कुँवारी पिंकी की सील तोड़ चुदाई -6
(Kunwari Pinki Ki Seal Tod Chudai- Part 6)
This story is part of a series:
-
keyboard_arrow_left कुँवारी पिंकी की सील तोड़ चुदाई -5
-
keyboard_arrow_right कुँवारी पिंकी की सील तोड़ चुदाई -7
-
View all stories in series
तभी दरवाजे की घंटी बजी।
देखा.. तो पिंकी थी.. पर ये क्या.. फिर से पिंकी ने गुलाबी साड़ी पहनी हुई थी।
मैंने पिंकी को अपने पास खींच लिया और दरवाजा बंद कर दिया ‘क्या मस्त लग रही हो जान.. आज तो सुहागरात तो हो ही जाए’
तो पिंकी बोली- हाँ हाँ.. इसी लिए तो आई हूँ.. अभी मौका बचा है..
मैंने उसके होंठों को किस किया और ब्लाउज़ के ऊपर से ही मम्मों को दबा दिया।
पिंकी बोली- अभी नहीं.. रात में तुमको कॉल कर दूँगी.. ओके.. तुम छत का दरवाजा खोल के रखना।
मैंने कहा- मैं रात में दरवाजा खुला रखूंगा, 11 बजे आ जाना, ओके..
फिर वो खाना बना के घर चली गई।
पिंकी के जाने के बाद मैंने खाना खाया और आराम करने लगा।
11 बजे रात में मैं छत पर पिंकी का इन्तजार कर रहा था कि वो 10 मिनट बाद आई। पिंकी ने ब्लू कलर की नाईटी पहन रखी थी, क्या मस्त माल लग रही थी यार… मन तो किया कि अभी ही चोद डालूं पर मैंने सोचा चोदना है तो प्यार से चोदेंगे।
मैं- और मैडम जी, आज तो बहुत सेक्सी लग रही हो इस नाइटी में!
पिंकी- सच में? थैंक यू जी!
मैं- किसी ने देखा तो नहीं?
पिंकी- नहीं यार, आज मैं ऊपर वाले रूम में सोई थी तो कोई प्रॉब्लम नहीं है।
फिर मैं धीरे से पिंकी के पास गया और पिंकी को लब चूमने लगा।
पिंकी- बेबी यहीं सब करोगे क्या? चलो नीचे चलो।
फिर क्या था, मैंने पिंकी को उठाया और सबसे नीचे वाले कमरे में ले गया जहाँ पहले भी पिंकी की जोरदार चुदाई करी थी।
अब मैंने पिंकी को बेड पर लाकर बैठा दिया, फिर मैं रसोई में गया और 2 गिलास दूध लेकर आया, एक गिलास पिंकी को दिया और दूसरे को मैंने अभी नहीं पिया। पहले मैंने वो ताकत वाली गोली ली और दूध पी गया।
अब मैंने पिंकी को अपने पास खींचा और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमा चाटी चालू।
अब धीरे धीरे पिंकी की पीठ पर मेरे हाथ चलने लगे और चुम्बन करता हुआ पिंकी की पीठ को प्यार से सहलाना शुरु कर दिया।
अब पिंकी को भी हल्का हल्का मजा आने लगा तो पिंकी लोअर के ऊपर से ही मेरे लण्ड को सहलाने लगी।
अब मैंने पिंकी की नाइटी को हल्के हल्के से ऊपर करना शुरु किया, मैं पिंकी की नाइटी को पिंकी की जांघ से सहलाते हुए ऊपर रहा था और मेरा हाथों का इतना प्यारा स्पर्श पा कर पिंकी को भी मजा आ रहा था।
मैंने जैसे ही नाइटी को कमर तक करा तो देखा पिंकी ने काली पैंटी पहनी हुई है।
मैंने पिंकी की पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को हल्का सा सहला दिया और अब मैंने पिंकी की नाइटी को उतार दिया, पिंकी ने सफ़ेद ब्रा पहनी है। पिंकी बस पैंटी और ब्रा में ही थी, पर क्या लग रही थी।
