सर्दियों में दो दोस्त एक ही रजाई में बैठे पढ़ रहे थे, दोनों के लण्ड खड़े थे, बीच बीच में वे उसको सहला रहे थे, दोनों जानते थे कि जब तक मुठ नहीं मारेंगे, साला लण्ड बैठेगा नहीं और वे पढ़ नहीं पाएँगे।
हर सप्ताह अपने मेल बॉक्स में मुफ्त में कहानी प्राप्त करें! निम्न बॉक्स में अपना इमेल आईडी लिखें, सहमति बॉक्स को टिक करें, फिर ‘सदस्य बनें’ बटन पर क्लिक करें !
* आपके द्वारा दी गयी जानकारी गोपनीय रहेगी, किसी से कभी साझा नहीं की जायेगी।