मैं राहुल मुंबई से, मैं सेक्स, ओरल सेक्स, बॉडी मसाज अच्छे से करता हु यदि आपके अंदर भी कोई ऐसी कल्पना है दिल में छुपी कोई हसरत है, मैं एक अच्छा सलाहकार भी हु आप हमसे सेक्स, परिवार, दांपत्य जीवन से जुडी समस्याए शेयर कर सकती है और उचित समाधान पा सकती है, यकीन माने आपके द्वारा दी गई जानकारी हमारे तक ही सिमित रहेगी, यदि आप को अपनी छिपी हुई अन्तर्वासना को बाहर लाना है, तो हमसे कांटेक्ट करे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की आप इंडिया के किस शहर से हो आपकी गोपनीयता, सुरक्षा और सलामती का हमको पूरा ख्याल रखते है, कृपया जरूरत मंद फीमेल/भाभी/कुंवारी कन्या/आंटी/आप अपने डिटेल्स के साथ संपर्क करे [email protected] YM, rahul_srivas, FB ID -- /
मुझे अपनी जवानी पर नाज था, मैंने टीचर को फ़ंसा कर फ़ायदा उठाना चाहा… मैं उनके पास गई, कहा कि वो जो कहेंगे, मांगेंगे, मैं करुँगी, दूंगी, बस मुझे पास होना है!
हमारे सेक्स सम्बन्ध काफ़ी दिन चलते रहे। जब उनका बेटा अमेरिका से भारत आया तो उन्होंने मुझे गाँव वापिस भेज दिया और एक दिन मेरी गैर हाजिरी में अपने बेटे का रिश्ता लेकर मेरे मां बाप से मिले।
गाँव की रहने वाली एक लड़की के जीवन में ऐसा क्या घटित हुआ जो वो अमरीका पहुँच गई और उसकी घटना एक हिन्दी सेक्स कहानी के रूप में अन्तर्वासना के पाठकों को पढ़ने को मिली.
ट्रेन में मिली लड़की के साथ मैं उसके घर में था, वह मेरे सामने नग्न हो चुकी थी और मैं अपने हाथों, और होंठों से उसे बेचैन करके चुदाई के लिए तैयार कर रहा था।
योनि में लिंग प्रवेश तो हो चुका था और दर्द भी मेरे चुम्बनों से कम हो चुका था। अब हम दोनों रति क्रिया का मज़ा लेने लगे थे। कहानी खुद पढ़ कर देखिए और मज़ा लीजिए!
वो सब कुछ करने को तैयार थी सिर्फ़ मेरे लिंग को अपने अन्दर लेने को राजी नहीं थी। और यही तो मेरी मंजिल थी कि उसकी अक्षत योनि में अपने लिंग का प्रवेश करवा पाऊँ!
मैं धीरे धीरे पायल का संकोच कम कर रहा था। मगर अब भी वह अपनी चूत में लंड लेने के लिये तैयार नहीं थी। कहानी पढ़ कर देखिए कि मैं उसके बदन में कहाँ तक पहुँच पाया
मैं अपनी माशूका के साथ होटल में उसके जिस्म के साथ खेल रहा था। मैं दो बदनों का पूर्ण मिलन चाहता था लेकिन वो किसी अज्ञात भय से हिचक रही थी, मुझे रोक रही थी।
मैं जिसे चाहता था वो रात को होटल में मेरे साथ अकेली थी। मैं उसे चूम रहा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी। लेकिन मेरी मंजिल थी उसके जिस्म का भोग! कहानी पढ़ें!
मैं अपनी पड़ोसन पंजाबन लड़की का जिस्म चाहता था। भाग्यवश मुझे उसके साथ एक रात होटल में बिताने का मौका मिला। कहानी पढ़ कर देखिये कि मैं अपने मकसद में कामयाब हुआ?
मैं आगरा में किराये से रहता था, सामने वाले कमरे में एक परिवार में एक अल्हड़ पंजाबन लड़की रहती थी। एक दिन वो मुझे सिर्फ़ तौलिये में दिखी, वो नहा कर निकली थी।
मैंने उसके ऊपर लेट कर उसके लबों को चूमना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में किस और उसकी चूची के मसलने का नतीजा सामने आया.. उसकी गांड उछलने लगी.. अब वो मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से दबाने और मसलने लगी थी।
वो कमर उठा-उठा कर मुझे बुला रही थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी। मैं गौर से उसके जिस्म को देख रहा था। नारी सौंदर्य सच में ऐसा होता है.. कंचन सी कोमल सी काया.. गोरी-गोरी त्वचा..
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।