मैं अपनी मौसी के घर रहने गयी. वहां मौसी के बेटे और बहू यानि मेरे भैया भाभी ने मेरे साथ क्या खेल खेला, मेरी कामुकता जगाकर भाबी ने मुझे मेरे ही मौसेरे भाई से चुदवा दिया.
एक लड़की मेरे पास आई और बोली- ये टॉप निकाल दो.. यहाँ पर सिर्फ़ ब्रा में ही घूमना पड़ता है.. जब तक कस्टमर को कुछ दिखाओगी नहीं.. तो कैसे कस्टमर को फंसाओगी।
मैंने सबसे पहले अपनी साड़ी निकाली और बोली- ये नीचे टाँगों और मेरी चूचियों को ढकने में काम आती है। अब बारी थी मेरे ब्लाउज की.. तो मैं उसके हुक एक-एक करके खोलने लगी।
ठीक है.. मेरी रानी.. मैं देखती हूँ.. अब तू तैयार हो जा अच्छे से.. तेरे जिस्म पर एक भी बाल नहीं होना चाहिए.. ना नीचे.. ना बगलों में.. और ये वाले ब्रा-पैन्टी पहनना नए वाले.. क्योंकि इसमें तेरी चूचियों का साइज़ अच्छा उभर कर आएगा।
अगले दिन मैं राजू भाई के नीचे थी.. उनका लण्ड मेरी चूत में घुसा हुआ था.. हम दोनों की साँसें तेज थीं कि मैंने देखा कि मेरी एक सहेली निशा का कॉल आ रहा था। तो मैंने फोन रिसीव किया.
मैं और मेरा चचेरा भाई घर में अकेले थे, भाई ने मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बना लिया और अब हम सुहागरात मनाने की तैयारी कर चुके थे, भाई ने पूछा कि मैं पहले चुद चुकी हूँ तो मैंने बताया कि मैं कुंवारी हूँ !
मैं ऋतु.. अन्तर्वासना पर मैं आपको अपनी चूत की अनेकों चुदाईयों के बारे में बताऊँगी लेकिन सबसे पहले अपने चचेरे भाई से अपनी कुंवारी चूत के उद्घाटन की बात बता रही हूँ, आनन्द लीजिएगा।
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