्ती चालू हो गई थी। उसका एक हाथ कार के स्टेयरिंग से हट कर मेरे सीने के ऊपर आ गया और वो बूब्स को दबाने लगा।
उसने मेरे हाथों को अपने कंधों पर रखा और मुझे अपनी तरफ खींच लिया तो मैं आसानी से उसके ऊपर जा गिरी। प्रदीप ने अपने होंठों को मेरे होंठों पर रखा और उन्हें चूसने लगा।
उसने तुझे अंडरवीयर में देखा तो वो तेरी तरफ आकर्षित हो गई थी। उसे तू अंडरवीयर में बहुत अच्छा लग रहा था। यार, जब मैं घर आया था तो उसने मेरे साथ भी चुदाई की थी।
मैं गेस्ट रूम में गई, जैसे ही मैंने गेस्ट रूम का दरवाजा खोला, मैंने देखा कि प्रदीप सिर्फ अन्डरवीयर में खड़े थे, मेरे दरवाजा खोलने से उनको कुछ आवाज हुई तो वो मेरी तरफ मुड़े तो उनके हाथ में मेरी ब्रा थी।
भाभी कहने लगी- रोमा, तुम्हारे भईया का लंड बहुत बड़ा और मोटा है, मुझे उससे चुदने में बहुत मजा आता है। वो 8-10 दिन से बाहर हैं तो मैं चुदाई की प्यासी हो गई हूँ, अब तो ऐसे लग रहा है कि वो जल्दी से आ जायें और मुझे चोदें !
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