गाँव में मेरे घर से 2-3 घर छोड़कर एक घर है जिसमें गीता नाम की लड़की रहती है, हमारी छतों के फासले भी ज्यादा नहीं थे, मुझे धीरे-2 गीता में इंटरेस्ट आने लगा और मुझे लगा कि शायद यही मेरी पहली चुदाई की इच्छा पूरी कर सकती है।
कॉलेज था इसलिए हमारे अन्दर डर बना हुआ था कि कहीं कोई आ न जाये और हम पकड़े ना जाएँ। पर दोस्तो, जब सेक्स की भूख लगती है तो इन्सान को कुछ भी नहीं दीखता और उस वक़्त सिर्फ सेक्स और सिर्फ सेक्स ही हमारे दिमाग में चल रहा था
उसने कहा- भोसड़ी के, क्या-क्या चाटेगा और कहाँ-कहाँ घुसेगा? मैंने कहा- मादरचोद, तेरे हर छेद में आज अपना लौड़ा डालूँगा ! तो वो बोली- जहाँ डालना हो वहाँ बाद में डालना पर पहले साले मेरे मुँह में अपना लौड़ा डाल पहले !
रंजना एक मस्त, गोरी और जबरदस्त लड़की थी। उसकी बदनाकृति 34-30-34 थी, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी मस्त थी रंजना। मैं हमेशा रंजना को पटाने की सोचता था, कहते हैं ना कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं !
मुझे रंजना को पटाने का मौका भी जल्दी ही मिल गया।
मामी पीठ को ऊपर करके लेटी हुई थीं। स्वामी जी उनकी जाँघों पर बैठ कर उनकी गोरी गांड में तेल लगा रहे थे। तेल लगाने के बाद स्वामी जी अपने लंड में तेल लगाया।
माँ को पूरी मस्ती आ रही थीं और वो नीचे से कमर उठा उठा कर हर शॉट का जवाब देने लगी. लेकिन ज्यादा स्पीड होने से बार बार मेरा लण्ड बाहर निकल जाता. इससे चुदाई का सिलसिला टूट जाता.
अपने दोस्त की मदद करने का ये सुनहरा मौका मिला कि अपने तो मजे ही मजे हो गए उधर दोस्त की माँ, इधर बुआ और आखिर में दोस्त की बहन की मदमस्त चुदाई का मौका मिला..
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