दो सहेलियों की गांड चोदन कथा
(Do Saheliyon Ki Gaand Chodan Katha)
अन्तर्वासना के सभी मित्रों को मेरा दिल से नमस्कार!
मेरा नाम जेसिका क्लार्क है. मेरी उम्र 25 वर्ष, हाइट 5.7 फ़ीट, रंग गोरा, भरा हुआ बदन है.
मैं अभी तक कुल 6 लंडों से चोदन करवा चुकी हूँ, मेरा पहला चोदन 21 वर्ष की आयु में हुआ था, मुझे मेरे ही जीजा जी ने ही चोदा था. और मेरे साथ मेरी ही एक और सहेली की भी सील तुड़वाई थी और अभी भी मौका मिलने पर चुदवा लेती हैं.
आज मैं जो आपको कहानी सुना रही हूँ वो मेरी और मेरी सहेली की पहली गांड चुदाई की है जो अन्तर्वासना के एक लेखक और उनके मित्र ने ही की थी. उनका नाम परीक्षित कुमार है.
जी हाँ मैं उन्ही परीक्षित कुमार की बात कर रही हूँ, जिन्होंने कुछ दिन पहले ही मेरे साथ एक चुदाई की कहानी अन्तर्वासना पर लिखी थी.
मुझे कैसे पता चला कि यह वो ही व्यक्ति हैं जो अन्तर्वासना पर कहानियाँ लिखते हैं, यह सिर्फ मैं स्वयं तक ही सीमित रखना चाहती हूँ. पर जब मैंने उन्हें पहली बार सेक्स करने के लिये बोला तो मेरे मन में भी एक डर था कि क्या होगा पर इतना विश्वास था कि यदि उन्होंने मना कर दिया तो कोई समस्या नहीं होगी पर दोस्ती वो दोनों जरूर बनाये रखेंगे.
अब मैं कहानी पर आती हूँ, बात इसी साल जनवरी महीने की है, मुझे और मेरी सहेली रानी (बदला हुआ नाम) को परीक्षित और चिंटू से चुदते हुए 3-4 महीने हो चुके थे और जब मैंने उन दोनों से दूसरी बार चुदवाया था तब रानी भी उस चुदाई में साथ थी और हम आपस में बहुत खुल चुकी थीं और बिना किसी शर्म के कोई भी बात कर देती थीं, यहाँ तक कि गालियों में तक बात कर देती थीं और अब भी करती हैं पर जब चारों साथ में होते हैं तभी.
हम दोनों को उन दोनों से चुदते हुए 3-4 महीने हो चुके थे. पर हर बार वो दोनों हमारी गांड को चोदने की बात करने लगते, यहाँ तक कि दोनों सेक्स के समय हमारी गांड को उंगली से चोदते भी थे, और चाटते भी थे.
पर हम दोनों की गांड अभी तक कुंवारी थी, और उंगली से चोदने पर ही दर्द होने लगता था. पर डर से हम मना कर देती.
हम चारों यानि कि मैं, रानी, परीक्षित और चिंटू कहीं मार्केट में मिल गए और बात बात में पता चला कि नए साल में चिंटू का जन्मदिन है. और कुछ देर बात करके घर पर आ गईं.
जिस दिन चिंटू का बर्थडे था वो दिन भी सन्डे का था, हमने चिंटू को फोन किया और उससे पूछा कि हम दोनों उन्हें बर्थडे विश करना चाहती हैं हमें कहाँ मिलोगे?
तो चिंटू ने कहा- आप दोनों कहीं मत जाइये, हम दोनों ही आपके घर आते हैं.
और 15 मिनट में आने का बोल दिया.
