पड़ोस में एक भाभी से मेरी दोस्ती हो गई. मुझे लगा जैसे जिन्दगी में कोई अपना मिल गया. जिस दिन उनसे बात नहीं होती तो दिन बेकार लगता. हमारी दोस्ती कहाँ तक पहुंची?
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।