पंजाबन आंटी की गांड चुदाई की फैन्टेसी

(Non Veg Story: Panjaban Aunty Ki Gand Chudai Ki Fantasy)

sanju1122 2017-11-02 Comments

हैलो मैं संजू.. पिछले साल से ही एक जिगोलो बना हूँ. मैं दिल्ली में रह कर स्टडी करता हूँ. मेरी उम्र 22 साल है.

एक रात मैं कनाट प्लेस में घूम रहा था. मैंने सोचा कि चलो गोल-गप्पे खाते हैं और मैं एक खोमचे पर खड़ा हो कर गोल गप्पे खाने लगा. वहां पहले से ही एक आंटी अपने बच्चे के साथ गोल-गप्पे खा रही थीं. मैं भी खाने लगा.

तभी एक चोर आंटी का पर्स लेकर भागने लगा, आंटी एकदम जोर से चिल्ला उठी, आंटी की चीख सुन कर मैं उस चोर के पीछे भागा और उससे लड़ कर उनका पर्स लेकर आ गया.. और उनको दे दिया.

उन्होंने मुझे थैंक्स बोला लेकिन मुझे कुछ चोट लग गई थी और खून निकल रहा था. उन्होंने चोट देखी तो वो मुझे अपने साथ घर ले गईं. उनकी कार में बैठ कर मैं उनके साथ उनके घर आ गया.

आंटी का नाम तान्या था और उनकी उम्र 32-34 साल की रही होगी. उनके तने हुए मम्मों का साइज़ 34 इंच का था और उठी हुई और गांड का नाप 42 इंच का होगा. वो एकदम मस्त और गोरी माल थीं. मेरा तो उनकी मदमस्त जवानी देख कर बुरा हाल होने लगा.

अब यार मैं भी जवान था और वो आंटी पंजाबन थीं, जो कि मुझे बाद में पता चला.

थकान के कारण उनका बच्चा अपने रूम में सोने चला गया. आंटी ने बोला- बेटा, तुमको चोट ज़्यादा लगी है.
ये सच था चोर ने मेरी जाँघ पर ब्लेड से वार किया था, जिससे मेरी पैन्ट खून से लाल हो गई थी.
आंटी बोली- अपनी पैन्ट खोलो मैं पट्टी कर देती हूँ.

मैंने अपनी पैन्ट खोल दी. मुझे दर्द भी हो रहा था और मेरा लंड भी कड़क हो रहा था.

आंट ने पट्टी करते समय मेरे लंड को 3-4 बार टच किया होगा.. जिससे मेरा लंड और भी ज्यादा टाइट हो गया था.

मैंने आंटी से उनके पति के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया- मेरा तलाक हो चुका है.
मैंने बोला- सॉरी..
आंटी ने ‘ओके..’ बोल कर चाय बनाने किचन में चली गईं.

कुछ ही मिनट में आंटी चाय बनाकर और एक गाउन पहन कर वापस आई और अपनी मोटी गांड टिकाते हुए सोफे पर बैठ गई. मैं बार-बार उनके मम्मों को देख रहा था और और वो मेरे फूले हुए लंड को देख रही थीं.

मैंने ये देखा तो वो मुस्कुराने लगीं. मैं अभी भी अंडरवियर में था. मेरी और मेरे खड़े लंड की हालत देख कर आंटी बोलीं- मैं तुम्हारी कुछ हेल्प करूँ.. तुमने भी तो मेरा पर्स चोरी होने से बचाया है.
मैं लंड सहलाने लगा.
तभी आंटी ने मेरी तरफ आँख मारते हुए बोला- मैं ये समझ लूँगी कि ये पैसे मैंने किसी जिगोलो को दे दिए.
मैं हंस कर ओके बोला..

तो आंटी खुलते हुए बोली- मुझे वाइल्ड सेक्स बहुत पसंद है, मतलब मेरी एक अलग ही फैन्टेसी है. क्या तुम मेरी इच्छा पूरी कर सकते हो?
मैंने पूछा- वो कैसे?
आंटी ने एकदम से चुदक्कड़ों टाइप भाषा इस्तेमाल करते हुए कहा- मेरी गांड चूस कर.. सूंघ कर.. मेरी गांड मार कर मुझे खुश कर दो.