थोड़ी ही देर बाद दरवाजे की घण्टी बजी, मैंने दरवाजा खोला और देखा तो चिंटू और परीक्षित दोनों थे, हमने उन्हें अंदर बुलाया जैसे ही वो अंदर आये रानी तुरन्त चिंटू को हैप्पी बर्थडे बोल कर उनके होंठों पर किस करने लगी, तभी परीक्षित ने उन दोनों को अलग किया, उसके बाद मैंने भी उनको होंठो पर एक लम्बी किस देकर उन्हें बर्थडे विश किया.
उसके बाद हम दोनों ने चिंटू से एक छोटी सी बर्थडे पार्टी भी ली.
तब रानी ने चिंटू से कहा- बताइये आपको क्या गिफ्ट चाहिए, पर वही जो हम दे सकें?
मैं- हाँ बोलिये, अगर हम दे सकीं तो न नहीं कहेंगीं.
चिंटू- वो तो आप दोनों दे सकती हैं और यहीं पर है. पर मुझे आज नहीं, किसी और दिन चाहिये.
मैं- पहले बताइये, उसके बाद ही हम कुछ बोलेंगी.
चिंटू- हम तुम्हारी गांड चोदना चाहते हैं.
रानी और मैं पहले तो एक दूसरे को देखती रहीं, फिर हमने बात को टाल दिया और फिर जब वो जाने लगे तो उन्होंने एक बार फिर हमसे बोला पर हमने बाद में जवाब देने का बोल दिया.
उसके बाद हम दोनों आपस में बातें करने लगीं और उसके बाद लेस्बियन सेक्स करके सो गईं.
एक सप्ताह तक ऐसे ही चलता रहा, एक दिन रानी के पास परीक्षित का कॉल आया, उसने मुझे बताया कि दोनों कहीं जा रहे हैं और घूमने का प्रोग्राम भी बनाना चाहते हैं.
हमने उनसे चुदाई का प्रोग्राम बनाने के लिये बोला क्योंकि 10 दिनों से हम दोनों चुदी भी नहीं थीं. पर उन्होंने तो घूमने के लिये ही बोला पर हम दोनों नहीं मानी और उनको चुदाई के लिये मना ही लिया.
हम चारों चिंटू के दोस्त के घर चल दिए, उसके घर पर कोई भी नहीं था और उस घर में हम पहले भी चुद चुकी थीं तो हमें कोई डर भी नहीं था.
जैसे ही हम घर में बेडरूम में पहुंचे, हमने इशारे में बात की और दोनों ही तुरन्त घुटनों के सहारे बैठकर उनकी पैन्ट की ज़िप खोलकर उनके लंड को बाहर निकालकर चूसने लगीं.
वो दोनों सम्भल भी नहीं पाये और जब तक सम्भलते तब तक हम दोनों उनके लंड को मुँह में ले चुकी थीं. बस फिर क्या था! हमने उनके लंड को चूसने के साथ साथ उनके पूरे कपड़े निकाल उन्हें पूरा नंगा कर दिया दोनों ने ही अपनी झांट साफ़ कर रखी थी तो हमने भी उनके लंड को सहलाने में और चूसने में मजा आ रहा था.
क्योंकि मैं परीक्षित का लंड चूस रही थी और रानी चिंटू का लंड चूस रही थी तो 10 मिनट बाद हम दोनों ने जगह बदली, दोनों बीच बीच में हम दोनों लंड को बदलकर 3-4 बार मुँह में ले लेती और रानी और मैं भी किस करने लगती.
कुछ देर बाद हम दोनों ने भी पूरे कपड़े निकाल दिए और उनके साथ हम दोनों भी पूरी नंगी हो गईं और उन दोनों को बेड पर लेटाया. अब मैं चिंटू का लंड चूस रही थी और रानी परीक्षित का लंड चूसने लगी. कुछ देर बाद परीक्षित ने रानी को उसकी ओर खींचा और दोनों 69 की पोजीशन में आ गए अब रानी की चूत भी परीक्षित चाट रहे थे और मैं चिंटू के लंड को चूसना चाटना छोड़ कर रानी के साथ परीक्षित के लंड को चूस रही थी और मैं बीच बीच चिंटू के लंड को सहला रही थी और ऐसा ही रानी भी कर रही थी.