अब पिंकी ने भी थोड़ी मस्त होकर मेरी टीशर्ट भी उतार दी और लोअर को भी, अब मैं सिर्फ़ अंडरवीयर में था और पिंकी मेरे लंड को पकड़ कर सहला रही थी, मैं भी पिंकी के बूब्स से मजे लिए जा रहा था।
मैंने पिंकी को लेटा दिया और उसकी ब्रा खोल दी और उसके चूचों को सहलाने लगा और एक को चूसने लगा।
इतने में पिंकी की सिसकारियाँ शुरू हो गई, मैं थोड़ी जोर से पिंकी के एक स्तन को दबा रहा था तो दूसरे को मुँह में लेकर चूस रहा था और पिंकी की मदमस्त आवाज मेरे कान में गूँज रही थी- आआऊऊ… ऊओह्ह… ह्ह्ह्ह्ह… ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्हम्म ऊओ म्मम्म ह्ह्हयस यश बेबी ऐसे ही चूसो आआह्ह्ह्ह…
मैं आपको एक बात बता दूँ खास तौर पर सेक्सी लड़कियों और भाभियों को, मुझे लड़की हो या भाभी उनकी कमर को सहलाना और नाभि को चाटना और लबों को जोर जोर से चुम्बन करके काटना और चूसना और चूत को चाटना और मुझे ऐसी लड़की और भाभियाँ पसंद है जो शरमाये न और वाइल्ड सेक्स खुल के करें।
मैंने अब पिंकी की कमर को प्यार से सहलाने लगा, चूमने जिससे पिंकी को और भी मजा आ रहा था। फिर मैंने उसकी नाभि पर किस की और वो मस्ती से आवाजें निकल रही थी।
अब मैंने पिंकी की पैंटी और पिंकी ने मेरा अंडरवीयर उतार दिया। मैं बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर ही लेट गई इस बार हमने 69 का पोज़ किया जिसमें पिंकी मेरे ऊपर लेटी हुई मेरे लंड को चूस रही थी, मैं उसकी चूत को चाट रहा था, चूस रहा था।
इस पोज़ मैं दोनों को बहुत मजा आया, हम दोनों ही एक दूसरे के गुप्त अंगों को प्यार कर रहे थे। जब मैं पिंकी की चूत चाट रहा था तो पिंकी की आवाज उसके मुँह में ही रह जाती थी क्योंकि मेरा लंड उसके मुँह में ही था।
और इसी बीच मैंने पिंकी की चूत में एक उंगली घुसाई और अंदर बाहर करने लगा और अब पिंकी मुँह में से लंड निकाल कर सिसकारियाँ भर रही थी, जब मैं उसकी आवाजें सुनता तो और जोर जोर से उंगली को चूत के अंदर बाहर करता जिससे पिंकी को मजा भी आ रहा था और उसकी चूत काफी गीली भी हो गई थी, और मेरा लंड भी तैयार हो चुका था पर मैंने सोचा क्यों न थोडा और तड़पाया जाये।
अब मैंने पिंकी की चूत में 2 उंगलियाँ डाली, पिंकी ‘आआह्हह्हह जोर जोर से और…’ जोर जोर से सिसकारियाँ ले रही थी।
अब मैंने पिंकी को पीठ के बल लेटा दिया और उसकी दोनों टाँगों के बीच में आ गया और उसके चूचों को जोर से दबा दिया।
पिंकी- ऊऊऊईई ईईईई मेरे यश, आराम से दबाओ न बेबी!
फिर मैं पिंकी की चूत पर अपनी जीभ को लगा कर उसके दाने को चाटने लगा। पिंकी को यह बहुत अच्छा लगा और वो अपनी गांड को हिला कर बोल रही थी- यस बेबी, ऐसे ही और जोर जोर से चाटो, हा हा ऊओह्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्ह ह्ह्म्म म्मम्म आआह्ह हऊऊओ… बहुत मजा आ रहा है!
