ज्योतिषी की सलाह-5
प्रेषक : रिशु रश्मि कितनी देर तक बर्दाश्त करती। उसकी चूत के मूत्र-छिद्र से हल्की सी पेशाब की धार फिर चालू हो गई जो मेरी ठोड़ी से होती हुई गले के नीचे गिर सीने से होती मेरे लंड को जैसे धोती जा रही थी। उसने मेरे सिर के बाल पकड़ लिए कसकर। मैं तो मस्त […]