कुछ देर बाद हम सब 69 की पोजीशन में थे, हम दोनों लंड भी चूस रहीं थीं और दोनों की चूत को भी चटवा रही थीं.
मैं जैसे ही झड़ने पर पहुंची तभी परीक्षित ने चूत चाटना बन्द कर दिया और मुझे उससे थोड़ा दूर किया और खुद भी बैठ गए और रानी को उनकी तरफ खींच लिया तो मैं बिना कुछ बोले चिंटू के तरफ 69 की पोजीशन में आ गई.
दूसरी तरफ परीक्षित ने रानी को घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लंड डालकर उसकी चुदाई शुरू कर दी.
चिंटू अभी भी मेरी चूत को चाट रहे थे.
रानी की चुदाई देखकर मुझे भी जोश आने लगा और मुझे भी सब्र नहीं हुआ तो मैं बैठ गई और चिंटू को भी मेरी चूत में लंड डालने के लिये बोलने लगी. मेरी चूत में लंड डालने की बात सुनकर चिंटू और परीक्षित दोनों ही हंसने लगे, पर चिंटू ने भी मेरी बात को मान लिया और मुझे सीधा लेटाकर मेरी चूत में लंड डालकर मेरी चूत चुदाई भी शुरू कर दी.
अब हम दोनों लड़कियाँ सिसकारी ले रही थीं- आअह्ह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम्म अम्म्म स्सी आह्ह्ह आहह… चोदो और चोदो.
मैं इतनी गर्म थी कि 5 मिनट में ही मेरा बदन अकड़ने लगा और मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया.
थोड़ी ही देर बाद रानी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया.
अब दोनों ने भी उनकी जगह बदल ली, अब परीक्षित मेरी चूत को चोदने आ गए और चिंटू रानी की चूत को. जब उन्होंने उनके लंड को हमारी चूत में 5-6 बार ही अंदर बाहर किया होगा कि तभी रानी बोली- चूत ही चोदोगे या हमारी गांड चोदन का भी मजा लोगे?
इतना सुनकर उन दोनों ने तुरन्त ही उनके लंड को बाहर निकाला और हमारी तरफ देखने लगे. हमारी गांड चुदाई की बात सुनकर उन दोनों के चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी.
मैं बोली- क्या हुआ? हमारी गांड का स्वाद तुम्हारे लंडों को नहीं चखाओगे?
इतना सुनते ही दोनों ने तुरन्त लंड को हमारे मुँह में डाल दिया और हमारे मुँह को चोदने लगे, हमारे मुँह को चोदते हुए उनका लंड भी हमारे थूक से गीला हो चुका था. अब उन्होंने उनके लंड को हमारे मुँह से निकाला और परीक्षित रानी की गांड चोदने और चिंटू मेरी गांड चोदने के लिये आये.
चिंटू ने मुझे घोड़ी बनाया और परीक्षित ने रानी को कुतिया बनाया, तभी चिंटू ने मेरी गांड में 2 उंगली डाली और उंगली से ही मेरी गांड को चोदने लगे, तभी चिंटू और परीक्षित ने आपस में कुछ इशारा किया और दोनों ने जगह बदल ली.
अब चिंटू रानी की गांड को चोदने के उसके पीछे आ गए और रानी जो कुतिया बनी हुई थी, उसे घोड़ी बनाया और परीक्षित ने मुझे घोड़ी से कुतिया बनाया और परीक्षित ने तुरन्त ही उनके लंड को मेरी गांड के छेद पर लगाया और थोड़ा सा ही लंड अंदर गया कि दर्द से मेरी सिसकारी निकल गई- सीईई सीईईई आअह्ह ह्हह.