ये सब पिंकी को बहुत अच्छा लगा और वो झड़ गई। अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था क्योंकि ये सब करते हुए हमको एक घन्टा हो गया था, मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो पिंकी को बहुत मजा आ रहा था।
2 मिनट तक मैंने पिंकी की चूत और अपना लंड को रगड़ा और पिंकी बोली- बेबी, अब डाल भी दो ना, कितना तड़पाते हो!
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब मैंने पिंकी की चूत पर अपना लंड रख कर एक जोर से झटका मारा, पिंकी जोर से चीख पड़ी- आआआ आःह्ह ह्ह्ह ह्ह्ह यश, आराम से जान!
और पिंकी की चूत में मेरा आधा लंड चला गया था, पिंकी की चूत अभी भी टाइट थी।
कुछ देर रुक कर मैंने पिंकी के लबों को चूमना शुरू किया और साथ ही उसके चूचे भी दबा रहा था।
अब पिंकी शांत हुई। जैसे वैसे ही मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक और जोर से धक्का दिया, इस बार पूरा लंड पिंकी की चूत में चला गया और पिंकी का तो जैसे मानो दम ही निकल गया हो- ह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह्मम्म म्मम्म ऊईईई ईईई ह्ह्हहू ऊऊऊईईईईई!
कुछ देर ऐसे ही उसके ऊपर लेट गया। 5 मिनट हुए होंगे कि अब पिंकी अपनी गांड को हिला रही थी और लंड को अंदर ले रही थी। मैंने देखा कि पिंकी अब ठीक है तो फिर मैं उसकी चूत में हल्के हल्के से धक्का देने लगा था और पिंकी की आवाज निकल रही थी- ऊओइ आआआ आआःह्ह ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्हम्म म्मम्म ऊऊऊऊऊ!
करीब 5 मिनट आराम आराम से चोदने के बाद मैंने अपनी स्पीड थोड़ी तेज़ कर दी और जोर जोर से उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और जब मेरा लंड उसकी चूत से टकराता तो फच फच की आवाज और जोर जोर से पिंकी की चुदाई हो रही थी।
अब मैं बेड पर पीठ के बल लेट गया और मैंने देर न करते हुए पिंकी को वापस लेटा दिया फिर उसकी चूत पर लंड रख कर धक्का दिया आधे से ज्यादा लंड पिंकी की चूत में डाला इसमें पिंकी की आवाज निकल गई- ऊऊआआ आआआ यश, आराम से करो न, मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।
फिर मैंने लंड को हल्का सा बाहर किया और एक और जोरदार धक्का दिया और पिंकी जोर से चिल्ला दी- ऊऊऊओ यश आज तो तुम न, जान ही निकालोगे? बेबी आराम से करो न, यश दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- बेबी, आज ही तुमको अलग मजा दे देता हूँ।
यह कहते ही मैं पिंकी के चूचों को जोर जोर से दबाने लगा।
पिंकी को भी मस्ती छाने लगी और वो भी मेरा साथ देने लगी, उसकी मदमस्त सिसकारियाँ मुझे और भी पागल कर देती तो पिंकी को और भी जोर जोर से चोदने लगा।
कुछ मिनट इस पोज़ में ही चुदाई करने के बाद मैंने पिंकी की एक टांग अपने कंधे पर रखी और पिंकी की चूत में लंड डाल कर जोर जोर से पिंकी की चुदाई करना शुरू किया और साथ में ही कभी कभी उसके चूचों को दबा देता और पिंकी और मेरी आवाज पूरे रूम में गूंज रही थी- बस ऊऊऊऊ ऊऊऊआआ आहआ यश चोदो… और जोर से जान ऊऊओआआःह्ह्ह ह्ह्ह्ह ह्ह्हम्मम्म म्मम्म!