मैं खुश हो गया. आंटी मेरे पास आकर गांड तरफ से मुड़ गईं और उन्होंने अपना गाउन उठा कर पैन्टी को नीचे कर दिया. मैं अभी उनकी गोरी गांड का मुयायना कर ही रहा था कि आंटी अपनी गांड को मेरे मुँह पर रगड़ने लगीं. मैं भी उनकी नर्म गांड का अहसास पाकर मस्त हो उठा और उनकी गांड को सूँघने लगा. फिर मैंने अपनी जीभ उनकी गांड के छेद में डाल कर गांड को कुत्ते के तरह चाटने लगा.
‘अहह ओहआ.. यस और चूसोऊऊओ मेरी गांड.. अह.. मैं जानती हूँ तुम मेरी फैन्टेसी पूरा करोगे.. प्लीज़ और तेज चूसो.. ओह.. कितना मजा आ रहा है.’

मैं अपने एक हाथ से आंटी के मम्मों को भी दबा रहा था. आंटी मजे में चिल्ला रही थीं. मैं गांड चाटने के साथ ही उनकी चुत पर अपनी जीभ फिरा रहा था.

अंत में आंटी एकदम से गरमा गईं और उन्होंने अपनी चुत का माल गिरा दिया. मैंने आंटी का नमकीन टेस्ट वाला सारा जूस पी लिया.

फिर कुछ देर बाद आंटी ने मेरे लंड को अंडरवियर से निकाला और लंड देख कर बहुत खुश हो गईं.

आंटी मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं. थोड़ी देर लंड चूसने के बाद आंटी फ़्रिज़ से चोकलेट वाली पेस्ट्री लेकर आईं और मेरे लंड पर लगा कर चूसने लगीं और पेस्ट्री खाने लगीं. थोड़ी देर बाद मेरा भी लंड माल निकालने वाला हुआ तो मैंने आंटी को हटाने के कोशिश की.. लेकिन वो लंड चूसती ही रहीं.

मैं भी उनके मुँह में ही झड़ गया. आंटी ने बड़े मज़े के साथ मेरे लंड रस को पी लिया.

अब मैंने भी पेस्ट्री लेकर उनके मम्मों, गांड और चुत पर लगा दी और मजे से चूसने लगा. दस मिनट बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया.

मैंने लंड हिलाते हुए आंटी को देखा तो आंटी ने बोला- पहले मेरी चुत को शांत करो.. मुझे जल्दी से चोद दो.. मैं पागल हो रही हूँ.

अपने लंड पर मैंने थोड़ी सी पेस्ट्री की क्रीम लगाई और आंटी की चुत में लंड डालने लगा. थोड़ी कोशिश में मेरा पूरा लंड आंटी की चुत के अन्दर चला गया.
अब मैं धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा. आंटी भी लंड से चुदाई के मज़े में चिल्ला रही थीं- आह.. और थोड़ा तेज करो!

मैंने भी अपनी चुदाई करने की स्पीड तेज कर दी.

‘ओह यआह यसस्स्स.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… और तेज चोदो.. और चोदो..’

थोड़ी देर में आंटी झड़ कर शांत हो गईं और उन्होंने मुझसे रुकने को बोला. वो झड़ चुकने के बाद लस्त हो गई थीं.. लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा था.
आंटी ने कहा- तुम अपना लंड अन्दर ही डाले रखो लेकिन थोड़ा रुक कर दुबारा चुदाई कर लेना मेरे गबरू जवान लौंडे..

मैं खुश हो गया कि आंटी को मेरा लंड पसंद आ गया. मैंने आंटी की चुत से लंड निकालते हुए कहा कि मुझे भी प्यास लगी है.. मुझे पानी पीना है.

आंटी गांड हिलाते हुए उठीं और किचन से जूस लेकर आ गईं और मुझे पीने को दिया- लो पी लो.. थोड़ी ताक़त भी आ जाएगी.. अभी रात बाकी है और तुमको मेरी गांड फिर से चाट कर मारना है.
यह सुन कर मैं बहुत खुश हुआ. जूस पी कर उनके बिस्तर पर थोड़ा रेस्ट करने लगा.

मैं आंटी से बातें करने लगा. बातों ही बातों में आंटी ने पूछा- तुमको कैसा लगा.. और मुझमें क्या पसंद आया?
मैंने कहा- मुझे आपकी गांड बहुत शानदार और मस्त लगी.
आंटी ने बोला- तो क्या फिर से मेरी गांड चाटना और मारना पसंद करोगे? मुझे भी तुम्हारा लंड भी बहुत मजेदार कड़क और जवान लगा है. देखो अभी भी कैसा सालिड खड़ा है.