इसके बाद वो लंड निकाल कर 2 उंगली से मेरी गांड को चोदने लगे. गांड में एक गुदगुदी सी होने लगी और हल्का सा दर्द भी होने लगा. पर परीक्षित बेरहमी से मेरी गांड को उंगली से चोदते रहे. उन्होंने लंड को मेरे मुँह के पास कर दिया जो थोड़ा ढीला हो चुका था, मैंने उसे मुँह में लेकर फिर से कड़क कर दिया और उन्होंने उंगली को मेरी गांड से निकाला तो मैंने भी मेरी गांड को ढीला कर दिया, और 4-5 धक्कों में ही उन्होंने आधा लंड मेरी गांड में पहुंचा दिया, मुझे बहुत तेज दर्द होने लगा और मैं दर्द से करहने लगी और छुटने की कोशिश भी करने लगी.
पर तभी परीक्षित ने मुझे कसकर पकड़ लिया, और मुझे छुटने नहीं दिया और थोड़ी देर बाद फिर से मेरी गांड को धीरे धीरे चोदने लगे और कुछ ही देर में उन्होंने उनका पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया और कुछ देर ऐसे ही रहे उसके बाद उन्होंने फिर से लंड को बाहर निकालकर मेरी गांड में डाला और मेरी गांड में फिर से दर्द होने लगा और मेरी चीख निकल गई- आहहह आःह्ह्ह आःह्ह्ह आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह बाहर निकालो इसे, प्लीज इसे बाहर निकालो, बहुत दर्द हो रहा है, आह्हज आईईईई आह्ह्ह्ह उह्ह्ह आह्ह्ह, प्लीज.
पर उन्होंने मेरी चीख और दर्द पर ध्यान नहीं दिया और फिर उसके बाद धीरे धीरे मेरी गांड में पूरा लंड डाल दिया और उसे चोदने लगे, पर मेरी गांड का दर्द कम नहीं हो रहा था और दर्द से मेरे आँसू भी निकल गए थे.
दूसरी तरफ रानी की गांड का छेद भी चिंटू ने खोल दिया था और वो भी मेरी तरह दर्द से तड़प रही थी और उनसे छूटने की कोशिश कर रही थी और दर्द से उसके भी आँसू निकल रहे थे.
पर थोड़ी ही देर में हमारा दर्द कम हो गया और 10 मिनट तक हमारी गांड को आराम से चोदा. उसके बाद दोनों ने जगह बदली और दोनों के जगह बदलने तक दोनों की गांड को राहत मिली.
अब परीक्षित रानी को कुतिया बनाकर उसकी गांड चोदने लगे और चिंटू ने भी मुझे कुतिया बनाकर ही चोदा.
अब हमारी गांड का छेद थोडा ढीला हो चुका था और लंड उसमे आसानी से अंदर जा सकता था तो उन्होंने अब थोड़ी तेज गति से हमारी गांड को चोदना शुरू कर दिया.
क्योंकि परीक्षित और चिंटू दोनों के लंड समान मोटाई और लम्बाई के हैं तो हमें उनके लंड लेने में कोई तकलीफ नहीं हो रही थी. पर अभी हमारा दर्द बन्द नहीं हुआ था और दोनों फिर से दर्द से कराहने लगीं, और दोनों के फिर से आँसू निकलने लगे थे, हम दोनों रोती हुई हमारी गांड को चुदवा रही थीं और चीख भी रही थीं- आअह्ह्ह आःह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह् आआह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह्ह आःह्ह्ह आह्ह्ह अहह ऊओह्ह्ह ऊओह्ह्ह उम्मन आह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह प्लीज धीरे चोदो बहुत दर्द हो रहा है, आह्ह्ह अहह आअह्ह.
कुछ देर मुझे ऐसे ही चोदने के बाद चिंटू ने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड को चोदने लगे.