5 मिनट ऐसे ही चुदाई की और पिंकी अब अकड़ने लगी और कहने लगी- यश मेरा होने वाला है।
मैंने भी पिंकी की चूत चुदाई जारी रखी और 20 – 30 झटके मारते ही पिंकी ने आपन माल निकाल दिया मगर मैं पिंकी की चुदाई किये जा रहा था।
5 मिनट हुए ही होंगे कि पिंकी को मैंने अब पेट के बल लेटा दिया।
पिंकी बोली- आप गांड में डालोगे न?
मैंने कहा- हाँ!
पिंकी ने कहा- तुम मानोगे तो नहीं! पर प्लीज आराम से करना।
मैंने कहा- ओके, आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब अपनी गांड में लंड डाल दूंगा, ओके।
मैंने वेसलिन ली और पिंकी की गांड में लगा दी, मैंने वेसलिन इसलिए ली थी क्योंकि वेसलिन ज्यादा मुलायम होती है।
फिर मैंने अपने लंड पर भी लगाई। अब पिंकी तो पेट के बल लेटी हुई थी, मैंने पिंकी की गांड में ऊँगली करी और अंदर बाहर करने लगा और फिर अपना लंड पिंकी की गांड पर रखा धीरे से धक्का दिया तो सुपारा ही अंदर गया था और पिंकी की हलकी सी आवाज निकली- आआआह्ह्ह…
फिर मैंने एक और धक्का दिया, इस बार पिंकी की गांड में आधे से ज्यादा लन्ड जा चुका था और पिंकी की दर्द हो रहा था- आआहह्ह यश बेबी, दर्द हो रहा है आराम से!
फिर देर न करते हुए एक धक्का और दिया पर इस बार थोड़ी जोर से धक्का मार था तो पिंकी चिल्ल्ला पड़ी- ऊऊऊ ऊऊओइ ऊऊईईईई आऊऊ ऊऊऊओईईईई यश…
अब मैं पिंकी के ऊपर ऐसे ही लेट गया और उसके चूचों को दबा रहा था और एक हाथ से उसकी बॉडी को सहला रहा था।
ऐसे ही करते हुए 5 से 7 मिनट हुए होंगे कि पिंकी अब अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी।
मेरे लंड की तो ऐसी की तैसी हो रखी थी, मैंने सोचा था कि एक बार तो लंड गांड में चला गया है तो आराम से चला जायेगा पर पिंकी की गांड तो अभी भी टाइट ही थी।
अब मेरे नीचे पिंकी अपनी गांड हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी और मैंने भी पिंकी की गान्ड चुदाई शुरू कर दी।
कसम से दोस्तो, इस पोज़ में भी बहुत मजा आता है।
फिर मैंने स्पीड बढ़ा दी, अब जोर जोर से पिंकी की गांड मार रहा था और पिंकी की बोल रही थी- ऊओईईऊऊ यस बेबी यस, चोदो और जोर जोर से चोदो! ह्ह ह्ह्ह्म्म् आआःह्ह्ह ह्ह्होईई ह्ह ह्हम्म म्मम्मा आआआईईई! यश आज फाड़ दो, मेरी गांड को चोदो और जोर जोर से!
ऐसे ही चुदाई करते हुए अब पिंकी फिर से अकड़ने लगी और झड़ गई पर हम दोनों ही थक गए थे तो दोनों लेट कर आराम करने लगे।
पिंकी- यश बेबी, आपका हुआ नहीं अभी तक एक बार भी?
मैं- नहीं जान, वो गोली खाने से जल्दी नहीं निकलता।
पिंकी- यानि अब और चुदाई करोगे मेरी?
मैं- हाँ अभी तो बहुत करनी है!
कहानी जारी रहेगी।
दोस्तो, मेल भेजना न भूलें।
[email protected]
What did you think of this story??
Comments