मन में उमड़ते जज्बात, घुटन और सेक्स की पूरी ना कर सकने वाली चाहत का नतीजा होती हैं कहानियाँ. हमारे सामाजिक और पारिवारिक जीवन को ठेस पहुँचाए बिना खुद को तृप्त करने का जरिया मात्र होती हैं कहानियाँ.
जो लोग xxx पोर्न फिल्मों जैसा सेक्स करना चाहते हैं, पर शर्मिंदगी की वजह से या गंदे सीन की घृणा की वजह से यदि ऐसा नहीं कर पाते हों.. वो यह देसी हिंदी पोर्न कहानी अवश्य पढ़ें, उन्हें कुछ ना कुछ फायदा जरूर होगा.
हम दोस्तों ने जंगल में पिकनिक का प्लान बनाया। तभी मेरे मामा की लड़की हमारे घर आ गयी। वो भी साथ चलने की जिद करने लगी। मेरी हिंदी सेक्स कहानी पढ़ कर देखें कि कैसे मेरी बहन की चुदाई हुई, उसने अपनी चुत चुदाई का कैसे मजा लिया.
मैं अपने साले के घर गया तो सलहज अकेली थी. काम करते हुए उसके ऊपर पेंट का डिब्बा पलट गया और सारे शरीर, कपड़ों पर पेंट लग गया. पेंट साफ़ करने के चक्कर में क्या हुआ?
मेरे पड़ोस में एक बौनी लड़की रहती थी, उसे मैं डॉल कह कर पुकारता था. उसकी माँ ने मुझे उसे शादी के लिये मनाने को कहा. मैंने उससे बात की तो वो एक सामान्य मर्द का प्यार पाना चाहती थी.
मुम्बई में भारी बारिश में स्टेशन पर फ़ंसा हुआ था कि एक पड़ोसन भाभी दिख गई । वो भी मेरी तरह परेशान थी, दोनों इकट्ठे बस ट्रक आदि से जाने की सोच कर बाहर निकल आए।
एक अकेली औरत मेरे पड़ोस में रहती थी, मेरी दोस्त थी. एक दिन अचानक टी वी पर रोमांटिक सीन देखा कर मुझे पता नहीं क्या हुआ और मैंने कुछ ऐसा कर डाला कि… कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए!
उसके होंठ काँपने लगे, धड़कनें और तेज हो गई। मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा, साथ ही उसको किस भी करने लगा। हम नंगे होकर एक दूसरे के बदन से खेलने लगे।
लड़की बन कर चैट करने वाले एक गांडू से मेरी दोस्ती हो गई. समुद्रतट का आनंद लेने की उसकी चाह हमें एक गाँव के निर्जन तट पर ले गई. और वहाँ जो हुआ, वो आपने सामने पेश कर रहा हूँ.
बेडरूम में जाकर वोु मेरे कंधे पकड़ कर नीचे लेट गईं.. फिर मेरे गले में हाथ डालकर मुझे अपने ऊपर खींच कर किस करने लगीं। मैंने उनकी चूत की फाँक पर अपना लण्ड रगड़ा। ‘अन्दर डालो न..’ कहते हुए उन्होंने मेरे होंठों को हल्के से काट लिया।
एक सेक्सी मूवी में मुझे एक लड़की मिली, उसे मैं अपने कमरे में ले आया चोदने के लिये। कमरे में आते ही उसने सेक्सी खेल खेलने शुरु किये, मेरी आंखों पर पट्टी बांध कर मुझे बेड से बांध दिया।
गाँव के जीवन का जायजा लेने मैं रिश्ते में अपने एक चाचा के घर गाँव में गया. वहां चाचा चाची ही थे. चाचा को कुछ दिन के लिए जाना पड़ा. उनके पीछे क्या हुआ, इस कहानी में पढ़िए !
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