उसने बताया- मैं बच्चे पैदा नहीं कर सकता हूँ बस नाम का लंड है.. सब कुछ सही है.. पर मेरा सारा शरीर लड़कियों वाला है.. केवल ऊपर वाले ने मुझे चूत की जगह लंड दे दिया.. वो भी अधूरा..
अन्दर उसने पैंटी पहनी हुई थी.. जिसकी वजह से मैं उसकी चूत को खुलकर नहीं सहला पा रहा था.. और इधर मेरा लंड अपने पूरे शवाब पर था। मैंने एक हाथ से उसकी सलवार को खोला, दूसरे हाथ से लंड बाहर निकाला.
मेरी गांड भी चाटने से ढीली हो गई थी। उसने एक उंगली डाल कर देखा कि मेरी गांड अब चोदने लायक हुई या नहीं। ढेर सारा थूक अपने मुँह से निकाल कर अपने लौड़े पर लगाया।
अब मेरा घर जाने का इरादा गायब हो चुका था। बस किसी तरह उस लौंडे को पटाकर उसकी गांड मारने का था। मैं अँधेरे में सरक कर उसके पास हो गया। अपना एक हाथ उसकी जाँघ पर रखा और…
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