बहुत दिन से मेरे लंड को चूत के दर्शन नहीं हुए थे. मैं मुट्ठ मार कर शांत कर लेता था अपने को मगर बेचैनी हर दिन बढ़ रही थी. अपनी वासना कैसे बुझाई मैंने, मेरी देसी कहानी में पढ़ें.
कामवाली की कमसिन बेटी के नंगे कुंवारे बदन से मैं खूब खेला लेकिन अभी तक उसकी कुंवारी बुर में लंड नहीं घुसाया था. मैंने कैसे उसकी कुंवारी बुर को फाड़ा! कहानी पढ़ कर जानें.
मेरे पड़ोस में रहने वाली कामवाली की जवान कमसिन लड़की मेरे साथ अकेली मेरे कमरे में थी और हम दोनों नंगे हो चुके थे. मैंने उसकी चूत का दाना मसला तो … मजा लें कहानी का!
मेरी गली में एक कामवाली रहती थी. उसकी बेटी जवान हो गयी थी. वो मेरे घर भी आती थी. मैं उसे छोड़ना चाहता था. लेकिन मेरी उम्र उससे काफी ज्यादा थी. तो मैंने क्या किया?
मेरे पड़ोस में एक माल भाभी रहती थी लेकिन साली बोलती नहीं थी. मेरा मन था उसे चोदने का … मैंने उसके पति से यारी की तो उसने बताया कि वो अपने पति से भी नहीं चुदवाती. तो मैंने क्या किया?
भाभी प्रेग्नेंट हुई तो उनकी बहन देखभाल के लिए आई. उसे देख मेरा लंड उछलने लगा. मैं कैसे उसे अपने लंड के नीचे लाया और उसकी कुंवारी बुर को चोदा. पढ़ें कहानी और जान लें!
पढ़ाई के लिए मैं शहर में मामा के घर रहने लगी थी. एक रात मैंने मामा मामी की चुदाई देख ली तो मैं रोज देखने लगी. मेरी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरे मामा ने मुझे चोदा.
मैं 12वीं में था. मेरे गांव की लड़की मुझे बहुत लाइन देती थी. मैंने अपने कमीने दोस्तों से सुना कि लड़की की चूत मारने में बहुत मजा आता है, मुठ मारने में मजा नहीं है. अब मुझे भी एक चूत की जरूरत होने लगी थी. मैंने भी उसे लाईन देनी शुरू कर दी.
मैं कमरा लेकर रह रहा था, मुझे चुत चुदाई की तलब लग रही थी, मैंने पड़ोसियों की कामवालियों पर नजर रखनी शुरू की तो एक जवान लड़की मुझे अच्छी लगी. उसे मिने अपने यहाँ काम पर रख लिया और एक ही हफ्ते में उसकी चुत चुदाई कर दी. कैसे? मेरी चोदन कहानी पढ़ कर आनन्द उठायें!
गाँव की भाभी को गन्ने के खेत में दिनदिहाड़े चोद कर बड़ा मज़ा आया। भाभी भी मुझसे बार बार चुदवाना चाहती थी। मैंने उन्हें उनके पति के पास दिल्ली आकर रहने को कहा।
कहानी गाँव की एक भाभी की है, मुझे एक गाँव की शादी में मिलीं, मन किया कि काश यह माल पट जाए… मैंने उनसे जान पहचान बढ़ाई और हँसी-मजाक में हम दोनों काफी खुल गए।
मेरी मकान मालकिन अपनी सहेली को लेकर जब मेरे कमरे में आई.. मैं उसे देखता ही रह गया, वह किसी अच्छे घर की लगती थी और बहुत खूबसूरत थी। मेरी तो लॉटरी ही लग गई जो मुझे उस जैसी हसीन-तरीन हूर को चोदने का मौका मिल रहा था
मकानमालिक की बीवी कभी कभी ही आती थी, वो भाहर जॉब करती थी। एक दिन उसकी ब्रा पैन्टी में मैंने अपना माल लगा दिया। उसने कुछ नहीं कहा और ब्रा-पैन्टी धोकर सुखा ली।
मकानमालिक की भतीजी 12वीं पास करके मुझसे कम्प्यूटर सीखने लगी। उस पर नई जवानी आई थी। कम्प्यूटर में उसने ब्ल्यू फ़िल्म देख ली और मैं भी उसे इधर-उधर छूता रहता था
मैंने रेखा गर्म करना शुरू किया, अपनी बाँहों में भरकर चूमा और एक हाथ से चूत सहलाने लगा। जब वो गर्म हो गई.. तो मेरा साथ देने लगी, उंगली चूत के अन्दर डाली..
मकान मालिक के भाई की एक बेटी रेखा निसंतान थी. बड़ी बहन रश्मि मुझसे चुद चुकी थी, उसे कहा कि मैं रेखा को माँ बना सकता हूँ. जैसे कैसे करके उसने रेखा को मनाया.
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