मैं समझ गया कि आंटी फिर से गरमा गई हैं. मैं तुरंत आंटी के होंठों को चूसने लगा और उनकी गांड पर तेज-तेज चाटें मारने लगा.

आंटी सीत्कार करने लगीं और उन्होंने बोला- तुम तो मेरी फैन्टेसी को पूरा समझ गए. लेकिन थोड़ा धीरे मारो यार, मेरा बेटा जग जाएगा. चलो बाथरूम में चल कर चुदाई करते हैं.

हम दोनों बाथरूम में आ गए. मैंने दरवाजा बंद करके उनकी गांड पर चाटें मारने लगा.. आंटी रंडियों सी चिल्लाने लगीं.
थोड़ी देर बाद मैं आंटी की गांड को फैला कर सूंघने और चाटने लगा. आंटी और भी ज़्यादा मस्ती में आकर सिसयाने लगीं और बोलने लगीं- आह.. और तेज काटो मेरी गांड.. ओह गॉड.. सॉट हॉट युवर टंग इन माय आस अह अहह ऊऊऊ माँम्माआ.. अईए.. इसस्स्स्स्स्.. ऊओह गुड प्लीज़.. अब मेरी गांड में अपना हॉट लंड डालो प्लीज़ और तेज़ी से चोद दो मुझे मेरे यंग जिगोलो ब्वॉय.. मुझे खुश कर दो.. मैं तुम्हें अपनी सहेलियों की भी गांड दिलवाऊंगी और तुम्हें पैसे भी मिलेंगे.

मैं ताव में आकर अपना मोटा लंड उनकी गांड में डालने लगा. थोड़ी कोशिश के बाद मेरा पूरा लंड आंटी की गांड के अन्दर चला गया. पहले तो मैंने धीरे-धीरे गांड मारी, फिर तेज स्पीड से उनकी गांड चोदने लगा.

आंटी मस्त होकर गांड को पीछे करके मेरा साथ देने लगीं और चिल्लाने लगीं- व्हाट ए लंड यार.. सीईईई ओईए माँआ मर गई यू आर सो हॉट डार्लिंग.. तुम्हारा लंड बहुत मज़ा दे रहा है.. यसस्स्स फक मी हार्डर और तेज चोदो!

मैंने लंड बाहर निकाल कर दुबारा से जीभ डाल कर गांड को चूसने लगा. फिर मैंने अपना लंड आंटी के मुँह में दे दिया वो पागलों की तरह लंड चूसने लगीं.

कुछ मिनट लंड और गांड की चुसाई के बाद मैं दोबारा उनकी गांड मारने लगा. इस बार और ज़्यादा मज़ा आने लगा. लंड बड़ी आसानी से आंटी की गांड में अन्दर-बाहर हो रहा था.

आंटी मस्ती में चिल्लाने लगीं- अह.. वॉट ए लवली लंड.. यसस्स्स्स्स.. ओह.. अहह कम ऑन.. और तेज-तेज धक्के मारो!

अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने पूछा- कहाँ निकालूँ आंटी?
आंटी ने सिग्नल दे दिया- मेरी गांड में ही निकाल दो प्लीज़.. अह कितना मस्त चोदा… ह ओह आह!

तभी मैं उनकी गांड में झड़ गया. फिर हम दोनों ने नहाकर कपड़े पहन लिए. आंटी और मैं रूम में आ गए.

आंटी ने मुझे 2000 रूपए दिए और बोला- मेरी सहेली को भी जवान लंड और डर्टी सेक्स पसंद है. वो भी जिगोलो बुला कर अपने को चुदवाती है.
मैं आंटी को अपना नम्बर देकर चला गया. एक वीक के बाद एक दूसरी आंटी का कॉल आया. उधर से सुरीली आवाज़ आई- हैलो संजू..!
मैंने भी ‘हैलो..’ बोला और पूछा- कौन?
उन्होंने बोला- मैं तान्या की सहेली शिवानी बोल रही हूँ.
‘ओह बोलिए..?’
‘क्या तुम कल दस बजे रात को मेरे घर आ सकते हो.. मुझे भी अपनी फैन्टेसी पूरी करवानी है?’
मैंने ‘ओके..’ बोलकर फोन रख दिया. इस प्रकार मैं जिगोलो बन गया.

शिवानी की चुदाई की नोन वेज स्टोरी अगली बार लिखूंगा.. आप मुझे मेल लिखिएगा.
[email protected]

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