तभी परीक्षित ने भी रानी की गांड से लंड को बाहर निकाला और मेरे मुँह में दे दिया, मुँह में लेते ही उन्होंने मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया और रानी को किस करने लगे. परीक्षित ने रानी को घोड़ी बनाया और फिर से उसकी गांड में लंड डाल उसे चोदने लगे.
रानी बोली- प्लीज धीरे धीरे चोदना, मेरी गांड बहुत दर्द कर रही है.
पर उन्होंने रानी की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और तेज गति से धक्के देने लगे, कुछ ही देर में चिंटू भी उनके लंड को निकाल कर मेरे मेरे मुँह को चोदने लगे, मेरी भी गांड बहुत दर्द कर रही थी. अब चिंटू ने मुझे भी घोड़ी बनाया और मेरी गांड को चोदने लगे.
उन्होंने आधे घण्टे तक बदल बदल कर हमें सिर्फ घोड़ी और कुतिया बनाकर ही हमारी गांड चुदाई की. तभी चिंटू झड़ने के करीब पहुंचे और पूरी गति के साथ धक्के लगाने लगे, मेरी तो जैसे साँसें ही रुक गई, मैं दर्द से तड़पने लगी- आह्ह आह्ह्ह आह्ह आह्ह्ह आह्ह्ह निकालो, दर्द हो रहा है, प्लीज धीरे, धीरे, आह्ह आह्ह्ह आआआ आःह्ह्ह ह्ह्ह अह्ह्हम्म ह्ह्म्म्म ह्म्म्म.
थोड़ी देर में चिंटू ने उनका गर्म माल मेरी गांड में निकाल दिया और लंड को बाहर निकाल लिया. मैं बेड पर लेट कर राहत की सांस ले रही थी, मेरी गांड में अब एक हल्की से मीठी जलन और दर्द हो रहा था, चिंटू भी हाँफ रहे थे.
अब परीक्षित ने रानी को ऊपर घोड़ी बनाया और उसकी भी यही हालत कर दी जो चिंटू ने मेरी की थी. परीक्षित ने भी उनका माल रानी की गांड में निकाला. रानी मेरे ऊपर ही लेट गई तभी परीक्षित, जो हाँफ रहे थे, उनके लंड को मेरे मुँह के पास लेकर आये मैं उसे मुँह में लेकर चूसने लगी, और चिंटू जो मेरे पास में ही बैठे हुए थे उनके लंड को भी सहलाने लगी.
रानी बैठ कर उसकी गांड से रस को साफ करने लगी और साथ में दर्द से थोड़ी सिसकारी भी ले रही थी.
उसके बाद हम दोनों भी एक साथ बाथरूम गईं और उसके बाद किचन से थोड़ा नाश्ता जिसकी व्यवस्था हमने की हुई थी, और चाय बनाई, क्योंकि उन्होंने एक बार और हमारी गांड को चोदने की इच्छा जताई थी तो हमने कपड़े भी नहीं पहने और नंगी ही रहीं.
नाश्ता करने और चाय पीने के बाद उन्होंने हमारी एक बार और गांड को चोदा हम दोनों को घर तक छोड़ा.
सुबह जब उठीं तो हमारा दर्द बहुत ही कम हो चुका था.
तो यह थी हम दोनों सहेलियों का कुंवारी गांड का चोदन. उसके बाद दोनों ने जितनी बार भी हमें चोदा, हमारी गांड को जरूर चोदा और हमने भी उन्हें निराश नहीं किया, और न ही उन्होंने हमें.
मैं परीक्षित को धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने मेरी चोदन कथा को लिखने में मेरी मदद की. मैं अभी उनके पास बैठकर ही यह कहानी लिख रही हूँ.
अगर आपको इस कहानी के बारे में कुछ पूछना है तो मुझसे या परीक्षित से पूछ सकते हैं. पर मेरी फ़ोटो, मोबाइल नम्बर, फेसबुक आईडी, या कोई कॉन्टेक्ट न मांगें.
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